जाने देश को कैलेंडर देने वाले Meghnad Saha को, जिनके नेहरू से मतभेद रहे

Meghnad Saha Calendar: मेघनाद साहा ने तारों के तापमान और वर्णक्रम के बीच संबंध का पता लगाया। उनका योगदान 26 वर्ष की आयु में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो गया था। भारत का अपना राष्ट्रीय कैलेंडर है जो शक संवत पर आधारित है। यह 1957 में अपनाया गया था और तब से यह देश में सरकारी कैलेंडर है।

Meghnad Saha Calendar

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मेघनाद साहा का शुरआती जीवन

मेघनाद साहा का जन्म 6 अक्टूबर 1893 को अविभाजित भारत के ढाका जिले (वर्तमान में बांग्लादेश) के शाओराटोली नामक एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम जगन्नाथ साहा था और वे एक छोटे दुकानदार थे। उनकी माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था।

साइंस में उच्च शिक्षा ली

एक स्थानीय डॉक्टर (डॉक्टर दास) की मदद से वे आगे की पढ़ाई जारी रखने में सफल रहे। 1913 में मेघनाद साहा ने कलकत्ता प्रेसीडेंसी कॉलेज से गणित में स्नातक (BSc) की डिग्री प्राप्त की। 1915 में उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अनुप्रयुक्त गणित (MSc) में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।

दोनों परीक्षाओं में वे दूसरे स्थान पर रहे जबकि प्रथम स्थान सत्येन्द्रनाथ बोस को प्राप्त हुआ, जो बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी के लिए प्रसिद्ध हैं।

कैलेंडर सुधार समिति के अध्यक्ष बने

भारत में 1752 से ग्रेगोरियन कैलेंडर का उपयोग किया जा रहा था। भारत में विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न पंचांगों का उपयोग किया जाता था। पंचांग चंद्र-सौर कैलेंडर हैं जो धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों को निर्धारित करता हैं। भारत में एक राष्ट्रीय कैलेंडर की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

प्रोफेसर मेघनाद साहा एक राष्ट्रीय कैलेंडर के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने 1939 में “भारतीय कैलेंडर में सुधार की आवश्यकता” पर एक लेख लिखा था। 1952 में भारत सरकार ने कैलेंडर सुधार समिति का गठन किया। प्रोफेसर मेघनाद साहा को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

ऐसे बना भारत का ‘नेशनल कैलेंडर’

1952 में गठित कैलेंडर सुधार समिति ने भारत के लिए एक वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर एक सटीक कैलेंडर तैयार करना था। समिति ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित 30 अलग-अलग कैलेंडरों का गहन अध्ययन किया। यह कार्य इसलिए भी जटिल था क्योंकि कैलेंडर धर्म और स्थानीय भावनाओं से जुड़े हुए थे। समिति ने राष्ट्रीय कैलेंडर के लिए निम्नलिखित सिफारिशें रखी-

  • राष्ट्रीय कैलेंडर शक संवत पर आधारित हो,
  • सामान्य वर्ष में 365 दिन और लीप वर्ष में 366 दिन हों,
  • साल का पहला महीना चैत्र हो,
  • शेष महीनों में 30 दिन हों,
  • सामान्य वर्ष में पहला दिन 22 मार्च हो,
  • लीप वर्ष में पहला दिन 21 मार्च होगा।

साहा का पीएम नेहरू से मतभेद

मेघनाद साहा, एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक होने के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय थे। 1952 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। साहा की राजनीति में आने की एक वजह उनका पंडित नेहरू के साथ बढ़ता मनमुटाव बताया जाता है।

1935 से नेहरू और साहा ने कई क्षेत्रों में एक साथ काम किया था जिसमें 1938 में सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित योजना समिति भी शामिल थी। नेहरू के कुछ निर्णयों से साहा सहमत नहीं थे, जिसके कारण उनमें मतभेद पैदा हुए।

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