Buying Home vs Rent: किराये का घर या अपना मकान सही क्या रहेगा, किसमें बचेंगे पैसे, देखें

Buying Home vs Rent : अधिकांश लोग अपना घर खरीदने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं, क्योंकि वे अपने स्वयं का घर खरीदने के सपने को पूरा करना चाहते हैं। इन लोगों का कहना होता है कि घर किराए पर रहने के मुकाबले होम लोन की ईएमआई के रुपये को किराए की जगह जमा करने में बेहतर है। कुछ लोगों को मान्यता है कि घर खरीदने के लिए होम लोन लेना अच्छा होता है, क्योंकि उन्हें घर के मालिक का दर्जा मिलता है और उन्हें अपने घर को अपने हिसाब से सजाने-सवारने की आजादी मिलती है। हालांकि, कुछ लोग किराए पर रहने के अच्छे पक्षों को भी उचित मानते हैं, जैसे कि किराए पर रहते समय घर की देखभाल का बोझ नहीं होता है और निवेश के लिए पैसे बचते हैं।

Buying Home vs Rent: किराये का घर या अपना मकान सही क्या रहेगा, किसमें बचेंगे पैसे, देखें
Buying Home vs Rent: किराये का घर या अपना मकान सही क्या रहेगा, किसमें बचेंगे पैसे, देखें

इस विवाद को समझने के लिए, हमें गहने से कुछ कैल्कुलेशन करनी चाहिए। अपने बजट और वित्तीय स्थिति के आधार पर घर खरीदने या किराए पर रहने का निर्णय लेना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपने निवेश के साथ सही चरण उठा रहे हैं।

“घर खरीदना या किराए पर रहना: आपके लिए क्या सही है?”

अगर आप अपना पहला घर खरीद रहे हैं, तो बिल्कुल घर खरीदें। पर ध्यान दें कि जितना हो सके, ज्यादा से ज्यादा पैसे लगाएं और कम से कम लोन लें। और हां, लोन चुकाने की अवधि को भी ज्यादा न बढ़ाएं। क्योंकि जितनी अधिक अवधि, उतनी अधिक ईएमआई। याद रखें, घर खरीदें जब आप वहाँ लंबे समय तक रहना चाहते हों। अगर आपकी सोच है कि 4-5 साल में घर बेच देंगे, तो बेहतर है कि किराए पर ही रहें।

“घर खरीदने का योजना बनाएं: गणित के साथ सही निर्णय”

अगर आप 20 साल के लिए एक घर खरीद रहे हैं जिसकी कीमत 50 लाख रुपये है, तो आपको सबसे पहले करीब 10 लाख रुपये का डाउन पेमेंट देना होगा। बाकी के 40 लाख रुपये को आपको लोन लेना होगा। यदि आप 9 फीसदी की ब्याज दर पर होम लोन लेते हैं, तो 20 साल के लिए आपकी ईएमआई करीब 36,000 रुपये होगी।

ध्यान दें कि आप 20 फीसदी के टैक्स ब्रेकेट में हैं, तो आपको ईएमआई पर टैक्स छूट मिलेगी और आपकी इफेक्टिव ईएमआई करीब 7.2 फीसदी होगी, जो लगभग 31,500 रुपये होगी।

20 साल में होम लोन की ईएमआई पर आपको करीब 36 लाख रुपये का ब्याज चुकाना होगा। साथ ही, घर की मेंटेनेंस के लिए आपको हर महीने करीब 2000 रुपये खर्च करने होंगे, जो समय के साथ बढ़ते जाएंगे।

20 साल बाद, आपका अपना घर होगा, जिसे आप बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। यदि घर की कीमत 7-8 फीसदी की दर से बढ़ती है, तो आपको अच्छा फायदा होगा।

“किराए पर रहने के लिए कौन सी स्थितियाँ फायदेमंद होती हैं?”

अगर आपकी नौकरी स्थिर नहीं है या आपकी इनकम अनियमित है, तो रेंट पर रहना अच्छा रहेगा। अगर आपको अक्सर नए शहर में नौकरी करनी पड़ती है, तो किराए पर रहना सही होगा। किराए पर रहने का फायदा यह है कि आपको हर महीने कम पैसे देने होते हैं, जबकि होम लोन लेने पर आपको बड़ा ईएमआई का बोझ उठाना पड़ता है। अगर आप कम समय के लिए घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो भी रेंट पर रहना अच्छा हो सकता है।

“किराए पर रहने का फायदा: कैल्कुलेशन समझें”

मान लीजिए आप हर महीने 15 हजार रुपये का किराया देते हैं। 20 साल के लिए, यहां कैसे इसका फायदा हो सकता है:

  1. किराया की बढ़ोतरी: यदि किराया हर साल 8% बढ़ता है, तो 20 साल में आपको कुल 66 लाख रुपये किराए में देने होंगे।
  2. निवेश का मुनाफा: अगर आप 10 लाख रुपये को 20 साल के लिए निवेश करते हैं, तो 8% ब्याज पर, आपके पास 20 साल में लगभग 1.3 करोड़ रुपये होंगे।
  3. ईएमआई बचत: हर महीने 36 हजार रुपये की ईएमआई के बजाय, आप सिर्फ 12 हजार रुपये किराया देने होंगे। बचे हुए 24 हजार रुपये को निवेश करने पर, आपके पास 20 साल में लगभग 1.77 करोड़ रुपये होंगे।

इस प्रकार, किराए पर रहने के साथ, आपका लाभ कुल 1.11 करोड़ रुपये हो सकता है।

“घर खरीदने के लाभ: जानिए क्या हो सकते हैं फायदे”

जब आप एक घर खरीदते हैं, तो सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि आपको जीवन में एक स्थिरता मिलती है। आपको हर महीने उसकी ईएमआई चुकानी होती है, जिससे आप पैसों को निवेश करने का मौका प्राप्त करते हैं। जब प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ती है, तो आपको उसे बेच कर अच्छा लाभ होता है। कुछ लोग यहाँ तक मानते हैं कि ईएमआई या डाउन पेमेंट के रूप में जो पैसे जाते हैं, उन्हें निवेश करने में अधिक फायदा हो सकता है। लेकिन अक्सर यह होता नहीं है, क्योंकि जब पैसा बढ़ता है, तो लोग अपने लाइफस्टाइल में वृद्धि करने की कोशिश करते हैं, जिससे उनका निवेश करने का इरादा कमजोर हो जाता है।

इन बातों का रखे ध्यान

अगर आप घर खरीदने और किराए पर रहने के बीच में तय कर रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी स्थिति को ध्यान में रखें। यह कैल्कुलेशन 20 साल के लिए है, जिसमें घर का किराया, घर की ईएमआई की अवधि, निवेश पर मिलने वाला ब्याज और घर की कीमत में बढ़ोतरी को शामिल किया गया है।

घर की कीमतें पिछले कुछ सालों में कम बढ़ी हैं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ सालों में प्रॉपर्टी की कीमत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। आपको ध्यान देना होगा कि कितना किराया लेने पर और कितनी अवधि के लिए घर खरीदने पर आपको लाभ होगा। निवेश के रिटर्न को ध्यान में रखते हुए आपको सही डील का चयन करना होगा।

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