हर साल लाखों छात्र UPSC की परीक्षा देते हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम ही सफल हो पाते हैं। यह परीक्षा कठिन होने के साथ-साथ काफी प्रतिस्पर्धी भी है। लेकिन अगर आपके पास दृढ़ निश्चय और सही मार्गदर्शन हो, तो आप इस परीक्षा को पास कर सकते हैं। आज हम आपके लिए IAS स्वाति मीणा से जुड़ी खबर बताने वाले हैं। स्वाति राजस्थान राज्य की सबसे कम उम्र की IAS महिला बनी है इसके पीछे उसकी कड़ी मेहनत और माता पिता का पूरा सपोर्ट रहा है जिसके तहत वे IAS अधिकारी बन पायी। तो चलिए आज जानते हैं इनकी सम्पूर्ण जीवन के बारे में……
स्वाति मीणा कौन है?
स्वाति एक IAS अधिकारी हैं। जिनका जन्म राजस्थान के अजमेर जिले में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनकी मां एक पेट्रोल पंप चलाती थीं और पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। स्वाति को बचपन से ही पढ़ाई में बहुत रुचि थी। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर से पूरी की और फिर दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
स्वाति ने IAS की परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया। उन्होंने कड़ी मेहनत की और साल 2007 में पहली ही बार में IAS की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली।
स्वाति मीणा को मध्य प्रदेश कैडर मिला। वे वर्तमान में मध्य प्रदेश के मंडला जिले में कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
स्वाति ने हासिल की ऑल इंडिया 260 रैंक
स्वाति के पिता एक IAS अधिकारी बनने का सपना देखते थे, लेकिन उन्हें यह सपना पूरा नहीं हो पाया। स्वाति ने अपने पिता के सपने को पूरा करने की ठानी। उन्होंने UPSC की परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया। और अपने मन में ठान लिया कि वे एक अधिकारी बन कर दिखाएंगी। उन्होंने कड़ी मेहनत की और साल 2007 में पहली ही बार में यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 260 रैंक हासिल की।
सबसे अधिक सपोर्ट रहा पिता का
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमें जीवन में कुछ हासिल करने के लिए माता-पिता का ही सबसे अधिक सपोर्ट मिलता है हालाँकि अन्य सदस्य भी होते हैं सपोर्ट करने के लिए परन्तु माँ बाप का सपोर्ट सबसे अधिक होता है। ठीक उसी प्रकार स्वाति के IAS बनने के सपने में उनके पिता ने उनको पूरा सपोर्ट तथा सहायता की। इनकी माता भी व्यस्त रहती थी क्योंकि वह पैट्रोल पम्प का कार्य करती थी जिस कारण वे अपनी बेटी पर उतना अधिक ध्यान नहीं दे पाती थी जितना की उसके पिता।
खनन माफियाओं के खिलाफ चलाया अभियान
स्वाति मीणा एक निडर और दबंग अधिकारी हैं। जब ये मध्य प्रदेश के मंडला जिले में कलेक्टर के रूप में तैनात हुई, तो वहां खनन माफियाओं की चलती थी। स्वाति ने खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। उन्होंने खनन माफियाओं के खिलाफ कई अभियान चलाए और उन्हें गिरफ्तार करवाया। इसके अलावा, उन्होंने मंडला जिले में कई विकास कार्यों को भी अंजाम दिया।
स्वाति मीणा की सफलता से युवाओं को क्या सीखना चाहिए
- दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
- सकारात्मक सोच रखना और अपने लक्ष्य पर अडिग रहना भी बहुत जरूरी है।
- अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाएं और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमेशा तत्पर रहें।
स्वाति मीणा की सफलता से यह स्पष्ट है कि अगर युवा अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत करें, तो वे हर मुश्किल को पार कर सकते हैं।