कागज की जगह प्लास्टिक के नोट: क्या सरकार लाएगी ये बदलाव? वित्त मंत्रालय ने दिया यह जवाब!

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने हाल ही में स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने प्लास्टिक के नोट छापने का कोई फैसला नहीं लिया है। यह बात उन्होंने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कही। उन्होंने बताया कि सरकार का मुख्य ध्यान नोटों की मजबूती बढ़ाने और नकली नोटों को रोकने पर है। इसके लिए, 2022-23 में नोटों की सुरक्षा पर 4682.80 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें प्लास्टिक नोटों की छपाई का कोई खर्च शामिल नहीं है।

कागज की जगह प्लास्टिक के नोट: क्या सरकार लाएगी ये बदलाव? वित्त मंत्रालय ने दिया यह जवाब!
कागज की जगह प्लास्टिक के नोट: क्या सरकार लाएगी ये बदलाव? वित्त मंत्रालय ने दिया यह जवाब!

सरकार की नीतियाँ और प्रयास

राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 25 के तहत प्लास्टिक नोट लाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार लगातार नकली नोटों की समस्या से निपटने की कोशिश कर रही है।

सरकार द्वारा बनाए गए कानून

चौधरी ने क्रिप्टो एसेट के व्यापार पर भी प्रकाश डाला, बताया कि इसके जरिए अवैध व्यापार करना एक अपराध है। सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत सख्त कदम उठाए हैं। 7 मार्च 2023 को जारी एक नोटिफिकेशन के जरिए क्रिप्टो एसेट को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के दायरे में लाया गया है।

क्रिप्टो लेनदेन पर सरकार की नजर

सरकार ने मान्यता दी है कि देश में क्रिप्टो एसेट्स के लेनदेन हो रहे हैं। इसलिए, वित्त अधिनियम 2022 के माध्यम से एक व्यापक कराधान व्यवस्था को लागू किया गया है। इस कदम से क्रिप्टो लेनदेन पर नज़र रखने और उनसे होने वाली आय पर कर लगाने का एक सिस्टम तैयार हुआ है। इससे सरकार को डिजिटल संपत्तियों के इस्तेमाल से उत्पन्न आर्थिक गतिविधियों की बेहतर समझ और नियंत्रण मिलता है।

कंपनियों के लिए क्रिप्टो खुलासे की आवश्यकता

सरकार ने क्रिप्टो एसेट्स के साथ काम करने वाली कंपनियों के लिए वित्तीय विवरणों में इसकी हिस्सेदारी का खुलासा करना अनिवार्य किया है। 24 मार्च 2021 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से, जो 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी है, कंपनी अधिनियम 2013 की अनुसूची III में लाए गए संशोधन के अनुसार, क्रिप्टो एसेट्स की हिस्सेदारी का खुलासा करना जरूरी है। यह उपाय वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने और निवेशकों को सही जानकारी प्रदान करने के लिए किया गया है।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम न केवल वित्तीय सिस्टम को मजबूती प्रदान करते हैं बल्कि आर्थिक सुरक्षा और नागरिकों के हितों की रक्षा करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण हैं। प्लास्टिक नोटों के विचार को खारिज करना और क्रिप्टो एसेट्स पर नियंत्रण में सख्ती लाना, दिखाता है कि सरकार आधुनिक वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। इन पहलों से एक ऐसा परिवेश तैयार होता है जो न केवल आर्थिक वृद्धि को समर्थन देता है बल्कि नागरिकों की सुरक्षा और भरोसे को भी मजबूत करता है।

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