जंगल में स्टडी कर रहे वैज्ञानिकों के उड़े होश, मेंढक की पीठ पर उगी चीज ने किया हैरान

Mushroom on Frog’s Back: वैज्ञानिकों को अक्सर जंगलों में अद्भुत और अनोखी चीजें देखने को मिलती हैं। पश्चिमी घाट के जंगलों में वैज्ञानिकों द्वारा देखी गई अजीबोगरीब घटना निश्चित रूप से मेढक की पीठ पर मशरूम को देखा। यह जानना दिलचस्प होगा कि वैज्ञानिकों को क्या मिला और यह उनकी खोज को कैसे प्रभावित कर सकता है।

Mushroom on Frog's Back

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मेंढक की एक नई प्रजाति की खोज

भारत के वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के विशेषज्ञ लोहित वायटी और उनकी टीम द्वारा पश्चिमी घाट के जंगल में सुनहरी पीठ वाले मेंढक की एक नई प्रजाति की खोज महत्वपूर्ण है। जंगल में वैज्ञानिकों ने एक टहनी पर एक जानवर देखा। लेकिन जब उन्होंने उसकी चमड़ी को ध्यान से देखा तो उन्हें एक अजीब सी चीज नजर आई। चमड़ी पर कुछ गोलाकार छाले थे जो उन्हें हैरान कर दिया।

खोज में हैरानी भरा क्या था?

इस मेंढक की पीठ पर मशरूम के उगने का अद्भुत दृश्य वास्तव में हैरानी का कारण है। ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा गया था और इससे लोगों को वैज्ञानिकता की ओर ध्यान खींचने में मदद मिली है। यह खोज रेप्टाइल्स एंड एम्फीबियन्स जर्नल में प्रकाशित होने के बाद वैज्ञानिक समुदाय में काफी चर्चा का विषय बन गया है।

इस अद्भुत दृश्य के माध्यम से हमें प्राकृतिक जीवन के अनगिनत रहस्यों और उनकी अद्वितीयता का अध्ययन करने का एक नया पहलू मिलता है।

खोज के बाद मिली प्रतिक्रियाएँ

इस खोज से शोधकर्ताओं के साथ ही दूसरे सभी वैज्ञानिकों भी चौंक गए है। जब लोहित ने उस मेंढक की तस्वीरें ऑनलाइन डाली तो वैज्ञानिकों का मत था कि ये डिजाइन तो एक प्रकार के बोनट मशरूम जैसी है। ये मशरूम ‘मायसीना’ कहलाते हैं जो सड़ी लकड़ी पर देखे जाते हैं। किन्तु अब मेंढक की पीठ पर कैसे उगे जरूर हैरान करता है।

फफूंद और मशरूम का सम्बन्ध

मशरूम मेंढक के ऊतक से पोषक तत्व प्राप्त कर रहा था, यह संभव है कि मशरूम मेंढक के ऊतक से पोषक तत्व प्राप्त कर रहा था। यह भी संभव है कि मशरूम मेंढक के लिए हानिकारक था। कह सकते है कि मशरूम और मेंढक के बीच एक सहजीवी संबंध था जिसके तहत दोनों पक्षों को लाभ होता था।

फफूंद के रोचक तथ्य

  • फफूंद कई तरह के हालात में पनपते हैं कई बार वे जीवों पर भी शांति से उग आते हैं।
  • खुद हम इंसानों की त्वच पर खमीर जैसी फफूंद होती है।
  • लेकिन कई बार ये रोगाणु होते हैं और बैक्टाकोसिट्रियम डेंड्रोबैटिडिस या सिट्रिड तो मेंढक में जानलेवा रोग पैदा कर देते हैं।

यह भी जानना दिलचस्प होगा कि यह मशरूम कैसे और क्यों उगा। यह जानने के लिए कि वास्तव में क्या हुआ हमें वैज्ञानिकों के आगे के अध्ययनों का इंतजार करना होगा।

टॉपिक: Mushroom on Frog’s Back, मेढक की पीठ पर मशरूम, मेढक की नयी किस्म

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