सालभर में 3 बार करे इस फूल की खेती, फूल के साथ बीज-तेल से होगी अच्छी इनकम

Agri Business Idea: सूरजमुखी एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है जिसे नकदी फसल के रूप में भी जाना जाता है। यह एक फायदेमंद फसल मानी जाती है क्योंकि इसकी खेती कम लागत में की जा सकती है और यह अच्छा मुनाफा देती है।

सूरजमुखी की खेती वास्तव में एक लाभकारी व्यवसाय है और इसे अलग-अलग प्रकार की मिट्टियों में उत्तम रूप से की जा सकती है। दोमट मिट्टी का उपयोग इस धार्मिक फसल के लिए विशेष रूप से उत्तम माना जाता है लेकिन अन्य प्रकार की मिट्टियों में भी इसकी उत्तम उपज हो सकती है।

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सही देखभाल से अच्छी फसल

सूरजमुखी की बुवाई का समय और मिट्टी की तैयारी भी महत्वपूर्ण होती है। आपने सही कहा कि यह वसंत ऋतु में जनवरी से फरवरी के अंत तक की जा सकती है। इसके लिए मिट्टी को अच्छी तरह से कार्बन से उचित तैयार करें और उचित खाद और पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करें।

अधिक सूरजमुखी की खेती के लिए समान्य रूप से 60-90 सेमी की दूरी पर पौधों के बीच की गई दूरी का ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है ताकि पौधों को पर्याप्त सूर्य प्रकाश मिल सके। इसके अलावा आपको समय-समय पर उपयुक्त खाद, पानी प्रबंधन, और अनुदान की जरूरत होगी।

सूरजमुखी की किस्में

हाइब्रिड किस्में

  • डी.आर.एस.एच-1: यह किस्म 120-130 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार 15-20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
  • के.बी.एस.एच-44: यह किस्म 100-110 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार 12-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
  • पी.एस.एच.एफ.- 118: यह किस्म 110-120 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार 15-18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
  • पी.एस.एच.एफ.- 569: यह किस्म 105-115 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार 12-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

संकुल किस्में

  • मॉर्डन: यह किस्म 110-120 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार 12-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
  • सूर्या: यह किस्म 100-110 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार 10-12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

अंतर फसल प्रणाली

अंतर फसल प्रणाली एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें एक ही खेत में एक ही समय में दो या दो से अधिक फसलों की खेती की जाती है। इस प्रणाली को देखें, तुअर और सूरजमुखी को 2:1, 1:1 या 1:2 के अनुपात में बोया जाता है। सूरजमुखी और मूंगफली को 5:1 या 3:1 के अनुपात में बोया जाता है।सूरजमुखी और सोयाबीन को 2:1 के अनुपात में बोया जाता है।

सूरजमुखी की पैदावार विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है जैसे कि मिट्टी, जलवायु, किस्म, खाद, सिंचाई, रोग और कीटों का प्रबंधन आदि।

टॉपिक: Agri Business Idea, फूल की खेती, Sunflower Farming

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