Cleanest River of India: क्या आप जानते हो भारत की सबसे साफ़ नदी कौन सी है ?

Cleanest River of India: भारत की सबसे बड़ी और पवित्र नदी, गंगा, हमेशा से हमारे देश की आत्मा रही है। यह नदी हमें जीवन देती है, हमें पालती है, और हमारी संस्कृति के साथ गहराई से जुड़ी है। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि देश में सबसे साफ नदी कौन सी है?

Cleanest River of India: क्या आप जानते हो भारत की सबसे साफ़ नदी कौन सी है ?
Cleanest River of India: क्या आप जानते हो भारत की सबसे साफ़ नदी कौन सी है ?

भारत सरकार गंगा और यमुना जैसी नदियों को साफ करने के लिए भारी धनराशि खर्च करती है। फिर भी, पूरी तरह से सफाई सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। यमुना के पानी की दशा तो इतनी खराब है कि लोगों को उसमें प्रवेश करने की सलाह तक नहीं दी जाती।

कौन है भारत की सबसे साफ नदी ?

शिलांग से लगभग 100 किमी की दूरी पर मेघालय में बहने वाली उमंगोट नदी, भारत की सबसे साफ नदी के रूप में पहचानी जाती है। यह नदी न केवल भारत में, बल्कि पूरे एशिया में भी सबसे साफ मानी जाती है। इसे डौकी नदी (Douki River) भी कहा जाता है।

Umngot River इतनी साफ है कि आप नाव में बैठे हुए नदी के तल को देख सकते हैं। पानी इतना साफ है कि आप मछलियों को तैरते हुए देख सकते हैं। नदी का पानी पीने योग्य भी है। इसके अलावा इस नदी के आस-पास का क्षेत्र अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, जहाँ आपको विविध प्रकार के जलीय जीव और वनस्पतियाँ मिलेंगी। इस क्षेत्र में वन्यजीव भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।

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सफाई करने की जिम्मेदारी किसकी होती है ?

उमंगोट नदी की सफाई का श्रेय स्थानीय लोगों को जाता है। वे नदी में कचरा नहीं फेंकते हैं और नदी को प्रदूषित होने से बचाते हैं। उमंगोट नदी(Umngot River) एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। लोग नदी में नाव चलाने, तैरने और मछली पकड़ने का आनंद लेते हैं।

पानी की अद्भुत स्वच्छता

उमंगोट नदी के पानी की स्वच्छता इतनी अद्भुत है कि इसकी सतह बिल्कुल साफ नजर आती है। यह साफ़ सफाई इसे दुनिया की सबसे स्वच्छ नदियों में से एक बनाती है।

Cleanest river of Meghalaya भारत के लिए एक महत्वपूर्ण नदी है। यह नदी न केवल साफ है, बल्कि यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। हमें इस नदी को बचाने और इसे प्रदूषित होने से बचाने की आवश्यकता है।

स्थानीय लोगों का योगदान

इस नदी की स्वच्छता को बनाए रखने में स्थानीय लोगों का बड़ा हाथ है। वे सुनिश्चित करते हैं कि नदी में किसी भी प्रकार की गंदगी न डाली जाए। उनकी यह सजगता उमंगोट को इसकी अलग पहचान देती है।

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