आपका फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर अकाउंट कभी भी हो सकता है बंद, जाने कैसे करती है सरकार ये काम

आज के दौर में, सोशल मीडिया लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। लोग इसका इस्तेमाल अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने, दोस्तों और परिवार के साथ जुड़ने और जानकारी प्राप्त करने के लिए करते हैं। लेकिन, सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी हो सकता है। कुछ लोग इसका इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने, घृणास्पद भाषण देने और दूसरों को परेशान करने के लिए करते हैं। ऐसे में, यह सवाल उठता है कि क्या सरकार किसी का भी सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक करवा सकती है?

आपका फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर अकाउंट कभी भी हो सकता है बंद, जाने कैसे करती है सरकार ये काम
आपका फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर अकाउंट कभी भी हो सकता है बंद, जाने कैसे करती है सरकार ये काम

क्या है कानून ?

रवि रत्न कुमार सिन्हा, जो इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, कहते हैं कि भारत सरकार के पास इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 69A के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को इस तरह के कंटेंट हटाने का अधिकार है। इससे यह संदेश मिलता है कि अगर कोई सोशल मीडिया पर सामग्री शेयर करता है जो देश की सुरक्षा, संप्रभुता और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डाल सकती है, तो सरकार इसे हटाने के लिए आदेश जारी कर सकती है।

इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 69A के तहत, केंद्र और राज्य सरकारों को यह अधिकार है कि वे इंटरनेट सेवा प्रदाताओं, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, वेब होस्टिंग सर्विसेज, सर्च इंजन, ऑनलाइन मार्केटप्लेस को आदेश जारी करें कि यदि किसी सोशल मीडिया अकाउंट द्वारा भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा हो सकता है, तो उसे ब्लॉक करें।

यदि कोई प्लेटफ़ॉर्म इस नियम का पालन करने में विफल रहता है, तो सरकार उस सोशल मीडिया इंटरमीडिएरीज को 7 साल की कैद और असीमित जुर्माना भी लगा सकती है। हालांकि, ऐसा आदेश जारी करने से पहले सरकार को लिखित रूप से सोशल मीडिया कंपनी को यह बताना होगा कि उसने इस खाते को क्यों ब्लॉक करने का निर्णय लिया है।

ट्विटर के साथ विवाद: क्या सरकार को है इसे ब्लॉक करने का अधिकार?

2021 में किसान आंदोलन के दौरान, केंद्र सरकार ने ट्विटर को कुछ अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया था, लेकिन ट्विटर ने इसे माना नहीं। इसके बाद यह मामला अदालत में पहुंचा।

2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की और यह तय किया कि केंद्र सरकार को किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक करने का अधिकार नहीं है, जब तक कि उस अकाउंट ने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 69A के ब्लॉकिंग नियम का उल्लंघन नहीं किया हो।

इस मामले में कोर्ट में ट्विटर की ओर से पेश हुए वकील अरविंद दातर ने न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित से कहा कि जब तक कोई कंटेंट सामग्री इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 69A के तहत ब्लॉकिंग नियम का उल्लंघन नहीं करती है, तब तक हम उस अकाउंट को ब्लॉक नहीं कर सकते।

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