Ram Mandir Inauguration: भारत में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले क्या कह रहा विदेशी मीडिया?

Ram Lalla Pran Pratishtha:  अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के लिए जश्न का माहौल है। विदेशों में भी इसकी चर्चा जोरों पर है। विदेशी मीडिया ने इस पर व्यापक कवरेज दी है। अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। 22 जनवरी को भगवान राम के भव्य मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस कार्यक्रम की चर्चा चारों ओर हो रही है। विदेशी मीडिया में भी इसे तवज्जो दी गई है।

Ram Mandir Inauguration: भारत में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले क्या कह रहा विदेशी मीडिया?

रॉयटर्स में रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर रिपोर्ट छपी है। रॉयटर्स ने लिखा है कि अयोध्या में सोने की परत चढ़ी मूर्तियों का स्टॉक खत्म हो गया है। अयोध्या में हवाई अड्डे के नजदीक पार्किंग में अब कोई जगह नहीं है। रॉयटर्स ने लिखा है, “राम मंदिर के उद्घाटन का असर आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा। मंदिर की वजह से चुनाव में बीजेपी को अच्छी खासी बढ़त मिलेगी।”

‘आगामी चुनाव में राम मंदिर उद्घाटन का दिखेगा असर’

द वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित देव भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन को लेकर उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर अयोध्या में जोरदार तैयारी चल रही है। राम मंदिर का उद्घाटन सोमवार को दशकों पुरानी हिंदू राष्ट्रवादी प्रतिज्ञा को पूरा करेगा। इसकी आवाज अप्रैल या मई में होने वाले आगामी राष्ट्रीय चुनाव के दौरान मतदाताओं के बीच गूंजने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश भर के साथ ही दुनिया भर में कुछ भारतीय दूतावासों में लाइव स्क्रीनिंग की योजना बनाई है।

‘बीजेपी की किस्मत का केंद्र है अयोध्या​’

इकॉनॉमिस्ट पत्रिका ने लिखा है कि अयोध्या शहर हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक राम की कहानी का केंद्र है। यह भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की किस्मत का भी केंद्र है। 1980 के दशक के उत्तरार्ध में भाजपा ने अयोध्या में 450 साल पुरानी मस्जिद के स्थान पर मंदिर बनाने के लिए आंदोलन किया। बीजेपी के अनुसार जिस स्थान पर भगवान राम का जन्म हुआ, उस स्थान पर मस्जिद बनाकर कब्जा कर लिया गया था।

इकॉनॉमिस्ट ने लिखा है, “1992 में भाजपा नेताओं के भड़काऊ भाषणों से उन्मादी भीड़ ने मस्जिद को तबाह कर दिया, जिससे पूरे भारत में दंगे भड़क उठे।”

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने राम मंदिर उद्घाटन समारोह पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा है, “क्या यह एक दैवीय क्षण है या राजनीतिक नौटंकी? भारत एक विशाल हिंदू मंदिर के उद्घाटन के लिए तैयार है। चुनावों से पहले राम मंदिर उद्घाटन की विपक्ष ने निंदा की है। फिलहाल, अयोध्या में बन रहे सबसे बड़े राम मंदिर में और समारोह में शामिल होने वाले भक्तों में उत्साह का माहौल है।”

अखबार ने आगे लिखा, “पवित्र शहर अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर केवल आधा बना है। इसके भव्य खंभे, 49 मीटर (161 फीट) ऊंचे विशाल गुंबद और विस्तृत प्रवेश द्वार व नक्काशी, जो अंततः इस बहुप्रतीक्षित मंदिर की अंतिम वास्तुकला का निर्माण करेंगे, अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। इसके बजाय, यह मुख्यतः एक निर्माण स्थल बना हुआ है। मंदिर में घुसपैठियों को रोकने के लिए बाड़ लगाई जा रही है और मंदिर परिसर बिखरे सामान और बुलडोजर से भरा हुआ है।”

अखबार ने यह भी उल्लेख किया, “फिर भी, अपनी आधी-अधूरी अवस्था में भी इस मंदिर का महत्व भारत में किसी भी अन्य धार्मिक संरचना से बेजोड़ है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के उद्घाटन में भाग लेंगे और इस दौरान हिंदू देवता भगवान राम की एक मूर्ति को मंदिर के आंतरिक गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।”

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