व्हिप: क्या है यह ‘गुप्त’ निर्देश, जो बदल सकता है चुनावों का परिणाम?

Whip Use In Voting: राज्यसभा चुनावों में अलग मतदान (क्रॉसवोटिंग) के बाद व्हिप का इस्तेमाल चर्चा में आ जाता है। व्हिप शब्द पार्टी लाइन के पालन में इस्तेमाल वाली पुरानी ब्रिटिश प्रथा से आया है। इसके इस्तेमाल का अर्थ सचेतक या मार्ग दिखाना है। व्हिप पार्टी अनुशासन का एक महत्वपूर्ण साधन है।

Whip Use In Voting

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व्हिप: संसद प्रणाली में अहम उपकरण

व्हिप लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण उपकरण है जिसके द्वारा राजनीतिक दल अपने सदस्यों को सदन में वोटिंग के लिए निर्देश देते हैं। यह निर्देश सदस्यों को पार्टी लाइन के अनुसार मतदान करने के लिए बाध्य करता है।

व्हिप जारी करने का उद्देश्य विधायकों या सांसदों को क्रॉस वोटिंग करने से रोकना होता है। व्हिप जारी करने का मकसद अपने सदस्यों को एकजुट करना होता है।

व्हिप के तीन प्रकार

  • लाइन व्हिप – यह सबसे आम प्रकार का व्हिप है। यह सदस्यों को एक विशेष बिल या प्रस्ताव के पक्ष या विपक्ष में मतदान करने का निर्देश देता है।
  • थ्री-लाइन व्हिप – यह एक अधिक गंभीर व्हिप है। यह सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने और पार्टी लाइन के अनुसार मतदान करने का निर्देश देता है।
  • फोर-लाइन व्हिप – यह सबसे गंभीर प्रकार का व्हिप है। यह सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने, पार्टी लाइन के अनुसार मतदान करने और अन्य सदस्यों को भी ऐसा करने के लिए मनाने का निर्देश देता है।

इन स्थितियों में व्हिप इस्तेमाल होगा

जब सरकार अपनी ताकत का परीक्षण करती है तो पार्टियां अपने सदस्यों को व्हिप जारी करके सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए निर्देश दे सकती हैं। जिस समय कोई अहम विधेयक सदन में पेश होता है तो पार्टियां अपने सदस्यों को व्हिप जारी करके पार्टी लाइन के अनुसार मतदान करने के लिए निर्देश दे सकती हैं।

राज्यसभा चुनावों में, पार्टियां अपने सदस्यों को व्हिप जारी करके पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने के लिए निर्देश दे सकती हैं।

इन हालात में व्हिप का इस्तेमाल नहीं होगा

जब कोई अविश्वास प्रस्ताव सदन में पेश होता है, तो पार्टियां अपने सदस्यों को व्हिप जारी नहीं कर सकतीं। सदस्यों को अपनी अंतरात्मा की आवाज के अनुसार मतदान करने का अधिकार होता है। जब कोई नैतिक मुद्दा सदन में पेश होता है तो पार्टियां अपने सदस्यों को व्हिप जारी नहीं कर सकतीं।

सदस्यों को अपनी अंतरात्मा की आवाज के अनुसार वोटिंग करने का हक होता है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टियां अपने सदस्यों को व्हिप जारी नहीं कर सकतीं। सदस्यों को अपनी पसंद के अनुसार उम्मीदवार को वोट देने का अधिकार होता है।

व्हिप का उल्लंघन हो तो

यदि कोई सदस्य व्हिप का उल्लंघन करता है तो पार्टी उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए नोटिस दे सकती है। पार्टी सदस्यता रद्द करने, पद से हटाने या अन्य कार्रवाई कर सकती है।

व्हिप पार्टी को सदन में अपनी ताकत दिखाने में मदद करता है। हालांकि कुछ मामलों में इसका इस्तेमाल सदस्यों की स्वतंत्रता को कम करने के लिए भी किया जाता है।

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