एक और बैंक का लाइसेंस रद्द! ग्राहकों को मिलेगा सिर्फ इतना पैसा, जानिए पूरी खबर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक और बैंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह निर्णय बैंक द्वारा वित्तीय नियमों की अनदेखी करने और पर्याप्त पूंजी न होने के कारण लिया गया है। इससे उत्तर प्रदेश के अर्बन कोऑपरेटिव बैंक सीतापुर का कामकाज तत्काल प्रभाव से बंद हो गया है।

एक और बैंक का लाइसेंस रद्द! ग्राहकों को मिलेगा सिर्फ इतना पैसा, जानिए पूरी खबर
एक और बैंक का लाइसेंस रद्द! ग्राहकों को मिलेगा सिर्फ इतना पैसा, जानिए पूरी खबर

ग्राहकों के लिए क्या है निर्देश ?

इस बड़े फैसले के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि बैंक में जमा ग्राहकों के पैसों का क्या होगा। RBI ने स्पष्ट किया है कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के जरिए जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक का बीमा मिलेगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 98.32% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से उनकी पूरी जमाराशि प्राप्त करने के हकदार हैं।

आरबीआई ने कार्रवाई क्यों की ?

आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द करने का कारण बताते हुए कहा है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और इनकम की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का पालन नहीं करता है। बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के खिलाफ है। बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ रहेगा। इसी वजह से बैंक को बैंकिंग कारोबार से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।

लिक्विडेशन प्रक्रिया और जमाकर्ताओं के लिए आगे क्या?

बैंक के लिक्विडेशन के बाद, सभी जमाकर्ताओं को DICGC द्वारा उनकी जमा राशि के लिए ₹5,00,000 तक का दावा करने का अधिकार होगा। यह कदम जमाकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है ताकि वे अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा वापस पा सकें।

डीआईसीजीसी (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) आरबीआई की एक सहायक कंपनी है जो बैंकों के जमाकर्ताओं को बीमा प्रदान करती है। यदि कोई बैंक डूब जाता है, तो डीआईसीजीसी जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक का भुगतान करता है।

क्या करें जमाकर्ता?

जमाकर्ताओं को बैंक से संपर्क करने और अपनी जमा राशि का दावा करने की आवश्यकता है। बैंक जमाकर्ताओं को दावा करने के लिए एक प्रक्रिया प्रदान करेगा।

RBI का यह कदम बैंकिंग सेक्टर में अनुशासन और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने की दिशा में एक सख्त संदेश है। यह ग्राहकों के हितों की रक्षा करने की भी दिशा में एक कदम है, जिससे उन्हें अपनी जमा राशि के नुकसान से बचाया जा सके।

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