How Parle-G-Managed Price: पार्ले-जी भारतीय घरों में एक परिचित नाम है और इसकी हिस्ट्री करीबन 100 वर्ष पुरानी हो चुकी है। पार्ले जी के बिस्किट को भारत के साथ ही पडोसी देश चीन में भी काफी प्रसिद्धि मिली है।
कुछ दावे ये भी कहते है कि ये सर्वाधिक बिकने वाले बिस्कुट में पहले नम्बर पर आता है। पार्ले-जी की खासियत इसके खास स्वाद से है जोकि इसको इतने वर्षो से खाने वाले की चाय का साथी बनाए हुए।
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30 वर्षो में कीमत 1 रुपये ही बढ़ी
पार्ले-जी की लोकप्रियता का एक और महत्वपूर्ण कारण इसकी कीमत है। 1994 में पार्ले-जी का सबसे छोटा पैकेट मात्र 4 रुपये का आता था। अब इसके दाम में थोड़ी सी ही वृद्धि होकर यह 5 रुपये का हो गया है। इस मामूली वृद्धि के बावजूद, पार्ले-जी अपने उचित मूल्य के कारण बड़ी आबादी के लिए सुलभ बना हुआ है।
30 साल में कीमत 1 रुपये ही बढ़ाने की वजह
यह सच है कि पार्ले जी ने 30 साल में अपने प्रोडक्ट की कीमत 1 रुपये ही बढ़ाई है। यह एक अद्भुत उपलब्धि है खासकर जब हम मुद्रास्फीति और अन्य लागतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हैं।
प्रोडक्शन में कुशलता प्राप्त करना
इस काम को करने में कम्पनी ने काफी कोशिशे की है जैसे पार्ले जी का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है जिससे उत्पादन लागत कम होती है। कंपनी ने उत्पादन प्रक्रिया में स्वचालन का उपयोग किया है जिससे लेबर कॉस्ट कम हुई है। कंपनी कच्चे माल का कुशल उपयोग करती है जिससे वेस्टेज कम होता है।
पार्ले जी का मनोवैज्ञानिक तरीका
डिजाइन डायरेक्टर सप्तर्षि प्रकाश के अनुसार, पार्ले जी ने मनोवैज्ञानिक तरीका भी इस्तेमाल में लाया है। जिसमे जो पैकेट हाथ में फिट हो जाए वह छोटा पैकेट है। धीरे-धीरे पैकेट को छोटा करने से लोगों को बदलाव का एहसास नहीं हुआ।पैकेट ले छोटे होने से लागत कम हुई जिससे कंपनी कीमतों को बरकरार रखने में कामयाब रही।
वर्षो में पैकेट छोटा किया गया
1994 में पार्ले जी का छोटा पैकेट 100 ग्राम का हुआ करता था। इसे धीरे-धीरे घटाकर 92 ग्राम, 88 ग्राम और अब 55 ग्राम कर दिया गया है। यह बदलाव धीरे-धीरे हुआ जिससे लोगों को इसका एहसास नहीं हुआ। पैकेट छोटे होने से लागत कम हुई जिससे कंपनी कीमतों को बरकरार रखने में कामयाब रही। 30 साल में केवल 1 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
यह ग्रेसफुल डिग्रेशन मार्केटिंग रणनीति है जिसमें उत्पाद की मात्रा धीरे-धीरे कम कर दी जाती है लेकिन कीमत में कोई बदलाव नहीं किया जाता है। यह रणनीति उपभोक्ताओं को नाराज किए बिना उत्पाद की लागत कम करने में मदद करती है।
कुछ ध्यान देने योग्य बाते
- पार्ले जी नुकसान में नहीं है।
- कंपनी कम कीमत पर बिस्किट बेचकर भी लाभ कमा रही है।
- यह रणनीति अन्य FMCG कंपनियों द्वारा भी उपयोग की जाती है।
पार्ले जी ने 30 साल में अपनी कीमत 1 रुपये ही बढ़ाई है। यह कई कारकों के कारण संभव हुआ है जिसमें मनोवैज्ञानिक तरीकों का उपयोग, कुशल उत्पादन प्रक्रिया, मूल्य निर्धारण रणनीति, और मजबूत ब्रांड और वितरण नेटवर्क शामिल हैं।
टॉपिक: पार्ले-जी, पार्ले-जी की कम कीमत, How Parle-G-Managed Price
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