2 से ज्यादा बच्चे होने पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले उन उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2 चाइल्ड पॉलसी पर अपनी मुहर लगा दी है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की बेंच ने इस निर्णय पर पहुंचने के लिए पूर्व सैनिक राम लाल जाट की अपील को खारिज किया।

2 से ज्यादा बच्चे होने पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सुप्रीम कोर्ट का आदेश
2 से ज्यादा बच्चे होने पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

क्या था मामला

राजस्थान में, जहां राम लाल जाट ने पुलिस में कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन किया था, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए अब ‘दो बच्चों की नीति’ अनिवार्य की गई है। इस नीति का मकसद परिवार नियोजन को बढ़ावा देना और जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण रखना है।

क्या है नियम

राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के अनुसार और राजस्थान विभिन्न सेवा (संशोधन) नियम, 2001 के तहत, 1 जून 2002 को या उसके बाद यदि किसी उम्मीदवार के दो से अधिक बच्चे हैं तो वह सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य माने जाएंगे। यह नियम राम लाल जाट पर भी लागू होता है, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं।

हरियाणा में भी आ चुका है ऐसा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने इसे बरकरार रखते हुए कहा कि इसी प्रकार की नीति पहले पंचायत चुनावों के लिए भी लागू की गई थी और इसे 2003 में जावेद और अन्य बनाम हरियाणा राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था। न्यायमूर्ति कांत की अगुवाई वाली बेंच ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दृढ़ है, और सरकारी नौकरियों में इस नीति का पालन सख्ती से किया जाएगा।

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