लाल किताब: रावण की देन या आसमान से आया ज्ञान, इसकी लोकप्रियता के कारण क्या हैं?

लाल किताब, जो अपने अनूठे ज्योतिषीय ज्ञान और हस्तरेखा विज्ञान के संगम के लिए प्रसिद्ध है, वैदिक ज्योतिष उपायों का एक अनमोल स्रोत मानी जाती है। इसकी उत्पत्ति और विकास की कहानी रहस्य और रोमांच से भरी हुई है। लाल किताब की यात्रा, जिसकी शुरुआत रावण से जुड़ी मान्यताओं से होती है, वह आज भी अनेक ज्योतिषीय परंपराओं में जीवित है।

लाल किताब का महत्व

लाल किताब, जो ज्योतिष और हस्तरेखा का एक अनोखा संगम है, वैदिक ज्योतिष उपायों का खजाना है। इसे पहली बार उर्दू में लिखा गया था और पंडित रूप चंद जोशी ने इसे लगभग 90 साल पहले लाहौर में प्रकाशित करवाया था। लाल किताब की मान्यता इतनी अधिक है कि इसके बिना ज्योतिषियों का काम अधूरा माना जाता है।

लाल किताब: रावण की देन या आसमान से आया ज्ञान, इसकी लोकप्रियता के कारण क्या हैं?
लाल किताब

रावण और लाल किताब का रहस्य

“रावण और लाल किताब का रहस्य” एक बड़ा ही दिलचस्प और रहस्यमयी मुद्दा है। कहा जाता है कि लाल किताब का ज्ञान रावण ने अरुण, सूर्य देव के सारथी, से प्राप्त किया था। यह किताब ज्योतिषीय ज्ञान और हस्तरेखा विज्ञान का अनोखा संगम प्रस्तुत करती है। रावण के बाद, इस प्राचीन ज्ञान को माना जाता है कि वह खो गया था, लेकिन फिर किसी तरह यह ‘आद’ नामक स्थान पर पहुंच गया और बाद में इसे अरबी और फारसी में अनुवादित किया गया। इसके उर्दू अनुवाद को आज पाकिस्तान की एक लाइब्रेरी में संरक्षित किया गया है। इस किताब की लोकप्रियता का एक कारण इसका रहस्यमयी इतिहास भी है, जिसमें रावण और दिव्य प्रेरणा की भूमिका बताई जाती है।

लाल किताब की विशेषताएं

लाल किताब की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  1. ज्योतिष और हस्तरेखा का संगम: लाल किताब ज्योतिषीय ज्ञान और हस्तरेखा विज्ञान को एक साथ मिलाती है।
  2. प्राचीन ज्ञान का संरक्षण: इसमें वैदिक ज्योतिष उपायों के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय ज्ञान को संजोया गया है।
  3. अनूठी शैली और भाषा: यह मूल रूप से उर्दू में लिखी गई थी और इसकी भाषा काव्यात्मक है।
  4. व्यापक उपयोगिता: लाल किताब जीवन की विभिन्न स्थितियों के लिए उपाय और भविष्यवाणियां प्रदान करती है।
  5. लोकप्रियता: उत्तर भारत और पाकिस्तान में इसकी उपयोगिता और महत्व के कारण बहुत लोकप्रिय है।
  6. रहस्यमय और ऐतिहासिक महत्व: इसके इतिहास में रावण और दिव्य प्रेरणा की भूमिका इसे और भी रहस्यमयी बनाती है।
  7. सुलभता: इसके अध्ययन और समझ के लिए विभिन्न संस्करण और आजकल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं।

पंडित रूप चंद जोशी: लाल किताब के प्रणेता

पंडित रूप चंद जोशी, जिन्हें लाल किताब के मुख्य प्रणेता के रूप में जाना जाता है, उन्होंने इस अनोखी किताब को लगभग 90 साल पहले लाहौर में प्रकाशित कराया था। पंडित जोशी ने ज्योतिष और हस्तरेखा विज्ञान के विषय में गहरी समझ रखी थी और इसी ज्ञान का उपयोग करते हुए उन्होंने लाल किताब की रचना की। उनका काम विशेष रूप से उल्लेखनीय था क्योंकि इसमें उन्होंने परंपरागत ज्योतिषीय तकनीकों को नई दृष्टि से प्रस्तुत किया था।

लाल किताब की रचना उन्होंने काव्यात्मक शैली में की थी, जो इसे और भी अनूठा बनाती है। पंडित जोशी का यह काम ज्योतिष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है, और लाल किताब आज भी अपने अनोखे उपायों और ज्ञान के लिए बहुत प्रसिद्ध है।

लाल किताब के पांच खंड

  1. लाल किताब के फ़रमान (1939)
  2. लाल किताब के अरमान (1940)
  3. गुटका (1941)
  4. लाल किताब के फ़रमान (1942)
  5. इल्म-ए सामुद्रिक की लाल किताब (1952)

लाल किताब का अलग और खास होने का कारण

इसका नाम लाल किताब इसलिए पड़ा क्योंकि इसे लाल हार्ड-कवर में प्रकाशित किया गया था। इस किताब में ज्योतिष और हस्तरेखा विज्ञान का अद्भुत संयोजन है, जो इसे अन्य ज्योतिषीय ग्रंथों से अलग बनाता है। इसमें दिए गए उपाय विशिष्ट और सरल हैं, जो ज्योतिष उपायों को आम लोगों के लिए सुलभ बनाते हैं। इसके अलावा, इसका रहस्यमयी इतिहास और पौराणिक कथाएँ, जैसे कि रावण से जुड़े होने का दावा, इसे ज्योतिष के क्षेत्र में एक अनोखा स्थान दिलाते हैं। ये सभी कारण मिलकर लाल किताब को एक विशेष और अलग पहचान प्रदान करते हैं।

लाल किताब के टोटके

लाल किताब के टोटके इसकी एक बहुत खास विशेषता हैं। ये टोटके सरल और प्रभावशाली होते हैं, जो विभिन्न समस्याओं के लिए आसान उपाय प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ उपायों में नदी में सिक्के फेंकना, गाय को घास खिलाना, कुत्ते को रोटी देना, पौधों में दूध देना, और अविवाहित कन्याओं को भोजन कराना शामिल है। ये टोटके न केवल आसान हैं बल्कि इन्हें बिना किसी विशेष ज्योतिषीय सहायता के भी किया जा सकता है।

लाल किताब ज्योतिष विज्ञान की एक अनमोल धरोहर है जो विभिन्न उपायों और ज्ञान से भरपूर है। इसकी विशेषताएं और उपाय इसे ज्योतिष के क्षेत्र में अत्यंत खास बनाते हैं। चाहे वह इसकी उत्पत्ति हो, इसके अनूठे उपाय हों या इसका ऐतिहासिक महत्व, लाल किताब हर पहलू में विशेष है।

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