भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मीटिंग 6 फरवरी से शुरू हो रही है। इस बैठक के नतीजे पर सबकी निगाहें हैं, खासकर उनकी जो जानना चाहते हैं कि आखिर RBI लोन पर ब्याज दरों को लेकर क्या निर्णय लेगा। आइए, इस पर विस्तार से जानते हैं।
इस बार RBI ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं, यह कहना मुश्किल है। कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि RBI ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। उनका तर्क है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है और ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
RBI की बैठक और ब्याज दरों की संभावना
RBI की MPC बैठक 6 फरवरी को शुरू होकर तीन दिन चलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरिम बजट के बाद भी RBI शायद रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। फिलहाल, रेपो रेट 6.5% पर स्थिर है, जिसे पिछली बार फरवरी 2023 में बढ़ाया गया था।
महंगाई का दबाव
जुलाई 2023 में महंगाई दर 7.44% तक पहुंच गई थी, और दिसंबर 2023 में यह 5.69% थी। RBI का लक्ष्य महंगाई को 4% (+/- 2%) के दायरे में रखना है, लेकिन मौजूदा दर अभी भी ऊँची है।
विशेषज्ञों की राय
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि दिसंबर के आंकड़ों को देखते हुए, और खाद्य पदार्थों पर दबाव की वजह से, MPC दरों और अपने रुख में शायद कोई बदलाव नहीं करेगी।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई में कमी की उम्मीद है, लेकिन बहुत कुछ मानसून के मिजाज पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, “हमें नहीं लगता कि इस समीक्षा में दरों या रुख में कोई बदलाव होगा। अगस्त 2024 तक रेपो रेट में कटौती संभव है।”
अन्य एक्सपर्ट का मानना है कि RBI ब्याज दरों को यथावत रख सकता है। उनका तर्क है कि महंगाई अभी भी ऊंची है और ब्याज दरों में कटौती से महंगाई बढ़ सकती है।
आगे क्या हो सकता है?
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास 8 फरवरी को MPC के फैसले की घोषणा करेंगे। इस फैसले से लोन लेने वालों और निवेशकों को अपनी वित्तीय योजनाओं में संभावित बदलावों का संकेत मिलेगा। अगर महंगाई में कमी आती है और आर्थिक स्थितियाँ स्थिर रहती हैं, तो भविष्य में रेपो रेट में कटौती की उम्मीद की जा सकती है।
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