जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे मैं दे दूंगा’, जब मंदिर बनाने के लिए UAE प्रिंस ने PM मोदी को कहा

MCPanchkula डिजिटल डेस्क: UAE में जब भव्य मंदिर का उद्घाटन हो रहा है इस ऐतिहासिक मौके पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी में भारतीय मूल के लोगों के साथ एक यादगार मुलाकात की, जहां उन्होंने भारत-यूएई के मजबूत बंधनों के बारे में बात की। अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए उन्हें ‘नमस्कार’ कहा। इस अवसर पर, उन्होंने BAPS Hindu Mandir के निर्माण के पीछे की प्रेरणादायक कहानी साझा की, जो न केवल दो देशों के बीच की दोस्ती का प्रतीक है, बल्कि आपसी सम्मान और सहिष्णुता का भी संकेत है।

जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे मैं दे दूंगा', जब मंदिर बनाने के लिए UAE प्रिंस ने PM मोदी को कहा
जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे मैं दे दूंगा’, जब मंदिर बनाने के लिए UAE प्रिंस ने PM मोदी को कहा

पीएम मोदी ने क्राउन प्रिंस की दिलदारी का सुनाया किस्सा

प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस, शेख नाहयान के साथ हुई अपनी एक विशेष बातचीत को याद करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने मंदिर के प्रस्ताव पर तत्परता और उदारता के साथ सहमति व्यक्त की थी। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मैंने 2015 में उनके सामने इस मंदिर के निर्माण का प्रस्ताव रखा, तो उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा, ‘जिस जमीन पर लकीर खींच दोगे मैं दे दूंगा।’ यह बात सुनकर मेरा दिल खुशी से भर गया।”

इस घटनाक्रम को बताते हुए, प्रधानमंत्री ने यूएई और भारत के बीच प्राचीन समुदाय और सांस्कृतिक संबंधों की गहराई को भी उजागर किया। उन्होंने अरबी में कुछ पंक्तियाँ भी बोलीं, जिसके माध्यम से उन्होंने ‘दुनिया की किताब’ पर ‘वक्त की कलम’ से लिखे जा रहे बेहतर भविष्य की कहानी को साझा किया।

पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय के प्रति अपने गर्व को व्यक्त किया और कहा कि यह समय दोनों देशों के बीच की दोस्ती और समझदारी को सराहने का है। उन्होंने कहा, “आप यूएई के विभिन्न हिस्सों और भारत के विभिन्न राज्यों से आए हैं, लेकिन आप सभी के दिल एक जैसे हैं।” इस अनोखे सम्बोधन ने न केवल भारतीय समुदाय को एक सूत्र में बांधा, बल्कि दोनों देशों के बीच की मित्रता को और भी मजबूत कर दिया।

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