Hindu Rashtra Movement in Nepal: भारत के पडोसी देश नेपाल में भारत की हरएक राजनैतिक पार्टी और उसकी विचारधारा का असर दिखता है। अब वहाँ पर हिंदुत्व का असर भी कम नहीं है, इसी कारण से अब नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने की माँगे तेज़ होने लगी है। भारत के वामपन्थी विचारधारा के लोगो के संबंध भी नेपाल के वामपंथियों और माओवादियों से रहे है।
ऐसे ही समाजवादियों भी प्रभाव रहा है किन्तु इस समय पर हिंदुत्व विचारधारा भारत में सरकार सम्हाले है तो उनका असर अधिक देखने को मिलने लगा है। इस बात की सच्चाई तब सामने आती है जब नेपाल के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनने के बाद से नेपाली कांग्रेस में कुछ नेता देश को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने की कोशिशे कर रहे है।
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हिन्दू राष्ट्र निर्माण मिशन बना
बीते दिनों ही नेपाली कांग्रेस ने एक बयान जारी किया है कि सनातन हिंदू राष्ट्र नेपाल स्थापना मिशन हमारा मुख्य एजेंडा है। इसके अलावा नेपाली कांग्रेस के कई प्रभावशाली नेताओं ने भी बार-बार हिंदू राष्ट्र के प्रति अपना समर्थन और संघीय शासन प्रणाली के खिलाफ विरोध व्यक्त किया है।
संविधानिक रूप से सैक्युलर देश बना
नेपाल में हिंदू राष्ट्र की मांग एक जटिल मुद्दा है जिसका लंबा इतिहास रहा है। 1962 में किंग महेंद्र ने नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित किया। 2006 में नेपाल में राजशाही खत्म हो गई और देश एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बन गया। 2015 में नेपाल ने एक नया संविधान अपनाया जिसमें देश को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया। हाल के वर्षों में नेपाल में हिंदुत्ववादी पार्टियां मजबूत हो रही हैं और हिंदू राष्ट्र की मांग जोर पकड़ रही है।
नेपाल में धार्मिक जनसंख्या ढाँचा
पिछले दशक में हिंदुओं और बौद्धों की जनसंख्या में मामूली कमी आई है जबकि मुसलमानों, ईसाइयों और किरात की आबादी बढ़ गई है। नेपाल एक धर्मनिरपेक्ष देश है और सभी धर्मों को समान अधिकार प्राप्त हैं।
2021 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल की कुल आबादी 2,91,36,886 है। नेपाल में 123 भाषाएँ बोली जाती हैं। नेपाल में 125 जाति/जातीय समूह हैं। 2021 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार नेपाल में धर्मों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार से हैं-
- हिंदू धर्म: 81.19% (2,36,77,744)
- बौद्ध धर्म: 8.21% (23,94,549)
- इस्लाम: 5.09% (14,83,060)
- किरात: 3.17% (9,20,108)
- ईसाई: 1.44% (4,20,648)
नेपान में RSS की भूमिका
नेपाल में भी RSS यानी हिंदू स्वयंसेवक संघ की शाखा अपने उत्साही सदस्यों के माध्यम से कार्य कर रही है। वहां के संगठन भी हिमालय क्षेत्र के लोगों के मामलों और राष्ट्रीय मुद्दों के लिए संगठित हैं जैसे मधेसी और पहाड़ियों के बीच के विवाद, सीमा समस्याएं और अन्य राजनीतिक मुद्दे। उन्होंने मुस्लिम समुदायों को भारत-नेपाल के सीमा विवाद और अन्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
राजनीति में धर्म का प्रभाव
विजयकांत कर्ण (डेनमार्क में नेपाल के पूर्व राजदूत और CEISF थिंकटैंक के प्रमुख) के अनुसार, भारत में हिंदूवादी राजनीति का प्रभाव नेपाल में भी देखा जा रहा है। यह प्रभाव हिंदुत्व की राजनीति को बल दे रहा है जो 15 लाख नेपाली मुसलमानों (जिनमें से 98% मधेस इलाके में रहते हैं) के लिए चिंता का विषय बन गया है।
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