Sandeshkhali Controversy: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का मुद्दा अत्यंत संवेदनशील हो गया है। अनुसूचित आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई है।
अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने SC आयोग की टीम के पश्चिम बंगाल के दौरे से वापस आने के बाद यह सिफारिश की है। उन्होंने (Arun Halder) बताया कि टीम ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है।
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रिपोर्ट के उल्लेख
रिपोर्ट में संदेशखाली में हुए दलित हत्याकांड का उल्लेख है जिसमें 8 लोगों की हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार दलितों की सुरक्षा में विफल रही है और राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश का मतलब है कि राज्य सरकार को बर्खास्त कर दिया जाएगा और केंद्र सरकार राज्य का शासन अपने हाथ में ले लेगी।
आयोग अध्यक्ष का संदेशखाली दौरा
SC आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर शुक्रवार को संदेशखाली मामले में अपना मत बात रख चुके है। उनके मुताबिक़, ‘सात सदस्यों की टीम गुरुवार को संदेशखाली गई थी। आयोग के लोग वहां गए थे लेकिन पुलिस ने मिलने पीड़ितों से मिलने ही नहीं दिया। जैसे-तैसे कर परिवार वालों से टीम के सदस्य मिल सके’
उनका कहना था कि पुलिस के द्वारा कमीशन को सम्मान मिलना चाहिए था। किन्तु पुलिस इस तरह से पेश आई जैसे वे पुलिस के लिए नहीं अपितु खास पार्टी के लिए कार्य कर रही है।
संदेशखाली में हड़कम्प की वजह
उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में कई महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता शाहजहां शेख और उनके (ShahJahan Sheikh) समर्थकों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। महिलाओं ने अपनी बहू-बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उन्हें रात में अदालत से ले जाने की भी धमकी दी गई है।
इस मामले में आरोपी नेता और उनके समर्थकों के खिलाफ नाराज महिलाएं अब TMC नेताओं के साथ मिलकर प्रदर्शन कर रही हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। पिछले महीने ED की टीम ने शाहजहां के आवास पर कथित राशन घोटाले में छापेमारी की थी जिस पर भीड़ ने हमला किया था।
अभी शाहजहां शेख फरार हैं और उनके खिलाफ अब गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ईडी जब इस इलाके में थी तब महिलाओं ने उनके खिलाफ आरोप लगाए थे।
टॉपिक: Sandeshkhali Controversy, संदेशखाली रिपोर्ट, संदेशखाली मामला
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