उत्तर प्रदेश ई पड़ताल योजना शुरू, किसानों की फसलों का होगा डिजिटल सर्वे

उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय में वृद्धि करने एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक योजनाओं की शुरुआत करती है।

आज कल राज्य सरकार ने किसानों की फसलों का डिजिटल सर्वे करने के लिए ई पड़ताल योजना की शुरुआत की है। राज्य में होने वाली रबी, खरीफ और जायद की फसल को मौसम से कितना नुकसान होता है इस सर्वे के माध्यम से सरकार को किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने में आसानी होगी।

उत्तर प्रदेश ई पड़ताल योजना क्या है
उत्तर प्रदेश ई पड़ताल योजना

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको उत्तर प्रदेश राज्य की ई पड़ताल योजना की पूरी जानकारी प्रदान करेंगे।

ई पड़ताल योजना क्या है?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में ई-पड़ताल योजना की शुरुआत की गयी है। यह इस योजना के माध्यम से राज्य के किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए उनकी फसलों एवं कृषि से जुडी अन्य जानकारियों का सर्वे किया जा रहा है।

योजना में किया जाने वाला कार्य डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से किया जा रहा है। अब तक राज्य के 21 जिलों में यह सर्वे पूरा हो गया है। राज्य के 75 जिलों में यह सर्वेक्षण किया जायेगा। इसकी सहायता से किसानों को भविष्य में किसी भी योजना का लाभ समय पर प्रदान किया जायेगा।

आर्टिकल ई पड़ताल योजना
राज्य उत्तर प्रदेश
विभागकृषि विभाग
उद्देश्य राज्य के किसानों की फसलों का डिजिटली सर्वेक्षण कर उन्हें भविष्य में सहायता प्रदान करना
लाभार्थी उत्तर प्रदेश के किसान
आधिकारिक वेबसाइट जल्द जारी की जाएगी

ई पड़ताल योजना का उद्देश्य

ई पड़ताल योजना को शुरू करने का राज्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य एक पारिस्थितिकी तंत्र एवं एक विश्वसनीय डेटाबेस बनाना है। इस योजना के माध्यम से किसानों की फसलों को होने वाले मौसमी नुकसान की भरपाई समय रहते ही सरकार द्वारा कर दी जाएगी।

यह योजना राज्य में कृषि क्षेत्र में परिवर्तन ला सकती है। सर्वे से प्राप्त होने वाले आंकड़ों की सहायता से किसानों की पहचान करने में आसानी होगी। बाढ़, सूखे जैसी समस्याओं से फसलों के नुकसान का ब्यौरा प्राप्त हो जायेगा। इस योजना से किसानों को आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकेगी।

ई पड़ताल योजना की विशेषताएं

  • ई पड़ताल योजना में उत्तर प्रदेश के 75 जिलों की 350 तहसीलों में 31,002 लेखाकारों की सहायता से 35,983 समूहों का सर्वेक्षण किया जायेगा।
  • इस वर्ष राज्य में खरीफ की फसल का सीजन 15 जून से शुरू हुआ है। खरीफ के सीजन का सर्वें 10 अगस्त से 25 सितंबर तक किया जायेगा।
  • ऐसी योजना में रबी की फसल का सर्वेक्षण 1 जनवरी से 15 फरवरी के बीच किया जायेगा।
  • राज्य में होने वाली जायद की फसल का सर्वे 1 मई से 31 मई के बीच किया जायेगा।
  • ई-पड़ताल योजना में अक्टूबर में एक विशेष सर्वे किया जायेगा।
  • इस योजना में होने वाले सर्वे के लिए प्रत्येक जिले में डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर्स और तहसील स्तर में तहसील मास्टर ट्रेनर्स का निर्धारण कर उन्हें ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।
  • योजना में सर्वे के लिए बने सर्वेक्षणकर्ताओं, परिवेक्षकों एवं सत्यापनकर्ताओं को कृषि भवन लखनऊ में प्रशिक्षित किया जायेगा।
  • पुरे राज्य में कुल 12 असिस्टेंट कमिश्नर स्तर के स्टेट मास्टर ट्रेनर्स का निर्धारण कर उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर लिया गया है।
  • सरकार द्वारा इस योजना को दो चरणों में लागू किया गया है। पहला चरण राज्य के 21 जिलों में सर्वेक्षण पूरा हो गया है अब 54 जिलों में सर्वेक्षण जारी है।
  • उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के संचालन के लिए राज्य, जिला और तहसील स्तर पर चार कमेटियां बनाई गयी है जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा की जाएगी।

