ड्रैगन का नया खतरा: 5 साल में 1000 परमाणु हथियारों का लक्ष्य, जानिए जिनपिंग का प्लान

आज के समय में, दुनिया के कई देश अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में लगे हैं। इसी कड़ी में चीन भी शामिल है, जो अपनी सेना को मजबूत करने के लिए नई नीतियों और रणनीतियों को अपना रहा है। चीन की इन कार्रवाइयों से साफ है कि वह भविष्य में किसी भी संभावित युद्ध के लिए खुद को तैयार कर रहा है।

विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि चीन द्वारा हथियारों के निर्माण और सैन्य ताकत को बढ़ाने में किये जा रहे भारी निवेश से अमेरिका समेत कई देशों के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है।

ड्रैगन का नया खतरा: 5 साल में 1000 परमाणु हथियारों का लक्ष्य, जानिए जिनपिंग का प्लान
ड्रैगन का नया खतरा: 5 साल में 1000 परमाणु हथियारों का लक्ष्य, जानिए जिनपिंग का प्लान

क्या है जिनपिंग का नया प्लान

चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी परमाणु क्षमता में तेजी से वृद्धि की है। रिपोर्टों के अनुसार, चीन 2027 तक अपने परमाणु हथियारों का जखीरा 1000 तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। यह योजना दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है, क्योंकि यह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को अस्थिर कर सकती है।

चीन की परमाणु क्षमता

चीन के पास वर्तमान में लगभग 350 परमाणु हथियार हैं। यह संख्या अमेरिका और रूस के बाद दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी है। चीन अपनी परमाणु क्षमता को तेजी से बढ़ा रहा है, और 2027 तक 1000 परमाणु हथियारों का लक्ष्य रखा है।

चीन की सैन्य नीति में हाल के वर्षों में देखी गई वृद्धि से उसके वैश्विक दावेदारी के इरादे स्पष्ट होते हैं। चीन ने अपने डिफेंस बजट में भारी बढ़ोतरी की है, जो अब 18.30 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। सेना में 20 लाख सैनिकों के साथ, चीन दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है।

चीन के पास कितने परमाणु और सैन्य हथियार है ?

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, चीन अगले पांच वर्षों में अपने परमाणु हथियारों की संख्या को एक हजार तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। हाल के वर्षों में, चीन ने अपने हथियारों के जखीरे को काफी बढ़ाया है, जिसमें डोंगफेंग-41 जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं, जो 2020 में तैयार हुई थी और इसकी रेंज 12,000 से 15,000 किलोमीटर तक है।

चीन ने अपनी सबमरीन टाइप 094 को नई जेएल-3 सबमरीन-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) से लैस किया है, जिसकी रेंज लगभग 10,000 किलोमीटर है, जो अमेरिका तक को निशाना बना सकती है। इसके अलावा, चीन ने अपनी नौसेना में दो अतिरिक्त टाइप 094 परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों को भी शामिल किया है।

इसके अलावा, चीन नया एच-20 स्टेल्थ बॉम्बर विकसित कर रहा है, जिसकी रेंज 10,000 किलोमीटर होगी। इस तरह के विकास से स्पष्ट है कि चीन की ज्यादातर मिसाइलें और विमान लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम हैं।

इसे भी पढ़े : तीसरे विश्व युद्ध शुरू करने वाले 6 देशो के नाम बता रहा ChatGPT

चीनी सेना की ताकत

चीनी सेना, जिसे PLA (People’s Liberation Army) के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है। इसके पास लगभग 5,000 टैंक और 2,800 सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी हैं। चीनी सेना अपनी लंबी दूरी की मिसाइलों और बम वर्षक विमानों के लिए विशेष रूप से जानी जाती है।

डोंगफेंग-5 चीन की सबसे शक्तिशाली परमाणु ICBM मिसाइल है, जिसकी रेंज 15,000 किलोमीटर है। इसके अलावा, डोंगफेंग-ZF जैसे हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल हथियार भी चीनी सेना की ताकत को बढ़ाते हैं। चीन ने अपनी सैन्य शक्ति में और अधिक वृद्धि करने के लिए विभिन्न तरह की मिसाइलें और स्टेल्थ बॉम्बर्स का विकास किया है।

चीन की इन सैन्य तैयारियों और विकासों से यह स्पष्ट है कि वह विश्व स्तर पर अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे अन्य देशों के लिए नई चुनौतियाँ और सुरक्षा संबंधी प्रश्न उत्पन्न हो रहे हैं।

भविष्य की सुरक्षा के लिए क्या करें ?

चीन की बढ़ती परमाणु क्षमता को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर काम करने की जरूरत है। चीन को परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।

चीन की सैन्य नीतियों और विस्तारित परमाणु क्षमता का विश्व सुरक्षा पर प्रभाव पड़ रहा है। इससे न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तनाव बढ़ रहा है। विश्व शक्तियों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, जिसका समाधान खोजना आवश्यक है।

Leave a Comment