दुनिया का सबसे खतरनाक साइबर अपराध गैंग, हमले की लिस्ट में भारत दूसरे नम्बर पर

LockBit Cyber Crime: इस हफ्ते पुलिस बलों ने साइबर अपराधियों का एक गैंग लॉकबिट का सफाया करने का दावा किया है। लॉकबिट एक ऐसा गैंग है जिसने दुनिया भर में तबाही मचा रखी थी। अमेरिकी पुलिस ने दावा किया है कि वहने लॉकबिट गैंग को तोड़ दिया है। लॉकबिट हैकरों का यह गैंग पिछले कुछ समय में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों पर साइबर हमले किए थे।

LockBit Cyber Crime

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दुनियाभर में लॉकबिट की तबाही

लॉकबिट एक रैंसमवेयर गैंग है जो 2020 से सक्रिय है और दुनिया भर में कई साइबर हमलों के लिए जिम्मेदार है। मंगलवार को अमेरिकी अधिकारियों ने दो रूसी नागरिकों पर लॉकबिट रैंसमवेयर से हमला करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया है। पोलैंड और यूक्रेन में भी स्थानीय पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग ने बड़े पैमाने पर डेटा लीक किया और कई कंपनियों को नुकसान भी पहुंचाया।

कई देशों ने जॉइंट मिशन किया

साइबर अपराधियों के एक कुख्यात गैंग लॉकबिट का सफाया हो गया है। अमेरिकी, पोलिश और यूक्रेनी अधिकारियों ने एक संयुक्त अभियान में इस गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। लॉकबिट दुनियाभर में रैंसमवेयर हमलों के लिए जिम्मेदार था जिसमें भारत की टाटा पावर और एयर इंडिया जैसी कंपनियां भी शामिल हैं।

हमारी रूचि सिर्फ पैसे में – गैंग

यह गैंग किसी भी सरकार का समर्थन नहीं करता था। अब बंद हो चुकी एक डार्कवेब साइट पर इस गैंग ने कहा था, “हम नीदरलैंड्स से काम करते हैं। हम पूरी तरह अ-राजनीतिक हैं और हमारी रूचि केवल पैसो में है।” लॉकबिट ने 1700 से अधिक संगठनों पर हमला किया है और 100 मिलियन डॉलर से अधिक की फिरौती वसूली है। यह गैंग डार्क वेब पर सक्रिय था और बिटकॉइन में फिरौती की मांग करता था।

लॉकबिट के दुनियाभर में साइबर हमले

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, लॉकबिट नामक एक साइबर अपराधियों का गैंग इंटरनेट पर साइबर हमले कर फिरौती मांगने वाला सबसे बड़ा खतरा बन गया था। यह गैंग सिर्फ तीन साल में ही इतना शक्तिशाली बन गया था। लॉकबिट ने अमेरिका में सबसे ज्यादा नुकसान किया है।

यहां सरकारी विभागों से लेकर हर क्षेत्र की निजी कंपनियों तक इसने कुल मिलाकर 1,700 संगठनों पर हमले किए। इनमें बैंकों से लेकर स्कूल, परिवहन और खाद्य सेवाएं तक शामिल हैं।इसके हमले झेलने वालों में रक्षा और विमानन क्षेत्र की कंपनी बोइंग भी है।

हमले के मामले में भारत का दूसरे नम्बर

पिछले साल नवंबर में लॉकबिट ने बोइंग पर हमला करके उसका डेटा चुराया और उसे सार्वजनिक कर दिया। इससे पहले फाइनैंशल ट्रेडिंग ग्रुप इयॉन (ION) पर भी हमला हुआ था और उसका कामकाज प्रभावित हुआ था। इयॉन के ग्राहकों में दुनिया के सबसे बड़े बैंक और हेज फंड शामिल हैं।

लॉकबिट ने इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (ICBC) और अमेरिकी वित्त मंत्रालय को भी निशाना बनाया है। भारत तो सबसे ज्यादा हमलों का शिकार होने वाले देशों में दूसरे नंबर पर है।

डार्क वेब पर लॉकबिट का ब्लॉग

लॉकबिट ने डार्क वेब पर एक ब्लॉग बनाया था जो डर का प्रतीक बन गया था। इस ब्लॉग में उन तमाम संस्थाओं और संगठनों की सूची दी गई थी जिन्हें इस गैंग ने निशाना बनाया था। सूची में लगभग रोज नया नाम जोड़ा जाता था।

प्रत्येक नाम के साथ एक घड़ी भी होती थी। यह घड़ी यह बताती थी कि किस संगठन के पास फिरौती देने के लिए कितना वक्त बचा है। समय समाप्त होने पर लॉकबिट चुराए गए डेटा को लीक कर देता था।

इस गैंग के सफाए से साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता मिली है। यह उम्मीद है कि यह अन्य साइबर अपराधियों के लिए भी एक चेतावनी होगी।

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