Jinnah House in Mumbai: मुंबई का मालाबार हिल इलाका सबसे पॉश और महंगे इलाकों में गिना जाता है। यहाँ की जमीन और प्रॉपर्टी की कीमत सोने से कम नहीं है। इस इलाके में गोदरेज परिवार से लेकर रुईया और जिंदल फैमिली जैसे धनी निवास करते हैं।
किन्तु मालाबार हिल में एक बंगला है जोकि करीबन 40 वर्षो से खाली है। 78 वर्षो पूर्व मे इस बंगले में ही देश के दो करने की योजना बनी थी। ये बंगला है ‘साउथ कोर्ट’ जो एक समय ‘जिन्ना हाउस’ कहलाता था।
यह भी पढ़ें:- चांद पर नासा का घर! जानिए घर बनाने की तकनीक क्या है?
मालाबार हिल का इतिहासी पहलू
मुंबई के मालाबार हिल इलाके में स्थित एक बंगला जिसक मालिक पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना थे। जिन्ना जब विदेश से पढ़कर भारत वापस आए और वकालत की प्रैक्टिस शुरू की तो वह कुछ समय तक बंबई के एक छोटे घर में रहे। फिर यही पर बंगला बनाने की तैयारी कर ली। तब भी जिन्ना का लंदन में एक आलीशान घर हुआ करता था लेकिन घर को बेचने के बाद मिले पैसो से बंबई में ये बंगला बनवा लिया।
यूरोपियन शैली का एक भव्य बंगला
मोहम्मद अली जिन्ना एक प्रभावशाली नेता और वकील थे। 1936 में उन्होंने मुंबई के मालाबार हिल में एक भव्य ‘जिन्ना हाउस’ नाम का बंगला बनवाया है। ढाई एकड़ में फैले इस बंगले का निर्माण यूरोपीय शैली में हुआ था और इसकी भव्यता आज भी लोगों को आकर्षित कर रही है।
जिन्ना ने ब्रिटेन, यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों की यात्रा की थी और वे पश्चिमी शैली के घरों से काफी प्रभावित थे। उन्होंने अपने बंगले का आर्किटेक्चर बनाने का जिम्मा उस जमाने के मशहूर आर्किटेक्ट क्लाउड बेटली को सौंपा था। बेटली इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्किटेक्चर के अध्यक्ष भी रह चुके थे। बंगले का निर्माण 1936 में पूरा हुआ था।
बँगले के निर्माण में लगी राशि
जिन्ना हाउस का निर्माण करीब 2 लाख रुपए में हुआ था जोकि 1936 में काफी बड़ी राशि थी। अब इस बंगले का मूल्य हजार करोड रुपए से अधिक अनिमानित है।
हेक्टर बोलिथो की पुस्तक ‘जिन्ना: द क्रिएटर ऑफ पाकिस्तान’ में लिखा हैं कि मालाबार हिल में बंगला बनाने में एक विशेष कारण था। जिन्ना के मुवक्किल और दोस्त दिनशॉ पेतित का बंगला भी यही था और इसी व्यक्ति बेटी रति से जिन्ना का विवाह भी हुआ।
जिन्ना हाउस में विभाजन की तैयारी
1945 के बाद जब अंग्रेजों ने भारत को छोड़ने का फैसला किया तो उस समय मालाबार हिल के एक बंगले जिन्ना हाउस बड़ा महत्वपूर्ण बन गया। यहीं पर मुस्लिम लीग ने भारत को बांटकर एक अलग मुल्क पाकिस्तान की रूपरेखा तैयार की। जिन्ना ने इसी बंगले में अपनी विभाजन की रणनीति बनाई और कई महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित कीं।
बँटवारा हो जाने पर जिन्ना पाकिस्तान आ गए किन्तु यह बंगला नहीं बेचा। फिर पीएम नेहरू को भी बहुत से लेटर बंगला न बेचने की अपील भी की। साथ ही बंबई में ही रहने की मंशा व्यक्त की। नेहरू ने भी यह बंगला किसी अन्य को नहीं दिया।
जिन्ना हाउस पर सरकार का पक्ष
भारत सरकार का दावा है कि जिन्ना ने अपनी प्रॉपर्टी का इकलौता वारिस अपनी बहन फातिमा जिन्ना को बनाया था। फातिमा जिन्ना पाकिस्तान जा चुकी है तो जिन्ना हाउस शत्रु संपत्ति घोषित हो गई और कानूनन इस पर भारत सरकार का अधिकार है। कुछ लोगों का कहना है कि जिन्ना हाउस को एक संग्रहालय में बदल दिया जाना चाहिए।
टॉपिक: Jinnah House in Mumbai, जिन्ना हाउस
अन्य खबरें भी देखें:
- Welcome Speech in Hindi: मुख्य अतिथि के लिए स्वागत भाषण ऐसे करें तैयार
- भारत के 28 राज्यों और राजधानियों की पूरी सूची, नाम, 8 केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी
- भारतीय रुपये का अद्भुत सफर: जानिए कैसे विकसित हुआ भारतीय रुपया
- इलेक्टोरल बॉन्ड में इस आदमी ने दिया है सबसे ज्यादा चन्दा, लेकिन किसे?
- डायबिटीज: जानिए क्या है यह बीमारी? इन संकेतों को न करें अनदेखा