राष्ट्रपति शासन लगने पर कौन चलाता है सरकार, कैसी होती है कानून व्यवस्था

भारत में संवैधानिक तंत्र की रक्षा और राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राष्ट्रपति शासन एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह एक असाधारण शासन व्यवस्था है, जो तब लागू होती है जब किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र का पतन हो जाता है। यह एक अस्थायी व्यवस्था है, जो तब तक लागू रहती है जब तक कि राज्य में फिर से चुनाव नहीं होते और नई सरकार नहीं बन जाती।

राष्ट्रपति शासन लगने पर कौन चलाता है सरकार, कैसी होती है कानून व्यवस्था
राष्ट्रपति शासन लगने पर कौन चलाता है सरकार, कैसी होती है कानून व्यवस्था

क्यों लगाया जाता है राष्ट्रपति शासन ?

राष्ट्रपति शासन को लागू किया जाता है जब किसी राज्य में सरकार बनाने की प्रक्रिया में विफलता होती है या फिर सरकार अपना बहुमत खो देती है। इसके अलावा, आपदा, महामारी या युद्ध की स्थिति में भी राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। इस समय, राज्यपाल राज्य के प्रशासन को संभालते हैं और राष्ट्रपति के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं।

राष्ट्रपति शासन के दौरान सरकार कैसे चलती है?

राष्ट्रपति शासन के दौरान, राज्यपाल को सरकार के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर राज्य का प्रशासन संभालना होता है। इस समय, राज्यपाल के पास नीतिगत और कानूनी फैसलों को लेने की शक्ति होती है, जिसका प्रभाव सरकारी कामकाज पर पड़ता है। राज्यपाल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों का उपयोग कर सकता है।

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राज्यपाल की अहम भूमिका

इस राष्ट्रपति शासन के दौरान, राज्यपाल को विधानसभा के आत्मविश्वास को पुनः स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। यह एक अस्थायी समाधान होता है, जिसे सामाजिक संगठन और नेतृत्व की आवश्यकता होती है।

इस तरह, राष्ट्रपति शासन एक असामान्य स्थिति होती है जिसमें सरकार की जिम्मेदारी राष्ट्रपति और राज्यपाल के हाथों में होती है। यह एक आवश्यक और महत्वपूर्ण उपाय होता है जिसका उद्देश्य संविधानीक स्थिति में सुरक्षितता और स्थिरता को सुनिश्चित करना है।

निष्कर्ष

राष्ट्रपति शासन एक असाधारण शासन व्यवस्था है, जिसका उपयोग केवल अत्यंत आवश्यक होने पर ही किया जाना चाहिए। यह राजनीतिक अस्थिरता और कानून व्यवस्था की समस्याओं को हल करने में मदद कर सकता है, लेकिन यह राज्यों के अधिकारों और लोकतंत्र को भी कमजोर कर सकता है।

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