जमीन की रजिस्ट्री करते समय इन बातो पर ध्यान देकर काफी पैसे बच सकते है

Land Registry Rules: जब भी कोई व्यक्ति कोई घर, दुकान, प्लॉट, या जमीन खरीदता है तो कानूनी रूप से वह उसके मालिक तभी बनता है जब उसके नाम पर उसकी रजिस्ट्री हो जाती है। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने का सबसे बड़ा और जरूरी काम उसकी रजिस्ट्री करवाना होता है।

Land Registry Rules

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रजिस्ट्री का खर्च संपत्ति का 6-9% होगा

प्रॉपर्टी खरीदते समय आपके नाम पर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराना कानूनी मालिकाना हक प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है। जमीन रजिस्ट्री करवाना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो आपको संपत्ति का कानूनी स्वामित्व प्रदान करती है। कुल मिलाकर जमीन रजिस्ट्री करवाने का खर्च संपत्ति मूल्य का 6-9% तक हो सकता है।

जमीन रजिस्ट्री पर पैसे बचाने के कुछ तरीके

स्टाम्प ड्यूटी पर छूट

यदि सर्किल रेट मार्केट वैल्यू से अधिक है, तो आप रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार से मार्केट वैल्यू पर स्टाम्प ड्यूटी जमा करने के लिए अपील कर सकते हैं। स्टेट स्टाम्प एक्ट के तहत यह प्रावधान किया गया है। अपील करने के लिए आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा और उसमें मार्केट वैल्यू का प्रमाण देना होगा। रजिस्ट्रार आपकी अपील की जांच करेगा और यदि वह संतुष्ट होगा तो आपको मार्केट वैल्यू पर स्टाम्प ड्यूटी जमा करने की अनुमति देगा।

जमीन की रजिस्ट्री

जमीन की रजिस्ट्री आदि से जो होने वाली इनकम स्टेट को जाती है। बहुत बार प्रदेश सरकार की तरफ से रजिस्ट्रेशन फीस में कमी की जाती है। इस तरह से जिस समय पर उसमें छूट मिल रही हो तब रजिस्ट्री करवाने पर बहुत से पैसे बच सकते हैं।

महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश आदि प्रदेशो में कोई खून के रिश्तेदार को संपत्ति गिफ्ट करने पर स्टाम्प शुल्क नहीं लगता है। यद्यपि अन्य प्रदेशो में इस मामले में कुछ अलग प्रावधान हो सकते हैं। अतः रजिस्ट्री करवाने से पूर्व अपने राज्य के स्टाम्प एक्ट को चेक कर लें।

महिलाओं को रजिस्ट्री शुल्क में छूट

कई राज्यों में महिलाओं को जमीन रजिस्ट्री शुल्क में छूट दी जाती है। यह छूट महिलाओं को संपत्ति में स्वामित्व बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दी जाती है। इसमें हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के मुताबिक, अगर कोई जमीन किसी पुरुष के नाम पर दर्ज है, तो उस पर 6 फीसदी और महिला के नाम पर 4 फीसदी रजिस्ट्रेशन चार्ज देना होता है। इससे आप रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन पर होने वाले खर्च पर एक साल में 1.5 लाख तक टैक्स बचा सकते हैं।

मार्केट वैल्यू पर स्टाम्प ड्यूटी

कई बार रजिस्टार द्वारा जमीन की मार्केट वैल्यू से अधिक सर्किल रेट निर्धारित किया जाता है। आप रजिस्टार से अपील करके मार्केट वैल्यू पर स्टाम्प ड्यूटी जमा कर सकते हैं।

रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट

कुछ राज्यों में सीनियर सिटीजन, विकलांग व्यक्तियों और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट मिलती है। यदि आप इनमें से किसी श्रेणी में आते हैं, तो आप इस छूट का लाभ उठा सकते हैं।

ई-स्टाम्पिंग

कई राज्यों में ई-स्टाम्पिंग की सुविधा उपलब्ध है। ई-स्टाम्पिंग में स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन किया जाता है जिससे आपको कुछ छूट मिल सकती है। आप रजिस्ट्री प्रक्रिया के बारे में जानकारी के लिए सरकार की वेबसाइट भी देख सकते हैं.

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये तरीके सभी राज्यों में लागू नहीं हो सकते हैं। रजिस्ट्री पर पैसे बचाने के लिए आप अपने राज्य के रजिस्टार कार्यालय से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

टॉपिक: Land Registry Rules, Property Registry Rules, रजिस्ट्री का खर्च कम करना

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