Income Tax on FD: बैंक से ली गई FD पर लगने वाले इनकम टैक्स को जाने

Income Tax on FD: अक्सर हम एफडी में निवेश करते समय बैंक द्वारा ऑफर की गई ब्याज दर को आधार बनाकर अपने लाभ का कैलकुलेशन करते हैं लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि TDS काटने के बाद हमें वास्तव में कितना रिटर्न मिलता है। TDS की दर विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है।

Income Tax on FD

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TDS काटने के बाद FD पर कम ब्याज मिलेगा

TDS कटौतियों के बाद आपको निवेश करने के बाद प्राप्त होने वाला ब्याज कम हो जाता है। TDS का मकसद है किसी निश्चित राशि पर ब्याज का कटौती करना जो निवेशकों के ब्याज के आदान-प्रदान से प्राप्त होता है।

टैक्स कटौती से मुनाफा कम होगा

TDS कटौतियों के बावजूद एफडी में निवेश करना फिर भी एक सुरक्षित निवेश विकल्प है। इसमें निवेशकों को निश्चित समयावधि के लिए ब्याज के साथ निवेश का लाभ मिलता है। लेकिन टैक्स कटौतियों के बाद कुछ निवेशकों को इसका अंत में मुनाफा कम होता है।

उदाहरण से समझे

  • यदि आप 10 लाख रुपये का एफडी करते हैं और ब्याज दर 7% है तो आपको प्रति वर्ष 70,000 रुपये का ब्याज मिलेगा।
  • यदि आपकी आय कर योग्य सीमा 3 लाख रुपये से अधिक है तो आपको 30% TDS का भुगतान करना होगा।
  • इस मामले में आपको 21,000 रुपये का TDS का भुगतान करना होगा।
  • इसलिए आपको वास्तव में 49,000 रुपये का रिटर्न मिलेगा, जो कि 4.9% की प्रभावी ब्याज दर के बराबर है।

TDS कैलकुलेशन को जाने

उच्च टैक्स ब्रैकेट वाले व्यक्ति अपने आयकर रिटर्न को दाखिल करके TDS वापस लेने का दावा नहीं कर सकते हैं। यानी उन्हें TDS कटौती के बाद मिलने वाले रिटर्न से संतुष्ट होना होगा जो कि ऑफर की गई ब्याज दर से कम होगा। यह उच्च टैक्स ब्रैकेट वाले व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण नुकसान है क्योंकि वे पहले से ही अपनी आय पर उच्च कर का भुगतान कर रहे हैं। इसे एक उदाहरण से समझे-

यदि आप 30% टैक्स ब्रैकेट में हैं और आप 10 लाख रुपये का एफडी करते हैं, तो आपको 7% की ब्याज दर पर 70,000 रुपये का ब्याज मिलेगा। आपको 21,000 रुपये का टीडीएस का भुगतान करना होगा। इसलिए आपको वास्तव में 49,000 रुपये का रिटर्न मिलेगा, जो कि 4.9% की प्रभावी ब्याज दर के बराबर है।

क्या FD का विकल्प भी है?

विशेषज्ञ निवेशकों को म्यूचुअल फंड जैसे बाजार से जुड़े उत्पादों के साथ निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने का सुझाव देते हैं। म्यूचुअल फंडलॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न प्रदान कर सकते हैं। हालांकि म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिम से मुक्त नहीं है। बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण म्यूचुअल फंड का मूल्य घट सकता है।

FD के है कई फायदे

फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे अनेक हैं जिनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है या सीमित आय है। इसमें सावधानी से निवेश करने पर स्थिरता और सुरक्षा के साथ-साथ एक स्थिर और निश्चित आय प्राप्ति की संभावना होती है।

कुछ बैंकों ने हाल ही में सावधानी जमा ब्याज दरों में वृद्धि की है जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को 9.6% तक ब्याज और अन्य निवेशकों को 9.1% तक ब्याज की पेशकश की जा रही है।

उपभोक्ता ध्यान में रखे कि कुछ बैंकों ने हाल ही में सावधि जमा ब्याज दरों में वृद्धि की है। यह वृद्धि एफडी को अधिक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है।

टॉपिक: Income Tax on FD, FD पर इनकम टैक्स, TDS on FD

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