RBI Action: आरबीआई ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, जमाकर्ताओं की चिंता बढ़ी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक अहम निर्णय लेते हुए एक बैंक के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। यह निर्णय उस समय आया जब पाया गया कि बैंक अपने खाताधारकों को उनकी जमा राशि वापस करने की स्थिति में नहीं है। इस फैसले के पीछे के कारणों और इसके प्रभाव को विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।

RBI Action: आरबीआई ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, जमाकर्ताओं की चिंता बढ़ी
RBI Action: आरबीआई ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, जमाकर्ताओं की चिंता बढ़ी

बैंक का लाइसेंस निरस्तीकरण

जिस बैंक की बात हो रही है, वह है महाराष्ट्र का जय प्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक। RBI ने 6 फरवरी, 2024 को इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया। रिजर्व बैंक के मुताबिक, इस बैंक की वित्तीय स्थिति इतनी खराब है कि वह अपने खाताधारकों को उनका पूरा पैसा वापस नहीं कर सकता।

खाताधारकों के लिए आशा की किरण

लेकिन, RBI ने इस बुरी खबर के साथ ही खाताधारकों के लिए एक अच्छी खबर भी साझा की। उन्होंने कहा कि बैंक के बंद होने के बाद, खाताधारकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम के जरिए उनकी जमा राशि 5 लाख रुपये तक वापस मिल जाएगी। यह धनराशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) द्वारा दी जाएगी।

अधिकतर खाताधारकों को मिलेगा पूरा पैसा

RBI के अनुसार, बैंक के लगभग 99.78% खाताधारकों को उनका पूरा पैसा वापस मिलने की उम्मीद है। यह जानकारी खाताधारकों के लिए बहुत ही राहत भरी है। इसका मतलब यह हुआ कि बैंक के ज्यादातर ग्राहकों की जमा राशि सुरक्षित है और उन्हें उनकी मेहनत की कमाई वापस मिल जाएगी।

बैंक की सेवाएं बंद

इस निर्णय के बाद, बैंक की सभी बैंकिंग सेवाएं 6 फरवरी, 2024 से बंद कर दी गई हैं। इसका मतलब है कि बैंक अब नई जमा राशियों को स्वीकार नहीं करेगा और न ही कोई भुगतान करेगा। इस कदम को उठाने का मुख्य उद्देश्य खाताधारकों के हितों की रक्षा करना और आगे चलकर होने वाले किसी भी संभावित वित्तीय नुकसान से उन्हें बचाना है।

बैंक अपनी जिम्मेदारियों को समझे

रिजर्व बैंक का यह कदम न केवल वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए जरूरी था, बल्कि यह खाताधारकों के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। इस घटना से सभी बैंकों को यह सबक मिलता है कि वे अपने वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाए रखें और नियमों का सख्ती से पालन करें।

खाताधारकों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण जानकारी है कि वे अपनी बचत को सही जगह पर निवेश करें और अपने निवेश की समय-समय पर समीक्षा करते रहें। इस तरह की घटनाएं वित्तीय बाजार में सचेत रहने और समझदारी से निवेश करने के महत्व को भी रेखांकित करती हैं।

निष्कर्ष

अंत में, RBI का यह निर्णय भारतीय बैंकिंग सेक्टर में विश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत करता है। यह सुनिश्चित करता है कि बैंकिंग प्रणाली में जोखिमों का प्रबंधन कुशलतापूर्वक किया जाए और खाताधारकों के हितों की रक्षा की जाए। यह घटना सभी के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है, जो वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता के महत्व को उजागर करती है।

Bank Licence Cancelled: आरबीआई ने कहा कि बैंक अकाउंट होल्डर्स का पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं है. यदि बैंक को आगे भी काम करने दिया गया तो लोगों को भारी नुकसान हो सकता है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक और बैंक के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. आरबीआई ने नियमों के उल्लंघन के चलते बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने यह फैसला लेते हुए बताया कि बैंक की फाइनेंशियल स्थिति अच्छी नहीं है. यह बैंक खाताधारकों को पूरा पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं है. यह कार्रवाई महाराष्ट्र के जय प्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक बसमथनगर पर की गई है. बैंक का लाइसेंस 6 फरवरी, 2024 से ही खत्म कर दिया गया है.

5 लाख रुपये तक वापस मिल जाएंगे 

आरबीआई ने महाराष्ट्र के कमिश्नर फॉर कोऑपरेशन एंड रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज को निर्देश दिया है कि बैंक (Jai Prakash Narayan Nagari Sahakari Bank Basmathnagar) को बंद करके एक लिक्विडेटर नियुक्त कर दिया जाए. लिक्विडेशन प्रोसेस खत्म होने के बाद सहकारी बैंक के खाताधारकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम के जरिए भुगतान किया जाएगा. इसके तहत लोगों को 5 लाख रुपये तक का डिपॉजिट वापस मिल जाएगा. यह भुगतान डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) की तरफ से किया जाएगा. 

99.78 फीसदी अकाउंट होल्डर्स को मिलेगा पूरा पैसा 

रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक के रिकॉर्ड के मुताबिक, लगभग 99.78 फीसदी अकाउंट होल्डर्स को पूरा पैसा वापस मिल जाएगा. केंद्रीय बैंक ने बताया कि जय प्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक के पास परिचालन के लिए रकम नहीं है. साथ ही इसकी कमाई का कोई रास्ता नजर नहीं आता. इसलिए यह लोगों का पैसा वापस करने के हालत में नहीं है. यदि बैंक को आगे भी काम करने दिया गया तो जनता को भारी नुकसान हो सकता है. इसलिए इसकी बैंकिंग सेवाएं बंद करने का फैसला लिया गया.

बैंक न डिपॉजिट स्वीकार करेगा न ही पेमेंट करेगा

आरबीआई ने बताया कि बैंक की स्थिति को देखते हुए इसे मंगलवार, 6 फरवरी 2024 से ही बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. इससे लोगों के हित सुरक्षित रखे जा सकेंगे. इस आदेश के बाद अब सहकारी बैंक की बैंकिंग सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद हो गई हैं. बैंक न तो डिपॉजिट स्वीकार करेगा न ही किसी तरह का भुगतान करेगा.

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