Indian Railways: ट्रेन के दो महत्वपूर्ण हिस्से: बोगी और कोच में क्या अंतर है?

Indian Railways Facts: रेलवे यात्रा के नियमों को पालन करना जरूरी है। रात और दिन में अलग-अलग नियम हैं। इन नियमों की अवहेलना पर जुर्माना और कार्रवाई होती है। ये नियम यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए हैं।

Indian Railways: ट्रेन के दो महत्वपूर्ण हिस्से: बोगी और कोच में क्या अंतर है?
Indian Railways: ट्रेन के दो महत्वपूर्ण हिस्से: बोगी और कोच में क्या अंतर है?

हाँ, रेलवे कोच और बोगी में अंतर होता है। कोच उन भागों को कहा जाता है जो यात्रियों को बैठाने के लिए होते हैं, जबकि बोगी उन भागों को कहा जाता है जो गाड़ी के पीछे और आगे होते हैं और जिसमें ड्राइवर, पायलट और अन्य कर्मचारी बैठते हैं।

बोगी और कोच में क्‍या अंतर होता है

ट्रेन में बोगी और कोच एक ही जगह पर होते हैं, लेकिन उनमें अंतर होता है। बोगी के ऊपर कोच होता है और यात्रा केवल कोच में होती है, जबकि बोगी में यात्रा नहीं की जाती। ट्रेन की बोगी पर कोच को फिट किया जाता है। बोगी को तैयार करने के लिए पहले चार पहियों को एक्सल की मदद से जोड़ा जाता है।

कोच क्‍या होता है 

बोगी तैयार होने के बाद कोच को फिट किया जाता है। कोच में दरवाजे से लेकर सीट तक को जोड़ा जाता है और बर्थ बनाए जाते हैं। यात्रियों की सुविधा के अनुसार हर सुख सुविधा का ध्‍यान रखा जाता है, और पर्याप्‍त स्‍पेस भी उपलब्ध होती है ताकि यात्रियों को आराम से सफर करने में सहायता मिले। यात्रियों की बुकिंग की गई सीट केवल कोच में ही होती है।

बोगी का जादू: कैसे रुकती है हजारों टन की ट्रेन?

ट्रेन को रोकने के लिए बोगियों में ही ब्रेक्स को फिट किया जाता है। इन ब्रेक्स की मदद से ज्‍यादा से ज्‍यादा रफ्तार वाली ट्रेन को भी आसानी से रोका जा सकता है। ट्रेन चलते समय ज्यादा हिलने-झिलने को रोकने के लिए उसमें स्प्रिंग भी लगाया जाता है। इससे ट्रेन में बड़े झटके भी नहीं आते।

यहाँ कुछ अन्य रोचक तथ्य दिए गए हैं:

  • एक ट्रेन में कई बोगियाँ और कोच होते हैं।
  • बोगियों की संख्या ट्रेन की लंबाई और भार पर निर्भर करती है।
  • कोच विभिन्न श्रेणियों के होते हैं, जैसे कि एसी 1, एसी 2, एसी 3, स्लीपर, जनरल, आदि।
  • ट्रेन का किराया कोच की श्रेणी पर निर्भर करता है।

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