property knowledge: शत्रु संपत्ति पर सरकार क्यों करती है कब्जा, क्या होती है शत्रु संपत्ति, जानें

Enemy Properties: जब भी नीलामी की बात आती है विशेष रूप से प्रॉपर्टीज की तो अक्सर “शत्रु संपत्ति” शब्द सुनने में आता है। इस शब्द को सुनकर बहुत से लोगों के मन में डर और संशय के भाव उत्पन्न होते हैं। हालांकि यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि “शत्रु” शब्द के जुड़ जाने भर से कोई संपत्ति विवादित या खतरनाक नहीं हो जाती। आइये गहराई से समझते हैं कि वास्तव में शत्रु संपत्ति क्या होती है?

Enemy Properties Rules In India

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भारत में शत्रु संपत्ति

केंद्र सरकार ने हाल के वर्षों में इन शत्रु संपत्तियों की पहचान की है और उन्हें चिन्हित कर उनकी नीलामी का आयोजन किया है। मार्च 2024 में गृह मंत्रालय ने खुलासा किया कि 20 राज्यों में कुल 12,611 प्रॉपर्टीज को शत्रु संपत्ति के तौर पर चिन्हित किया गया है जिनकी अनुमानित कीमत 1,00,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

शत्रु संपत्ति: डर नहीं, समझ की जरूरत

शत्रु संपत्ति का अर्थ है वो संपत्तियां जो उन लोगों के स्वामित्व में होती हैं जो किसी समय भारत के विरुद्ध युद्ध में शामिल थे या विरोधी देशों के नागरिक हैं। भारतीय संदर्भ में ये अक्सर वो संपत्तियां होती हैं जिनके मालिक 1962 (चीन के साथ युद्ध), 1965 और 1971 (पाकिस्तान के साथ युद्ध) के दौरान भारत के शत्रु देशों के नागरिक थे।

शत्रु संपत्ति के प्रकार

  • स्थावर संपत्ति – इसमें घर, ज़मीन, दुकानें, और अन्य स्थायी संपत्तियां शामिल हैं।
  • जंगम संपत्ति – इसमें गहने, पैसे, और अन्य चल संपत्तियां शामिल हैं।

शत्रु संपत्ति का नीलामी

भारत सरकार ने 2023 में शत्रु संपत्तियों की नीलामी शुरू की थी। यह नीलामी “शत्रु संपत्ति (अधिकार, हितों और दावों का निपटान) अधिनियम, 2017” के तहत की जा रही है।

शत्रु संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया

नीलामी में भाग लेने के लिए इच्छुक खरीदारों को “शत्रु संपत्ति अभिरक्षक” के कार्यालय में पंजीकरण करना होगा। नीलामी की तारीख और समय “शत्रु संपत्ति अभिरक्षक” के कार्यालय द्वारा घोषित किया जाएगा। नीलामी में सबसे अधिक बोली लगाने वाले व्यक्ति को संपत्ति आवंटित की जाएगी।

सोना-चांदी, शेयर आदि भी शत्रु सम्पत्ति

धारणा है कि शत्रु संपत्तियां केवल घर या मकान तक सीमित हैं लेकिन इसमें चल संपत्ति जैसे सोना-चांदी, शेयर और अन्य कीमती वस्तुएं भी शामिल हैं। भारत सरकार ने अब तक इन चल शत्रु संपत्तियों को बेचकर लगभग 3400 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है जोकि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक शत्रु संपत्ति

सरकार ने अब अचल शत्रु संपत्ति को भी बेचने का निर्णय लिया है। इस घोषणा से संपत्ति बाजार में एक नई हलचल महसूस की जा सकती है। उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की अचल संपत्तियों की संख्या सबसे अधिक है जहाँ 6255 संपत्तियां हैं।

पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गोवा और महाराष्ट्र में भी इस प्रकार की संपत्तियां मौजूद हैं, जिनकी संख्या क्रमशः 4,088, 659, 295 और 208 है। तेलंगाना, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में भी शत्रु संपत्तियां देखी जा सकती हैं।

शत्रु संपत्ति से जुडी अन्य बाते

  • इन संपत्तियों पर कानूनी विवाद हो सकता है।
  • इनको खरीदने में काफी समय और पैसा खर्च हो सकता है।

यह जानना महत्वपूर्ण है कि ये संपत्तियां न केवल वित्तीय मूल्य रखती हैं बल्कि राष्ट्रीय विरासत का भी एक हिस्सा हैं। इसलिए इनकी नीलामी और उपयोग से जुड़े नियम और नीतियां देश के व्यापक हित में बनाई गई हैं।

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