उंगलियां नहीं हैं तो कैसे बनवाएं आधार कार्ड? जानिए आसान तरीका और नियम

आधार कार्ड आज के समय में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह न केवल पहचान का प्रमाण है, बल्कि यह बैंकिंग, वित्तीय लेनदेन, और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी आवश्यक है।

आजकल आधार कार्ड (Aadhar card) हर भारतीय के लिए बहुत जरूरी हो गया है, चाहे बैंक खाता खोलना हो या मोबाइल सिम लेनी हो। लेकिन, अगर किसी के हाथ नहीं हैं तो उनका आधार कार्ड कैसे बनता है? ये सवाल बहुतों के मन में होता है। चलिए, इसके बारे में आसान भाषा में समझते हैं।

उंगलियां नहीं हैं तो कैसे बनवाएं आधार कार्ड? जानिए आसान तरीका और नियम
उंगलियां नहीं हैं तो कैसे बनवाएं आधार कार्ड? जानिए आसान तरीका और नियम

अगर हाथ नहीं है तो?

लेकिन, अगर किसी के हाथ नहीं हैं या उंगलियां नहीं हैं, तो उनके लिए एक खास व्यवस्था है, जिसे बायोमीट्रिक एक्सेप्शन कहते हैं। इसमें आंखों की रेटिना स्कैनिंग और उंगलियों के निशान शामिल होते हैं। लेकिन, जिन लोगों के हाथ नहीं होते, उनके लिए विशेष प्रावधान हैं।

बायोमीट्रिक एक्सेप्शन कैसे काम करता है?

जब आप आधार कार्ड बनवाने जाते हैं और आपके हाथ नहीं हैं, तो आधार सेवा केंद्र पर बैठे अधिकारी आपके हाथ की जगह आपका फोटो लेकर सिस्टम में डाल देते हैं। इसके बाद, वो एक विशेष ऑप्शन चुनते हैं जो बताता है कि इस व्यक्ति का बायोमीट्रिक डेटा(Biometric Exceptions) नहीं लिया जा सकता।

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प्रक्रिया कैसे काम करती है?

  1. जिस व्यक्ति के हाथ नहीं होते, उसे आधार सेवा केंद्र पर जाना होता है।
  2. आधार सेवा केंद्र पर जब आप अपना रजिस्ट्रेशन करवाते हैं, तो अधिकारी बायोमीट्रिक एक्सेप्शन का विकल्प चुनते हैं।
  3. इसके बाद, आपका फोटोग्राफ लिया जाता है जो आपके आधार कार्ड पर आएगा। यह फोटो आपकी पहचान का मुख्य स्रोत होगा क्योंकि बायोमीट्रिक डेटा उपलब्ध नहीं होगा।
  4. फोटोग्राफी के बाद, आपकी अन्य जानकारी जैसे नाम, पता, जन्मतिथि आदि को भी संग्रहीत किया जाता है। यह सब मिलकर आपके आधार कार्ड के लिए एक पूर्ण प्रोफाइल तैयार करते हैं।
  5. इस पूरी प्रक्रिया के बाद, आपका आधार कार्ड प्रोसेस के लिए जाता है और कुछ समय बाद आपके दिए गए पते पर डिलीवर कर दिया जाता है।

क्यों जरूरी है यह व्यवस्था?

यह व्यवस्था इसलिए जरूरी है क्योंकि हर नागरिक का अधिकार है कि उसकी पहचान सुरक्षित और सुनिश्चित की जाए, चाहे वह शारीरिक रूप से किसी भी स्थिति में क्यों न हो। यह समाज के हर व्यक्ति को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक कदम है।

निष्कर्ष

आधार कार्ड बनवाने की इस विशेष प्रक्रिया के माध्यम से, भारतीय सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर व्यक्ति, चाहे उसकी शारीरिक स्थिति कुछ भी हो, उसे अपनी पहचान और अधिकारों का लाभ मिल सके।

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