जापान की काली कविता: पढ़ने वाले पर कैसे आती है मौत?

जापान की काली कविता: क्या आपने कभी सुना है कि एक कविता पढ़ने से मौत हो सकती है? सुनकर चौंक गए न? लेकिन दुनिया में ऐसी कई अजीबोगरीब चीजें होती हैं जो हमें हैरान कर देती हैं। आज हम बात करेंगे ऐसी ही एक कविता की, जिसे ‘टोमिनोज़ हेल’ कहा जाता है। शापित कविता, जापान की लोकप्रिय कहानी है और जिस -जिस ने भी पढ़ी है, वह मर गया है।

जापान की काली कविता: पढ़ने वाले पर कैसे आती है मौत?

टोमिनोज़ हेल: क्या सच में है यह मौत का संदेश?

यह कविता प्रथम विश्व युद्ध के अंत के तुरंत बाद लिखी गई थी। कविता एक विधवा के बारे में है जो अपने पति की मृत्यु पर शोक मना रही है। कविता बहुत ही दुखद और हृदयविदारक है, और ऐसा माना जाता है कि यह एक ऐसी शक्ति है जो लोगों को मार सकती है।

कविता की पहली पंक्ति इस प्रकार है:

“टोमिनोज़ हेल, टोमिनोज़ हेल, कहाँ है तुम? मैं अपने पति को खो चुकी हूँ, और मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकती।”

कविता आगे एक विधवा के दुख और पीड़ा का वर्णन करती है। वह अपने पति की याद में दर्द से कराहती है, और वह उसे वापस पाने के लिए कुछ भी करेगी। कविता की अंतिम पंक्ति इस प्रकार है:

“मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगी, मेरे प्रिय पति। मैं तुम्हारे साथ रहने के लिए मर जाऊंगी, या तुम मेरे साथ रहोगे।”

कविता के बारे में लोगो की धारणा

कई लोगों का मानना ​​है कि कविता की शक्ति इसकी दुखद कहानी में निहित है। कविता इतनी हृदयविदारक है कि यह लोगों को इतना दुखी कर सकती है कि वे मर सकते हैं। दूसरों का मानना ​​है कि कविता की शक्ति एक शापित आत्मा में निहित है। कहा जाता है कि कविता की विधवा की आत्मा कविता में रहती है, और वह उन लोगों को मारती है जो इसे पढ़ते हैं।

चाहे कविता की शक्ति वास्तविक हो या नहीं, यह एक लोकप्रिय किंवदंती है जो कई लोगों को आकर्षित करती है। कविता की रहस्यमय कहानी लोगों को सोचने पर मजबूर करती है कि क्या जीवन और मृत्यु के बीच एक शक्तिशाली संबंध है।

कविता के बारे में कई सिद्धांत हैं। कुछ लोगों का मानना ​​है कि कविता की शक्ति इसकी सुंदरता और दुखद कहानी में निहित है। अन्य लोग मानते हैं कि कविता की शक्ति किसी शापित आत्मा में निहित है।

जो भी हो, यह एक ऐसी कविता है जो लोगों को आज भी आकर्षित करती है। यह एक ऐसी कहानी है जो हमें जीवन और मृत्यु के बारे में सोचने पर मजबूर करती है।

फिल्म रिलीज होने के बाद निर्देशक की मौत

कुछ लोगों का मानना है कि 1974 में रिलीज हुई फिल्म ‘पास्टरल, टू डाई इन द कंट्रीसाइड’, जो टोमिनोज़ हेल पर आधारित थी, उसके निर्देशक तेरायामा शुजी की मृत्यु फिल्म रिलीज के एक हफ्ते बाद हो गई थी।

यहां तक कि एक कॉलेज की लड़की, जिसने अपने दोस्तों के चैलेंज पर यह कविता पढ़ी थी, उसकी भी एक हफ्ते बाद मौत हो गई।

इस कविता में बहुत ही भयानक और परेशान करने वाले शब्द हैं। कविता की लाइनें जैसे कि ‘बड़ी बहन खून की उल्टी करती है, छोटी बहन आग उगलती है और प्यारी छोटी टोमिनो सिर्फ गहने उगलती है’, यह सुनकर किसी को भी डर लग सकता है।

लेकिन इस कविता के शापित होने के दावे की सच्चाई पर कुछ भी कहना मुश्किल है, क्योंकि इंटरनेट पर इस कविता के कई पाठ मौजूद हैं और उन्हें पढ़ने वाले अधिकतर लोग आज भी जिंदा हैं।

तो, क्या आप भी इस कविता को पढ़ने का साहस करेंगे? या फिर इसे एक रहस्यमयी किंवदंती की तरह ही छोड़ देंगे? हमें बताएं अपने विचार!

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