ई-पड़ताल योजना के लाभ

इस योजना में होने वाले सर्वे से अनेक लाभ भविष्य में किसानों को प्राप्त होंगे:

  • इस योजना में होने वाले सर्वे से किसानों की आय को बढ़ाने के 6 पॉइंट में फ्रेमवर्क तैयार किया जायेगा।
  • योजना के सर्वे में आने वाली समस्याओं के निदान के लिए हेल्प डेस्क की सहायता ली जाएगी।
  • किसानों को सर्वे में मिले डाटा के अनुसार लाभ प्रदान करने में आसानी होगी।
  • राज्य सरकार एवं किसानों के मध्य सामंजस्य स्थापित करने में यह सर्वे अहम भूमिका निभाएगा।
  • राज्य के किसान, किसान क्रेडिट कार्ड की सहायता से योजनाओं में प्रदान की जाने वाली सब्सिडी को आसानी से प्राप्त करेंगे।
  • योजना में होने वाले सर्वेक्षणों के सही आंकड़ों के आधार पर राज्य के प्रत्येक जिले की जीडीपी में वृद्धि होगी।
  • किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बार-बार प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए नहीं भटकना होगा।

योजना में सर्वेयर करेंगे किसानों का रजिस्ट्रेशन

इस योजना के आवेदन या रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है। योजना के सर्वेक्षण के लिए नियुक्त किये हुए सर्वेयर आप तक स्वयं पहुँचेंगें। जिले में कृषि विभागों के कार्यालयों से आपकी कृषि सम्बंधित जानकारी उन्हें प्राप्त हो जाएगी।

इस सर्वे में आपकी कृषि भूमि एवं उसमें होने वाली फसल के आंकड़े के साथ आपका भी पंजीकरण स्वतः ही हो जायेगा। भविष्य में यदि आपको फसल का नुकसान होगा तो इस सर्वे की सहायता से सरकार आपको आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।

E-Padtal Yojana से सम्बंधित प्रश्न एवं उत्तर

ई-पड़ताल योजना किस राज्य द्वारा शुरू की गयी है?

ई-पड़ताल योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गयी है।

ई-पड़ताल योजना क्या है?

ई पड़ताल योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में किसानों की फसलों का सर्वे किया जायेगा। इस सर्वे की सहायता से भविष्य में प्राकृतिक आपदा की वजह से होने वाले फसलों के नुकसान का मुआवजा प्रदान करने में आसानी होगी।

UP E-Padtal Yojana को राज्य में कितने चरणों में लागू किया गया है?

UP E-Padtal Yojana को 2 चरणों में लागू किया गया है पहला चरण 21 जिलों में सर्वे का पूरा हो गया है। दूसरे चरण में 54 जिलों का सर्वेक्षण चल रहा है।

E-Padtal Yojana का उद्देश्य क्या है?

E-Padtal Yojana का मुख्य उद्देश्य राज्य के किसानों की फसलों को होने वाले मौसमी नुकसान के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है।

ई पड़ताल योजना के मुख्य सचिव कौन हैं?

ई पड़ताल योजना के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र हैं।

ई-पड़ताल योजना से सम्बंधित SPMU क्या है?

ई-पड़ताल योजना से सम्बंधित SPMU- स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट है।

E-Padtal Yojana में रबी और जायद की फसल का सर्वे कब किया जायेगा?

E-Padtal Yojana में रबी की फसल का सर्वे 1 जनवरी से 15 फरवरी तक किया जायेगा एवं जायद की फसल का सर्वे 1 मई से 31 मई को किया जायेगा।

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