राजस्थान यह दो शब्दों से मिलकर बना है, राज एवं स्थान अर्थात यहाँ भारत के राजाओं के स्थान की जगह है। राजस्थान की इस भूमि पर कई पराक्रमी राजाओं ने जन्म लिया है। इसका सबसे बड़े गवाह राज्य में स्थित प्राचीन किले है। जिनमे पुराने समय के राजा अपने परिवार के साथ निवास किया करते थे। आज हम यहां राजस्थान में कितने किले हैं से सम्बंधित जानकारी दे रहें हैं।
राजस्थान में कितने किले हैं
1 | गागरोन का किला | 18 | खेजरला किला |
2 | बाला किला | 19 | खीमसर किला |
3 | बाड़मेर किला और गढ़ मंदिर | 20 | कुम्भलगढ़ किला |
4 | भटनेर किला | 21 | लक्ष्मणगढ़ किला |
5 | चित्तौड़गढ़ किला | 22 | लोहागढ़ किला |
6 | देव गिरी किला और उत्गीर | 23 | मेहरानगढ़ किला |
7 | गढ़ महल | 24 | नागौर किला |
8 | गुगोर किला | 25 | नाहरगढ़ का किला |
9 | अनूपगढ़ किला | 26 | नीमराणा फोर्ट |
10 | पहाड़ी किला- केसरोली | 27 | रणथंभौर किला |
11 | जयगढ़ फोर्ट | 28 | रतनगढ़ किला |
12 | जैसलमेर का किला | 29 | शेरगढ़ किला |
13 | जालौर किला | 30 | तारागढ़ किला |
14 | झालावाड़ का किला | 31 | तिमनगढ़ किला |
15 | जूना किला और मंदिर | 32 | आमेर का किला |
16 | जूनागढ़ किला | 33 | किशनगढ़ का क़िला |
17 | खंडार किला |
1. आमेर का किला
राजस्थान के जयपुर जिले से 11 किलों मीटर दूर राज्य के उपनगर आमेर में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1592 में की गई थी। यहाँ किला लाल बलुआ के पत्थर एवं संगमरमर से निर्मित है।
इस किले का का निर्माण राजा मानसिंह एवं सवाई जयसिंह द्वारा किया गया था यहाँ ईमारत मुग़ल एवं हिन्दुओं के वास्तुशिल्प का एक अद्भुत नमूना है।
2. चित्तौड़गढ़ का दुर्ग
राजस्थान का चितोड़गढ़ किला भारत का सबसे बड़ा किला है। मौर्यवंशीय राजा चित्रांगद दने इस किले का निर्माण सातवीं शताब्दी में किया था। वर्ष 738 में मौर्यवंश के अंतिम शासक मानमोरी को गुहिलवंश के राजा ने हराकर किले पर अपना अधिकार कर लिया था।
उसके बाद इसे गुहिलवंशियों से छीनकर मालवा के परमार राजा मुंज ने हासिल कर लिया था। उसके बाद 9-10वीं शताब्दी तक इस किले पर परमारो का अधिकार रहा।
3. मेहरानगढ़ का किला
राजस्थान का मेहरानगढ़ का किला यह जोधपुर जिले में स्थित है। 12 मई 1459 वर्ष में राव जोधा ने इस किले कि नीव रखी थी लेकिन वह इसका निर्माण कार्य पूरा होते नहीं देख पाई और उनकी मृत्यु हो गई जिसे बाद महाराज जशवंत सिंह ने 1638-78 में पूरा किया था।
15 शताब्दी में निर्मित यह विशालकाय किला पथरीली पहाड़ी पर स्थित है जोकि मैदानी क्षेत्र से 125 मीटर ऊचाँ है। किले में मूल रूप से सात द्वार है एवं आठवां द्वारा गुप्त है।
4. कुम्भलगढ़ दुर्ग
राजस्थान का यह जिला उदयपुर से 70 किलो मीटर दूर राजसमन्द जिले के कुम्भलगढ़ में स्थित है। इस किले का निर्माण महाराणा कुम्भा द्वारा कराया गया है। इस किले को अजयगढ़ भी कहाँ जाता है। क्योकि इस किले पर विजय करना हूत मुश्किल था।
इस किले का निर्माण कार्य की शुरुआत वर्ष 1443 में कि गई थी। एवं यह 1458 में पूरी तरह समाप्त किया गया था। राजस्थान के माड़ गायकों ने इसकी प्रशंन्सा में कई गीत गाए है।
5. रणथंभोर दुर्ग, सवाईमाधोपुर
राजस्थान के दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के सवाई माधोपुर रेल्वे स्टेशन से 13 कि॰मी॰ दूर रन और थंभ नाम की पहाडियों के बीच रणथंभोर किला स्थित है। यह समुद्रतल से 481 मीटर ऊंचाई पर 12 कि॰मी॰ परिधि में बना है।
