भारत में एक ऐसा राज्य है, जहां के निवासियों को अपनी आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। यह राज्य है सिक्किम। सिक्किम के मूल निवासियों को इनकम टैक्स से छूट आजादी के बाद से ही मिली हुई है। तो चलिए जानते हैं कि क्या यहाँ करोड़ों रुपए की कमाई पर कोई भी टैक्स नहीं भरना पड़ता, जानिए पूरी जानकारी।
क्या विलय की शर्तों में शामिल की गई आयकर छूट?
सिक्किम की स्थापना वर्ष 1642 में हुई, बताई गई है। तब से लेकर आज तक सिक्किम के निवासियों को आयकर से छूट मिल रही है। यह छूट सिक्किम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साल 1948 में सिक्किम के चोग्याल शासक द्वारा सिक्किम इनकम टैक्स मैनुअल जारी किया था। इसमें यह बात की गई थी की राज्य के लोगों से कोई भी इनकम टैक्स नहीं लिया जाएगा। यह छूट सिक्किम की सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को बनाए रखने के लिए दी गई थी।
भारत में वर्ष 1975 को सिक्किम का पूर्ण विलय हो गया था। लेकिन, भारत-सिक्किम शांति समझौते से सिक्किम भारत के संरक्षण में 1950 में आ गया था। इस समझौते में इनकम टैक्स छूट की शर्त शामिल थी। भारत ने भी इस शर्त को स्वीकार किया।
इसी शर्त को ध्यानपूर्वक भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26एएए) में सिक्किम के माध्यम से मूल निवासियों को आयकर से छूट प्रदान की गई। इस छूट का लाभ राज्य के लगभग 95% लोगों को मिलता है।
टैक्स फ्री दर्जा समाप्त करने की मांग
भारत के एकमात्र टैक्स फ्री राज्य सिक्किम के निवासियों को मिली इनकम टैक्स छूट को लेकर कई तरह के मत हैं। कुछ लोग इसे राज्य के विकास के लिए बाधा मानते हैं, जबकि कुछ इसे राज्य की सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को बनाए रखने का एक तरीका मानते हैं।
हालांकि, इस छूट को लेकर विवाद भी है। कई लोग इसे गलत तरीके से इस्तेमाल करने की आशंका जताते हैं। भाजपा नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय तो सिक्किम को टैक्स हेवन तक की संज्ञा देते हैं।
इनकम टैक्स में मिली छूट का गलत इस्तेमाल होने की खबरें गाहे-बगाहे आती रहती हैं। सिक्किम के लोगों के नाम बड़ी मात्रा में डीमैट अकाउंट खोलने का मामला भी सामने आ चुका है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सिक्किम के निवासियों को मिली इनकम टैक्स छूट को समाप्त किया जाना चाहिए?
इस मुद्दे पर दो तरह के तर्क दिए जा सकते हैं।
- पहला तर्क
- इस तर्क के समर्थक कहते हैं कि सिक्किम के निवासियों को मिली इनकम टैक्स छूट का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे राज्य के राजस्व को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, यह अन्य राज्यों के निवासियों के लिए भी एक असमानता है।
- दूसरा तर्क
- इस तर्क के समर्थक कहते हैं कि सिक्किम एक पहाड़ी राज्य है और वहां की अर्थव्यवस्था अन्य राज्यों की तुलना में कम विकसित है। इनकम टैक्स छूट से राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
अंततः यह फैसला सरकार को करना होगा कि सिक्किम के निवासियों को मिली इनकम टैक्स छूट को समाप्त किया जाए या नहीं।
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