बच्चों को जबरदस्ती खिलाना: न करें ये गलतियाँ, हो सकते हैं ये नुकसान! बच्चों को कैसे खिलाएं खाना: सही तरीके और टिप्स!

बच्चों को जबरदस्ती खिलाना: बच्चों को खाना खिलाने में पेरेंट्स को कई बार मुश्किलें होती हैं। वे जब खाना नहीं खाते, तो पेरेंट्स को चिंता होती है कि उनके बच्चे की सेहत पर क्या असर पड़ेगा। लेकिन जब पेरेंट्स ज़ोर-ज़बरदस्ती बच्चों को खाना खिलाते हैं, तो इससे कई नुकसान हो सकते हैं। यह नुकसान उनकी सेहत के साथ-साथ उनकी ग्रोथ और विकास को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, हमें ध्यान देना चाहिए कि हम अपने बच्चों को खाने के मामले में ज़ोर-ज़बरदस्ती न करें, और उनकी पसंद के अनुसार उन्हें स्वतंत्रता दें।

बच्चों को जबरदस्ती खिलाना: न करें ये गलतियाँ, हो सकते हैं ये नुकसान! बच्चों को कैसे खिलाएं खाना: सही तरीके और टिप्स!
बच्चों को जबरदस्ती खिलाना: न करें ये गलतियाँ, हो सकते हैं ये नुकसान! बच्चों को कैसे खिलाएं खाना: सही तरीके और टिप्स!

बच्चों को जबरदस्ती खाना क्यों नहीं खिलाना चाहिए?

बच्चों को जबरदस्ती खाना नहीं खिलाना चाहिए क्योंकि यह उनकी भूख और पोषण को प्रभावित कर सकता है और उन्हें खाने के प्रति असहनीयता महसूस हो सकती है। बच्चों को अपनी भूख के अनुसार खाने का अधिकार होना चाहिए ताकि वे स्वास्थ्यपूर्ण रूप से विकसित हो सकें। इसके साथ साथ बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने से कई अन्य परेशानियां भी हो सकती है। जिसके बारे में हमने यहाँ पर जानकारी प्रदान की हुई है।

भूख खत्म हो जाएगी

खाना खाने का मन होने पर भूख खुद ब खुद लग जाती है, लेकिन जबरदस्ती खाना खिलाने से बच्चों की भूख कम हो जाती है। इससे बच्चे धीरे-धीरे खाने से दूर भागने लगते हैं और उनकी भूख पूरी तरह से खत्म हो जाती है, जिससे उनकी ग्रोथ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

खाने में नहीं रहेगी रुचि

जब बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाया जाता है, तो उनकी खाने की रुचि कम हो सकती है। यह उन्हें खाने में उत्साहित नहीं करता और वे खाने से इनकार करने लगते हैं। इससे उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है और उनका सही रूप से विकास नहीं हो पाता।

खाने से होगा तनाव

जब बच्चा खाना खाने के प्रोसेस को आनंद से गुजारता है, तो उसे खाना खिलाना आसान हो जाता है। इससे उसके मन में खाने के प्रति इंट्रेस्ट बढ़ता है। विपरीत, जबरदस्ती खाना खिलाने से बच्चा तनाव में आ सकता है।

मीठे की तरफ झुकाव

जब बच्चे को खाने के लिए जबरदस्ती किया जाता है, तो वह अक्सर अनहेल्दी खाने की आदत डाल लेता है। इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। बच्चे को मीठे और जंक फूड से दूर रखना उनकी सेहत के लिए बेहतर होता है।

छूटेगी खाना खाने की आदत

बच्चे को रोज़ जबरदस्ती खाना खिलाने से वह अपने आप में खाने की इच्छा को गम्भीरता से नहीं लेता। इससे उन्हें खुद खाना खाने के लिए पेरेंट्स पर ही निर्भर रहना पड़ता है, जो कि उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इससे बच्चा हमेशा के लिए खाना खाने में आवर्जक हो सकता है।

हो सकते है ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार

अगर आप बच्चे को जबरदस्ती से खाना खिलाते हैं, तो उन्हें खाने की बिमारी हो सकती है, जिसे ईटिंग डिसऑर्डर कहा जाता है। इससे बच्चा खाने की मात्रा को सही तरीके से नहीं समझ पाता है, जो उसकी सेहत को बुरा प्रभाव डाल सकता है। यह समस्या उम्र के साथ भी बढ़ सकती है, इसलिए बच्चे को खाने की प्रकृति का महत्वपूर्ण रूप से ध्यान रखना चाहिए।

खाने का बिगड़ेगा रूटीन

जब हम बच्चों को जबरदस्ती से ज्यादा खाना खिलाते हैं, तो वे अक्सर अधिक मात्रा में खा लेते हैं। इससे उनका पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकता है और वे अनियमित पेट दर्द या बदहजमी का सामना कर सकते हैं। यह बच्चों के प्राकृतिक पाचन प्रणाली को प्रभावित कर सकता है।

बच्चों का खाना खिलाने का सही तरीका

बच्चों को खाना खिलाने के सही तरीके के निर्धारण में कुछ महत्वपूर्ण प्रमुख तत्व शामिल होते हैं:

  1. सही खाद्य सामग्री का चयन: बच्चों को पोषण से भरपूर खाना प्रदान करने के लिए, उन्हें प्रोटीन, पोषक तत्व, फल, सब्जियां, और अनाज जैसे प्राकृतिक आहार प्रदान करें।
  2. सही वातावरण: खाना खिलाने का समय और स्थान ऐसा होना चाहिए जो बच्चों को स्वीकार्य और सुरक्षित महसूस कराए।
  3. अनुकूलता: बच्चों को उनकी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों के साथ उनके स्वाद के अनुसार खाना प्रदान करें, लेकिन साथ ही उन्हें स्वस्थ आहार की शिक्षा भी दें।
  4. सही उचितता: बच्चों की आयु के अनुसार उचित पोषण की आवश्यकता होती है, इसलिए उन्हें उचित मात्रा में भोजन प्रदान करें।
  5. सकारात्मक संवाद: खाने के समय बच्चों के साथ सकारात्मक और प्रसन्न माहौल बनाए रखें, जिससे उन्हें भोजन का आनंद लेने में मज़ा आए।
  6. स्वतंत्रता और संवेदनशीलता: बच्चों को स्वतंत्रता दें कि वे अपने आप से कितना खाना चाहते हैं और उन्हें भोजन के साथ संवेदनशीलता बनाए रखें।
  7. प्रेरणा और उत्साह: बच्चों को भोजन को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रेरित करें, और उन्हें स्वस्थ भोजन की अहमियत के बारे में शिक्षित करें।

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