इस किले का निर्माण राजस्थान के राजा रणथंबन देव चौहान ने वर्ष 944 में किया है। इस किले पर अकर्मणकारियों का इतिहास बहुत ही लम्बा रहा है। इसकी शुरुआत दिल्ली के कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा की गई थी। एवं ख़तम मुग़ल बादशाह अकबर द्वारा की गई।
यह महल अपने आप में ही सुंदरता का प्रतिक है। क्योकि यह किला तीनों और से गहरी खाई से घिरा हुआ है।
6. जूनागढ़ क़िला बीकानेर
राजस्थान के बीकानेर जिले में यह जूनागढ़ क़िला स्थित है। इस किले का निर्माण कार्य सन 1588 में शुरू किया गया था एवं 1593 में सम्पूर्ण किया गया था। इसका निर्माण अकबर के सेनापति राजा राज सिंह द्वारा शुरू किया गया था एकम इसे आधुनिक महाराजा गंगा सिंह द्वारा प्रदान की गई।
यह महल कई बेशकीमती पत्रों की सहायता से बनाया गया है जैसे :- लाल बलुए एवं संगमरमर। किले के चरों ओर लगभग 986 मीटर लंबी दीवार बनी हुई है। एवं 37 चौकिया भी बनाई गई है।
इस किले में दो मुख्य दरवाजे स्थित है जिनका नाम दौलतपोल एवं सूरजपोल है दौलतपोल में आपको सटी हुई राजपुतानियों के हाथों के छाप देखने को मिल जायेंगे।
इस किले के अंतर्गतबहुत ही भव्य एवं सुन्दर महल है जिनके नाम भी है जैसे :- अनूप महल, दिवान-ए-ख़ास, हवा महल, बादल महल, चंद्र महल, फूल महल, रंग महल, दुंगर महल और गंगा महल इत्यादि।
7. सिटी पैलेस, जयपुर
राजस्थान के जयपुर राज्य में स्थित सिटी पैलेस कभी लोक प्रिय पर्यटन स्थल है। यह एक महल परिसर भी है। सिटी पैलेस की स्थापना महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा 1729 से 1732 के मध्यकाल में की गई थी।
इस महल को चंद्र महल भी कहाँ जाता है। यह पैलेस भवन शैली राजपूत, मुग़ल और यूरोपियन शैलियों का अद्भुत मिश्रण है।
8. सिटी पैलेस, उदयपुर
राजस्थान के जिले उदयपुर में भी एक सिटी महल है जो बहुत ही प्रसिद्ध है। साथ 16वीं शताब्दी में इस महल की पहली नीव रखी गई थी
- उदयपुर में सिटी पैलेस की स्थासपना 16वीं शताब्दी में आरम्भ हुई।
- सिटी पैलेस को स्थालपित करने का विचार एक संत ने राणा उदयसिंह को दिया था। इस प्रकार यह परिसर 400 वर्षों में बने भवनों का समूह है।
- यह एक भव्य परिसर है। इसे बनाने में 22 राजाओं का योगदान था।
- सिटी पैलेस परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य ‘त्रिपोलिया गेट’ दिखेगा।
- इस परिसर में एक जगदीश मंदिर भी है।
9. लोहागढ़ क़िला, भरतपुर
- इस किले का निर्माता, जाट राजा सूरजमल ने अठारहवीं सदी में किया था ।
- भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग भी ऐसा ही दुर्ग है, जिसने राजस्थान के जाट शासकों का वर्षों तक संरक्षण किया।
- छह बार इस दुर्ग को घेरा गया, लेकिन आखिर शत्रु को हारकर पीछे हटना पड़ा। लोहे जैसी मज़बूती के कारण ही इस दुर्ग को ‘लोहागढ़’ कहा जाता है।
- सुरक्षा को और अधिक पुख्ता करने के लिए लोहागढ़ के चारों ओर गहरी खाई खुदवाकर पानी भरवाया गया। आज भी इस दुर्ग के चारों ओर खाई और पानी मौजूद है।
- यह क़िला दो ओर से मिट्टी की दीवारों से सुरक्षित किया गया था। इन मिट्टी की दीवारों पर तोप के गोलों और गोलियों का असर नहीं होता था और इनके अंदर छुपा दुर्ग सुरक्षित रहता था।
- मिट्टी की दीवारों से इतनी पुख्ता सुरक्षा के कारण एक कहावत घर-घर में चल पड़ी थी कि “जाट मिट्टी से भी सुरक्षा के उपाय खोज लेते हैं।”
इस लेख में हमने आपके साथ देश के “राजस्थान में कितने किले हैं” से संबंधित जानकारी साझा की है। अगर आपको लिखित जानकारी के अलावा कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में मेसेज हमें सूचित कर सकते है हमारी टीम द्वारा आपके प्रश्नो के उत्तर अवश्य दिए जायेंगे। आशा करते है की आपको हमारे लेख के माध्यम से सहायता प्राप्त हुई होगी।