हिजाब विवाद: इस मुस्लिम देश में छात्राओं के हिजाब पर प्रतिबंध क्यों?

Countary Ban Hijab for Students: हम सभी अफ़ग़ानिस्तान जैसे मुस्लिम दशो के बारे में जानते है जहाँ पर स्कूली छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध है। इस्लामी देश समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का महत्वाकांक्षी रूप से पालन किया करते है। हालांकि इसके साथ ही स्कूलों में स्त्रीयों के लिए हिजाब पहनने की ज़रूरत को विवादास्पद रूप से देखते है।

Countary Ban Hijab for Students

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हिजाब: विवाद और कानून

दुनिया के लगभग सभी मुस्लिम देशों में महिलाएं हिजाब पहनती हैं। हिजाब एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथा है ऐसे वे अपनी आत्मा की शान बढ़ाती हैं। कुछ इस्लामिक देशों में हिजाब पहनने के लिए कानून भी हैं। इरान एक ऐसा देश है जहाँ हिजाब पहनने की अनिवार्यता कानूनी रूप से निर्धारित है। ईरानी महिलाओं को हिजाब नहीं पहनने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है जिसमें उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

भारत का ये पड़ोसी देश है

भारत के पड़ोसी देश कजाखस्तान में स्कूल की छात्राओं के हिजाब पहनने पर पूर्णतया प्रतिबन्ध है। कजाखिस्तान को ‘कजाकिस्तान’ भी कहते है जिसमें तकरीबन 70% जनसँख्या मुस्लिम है। देश के प्रेजिडेंट कासम जोमार्त टोकायेव है जोकि अपने आप इस्लाम का पालन करते हैं। खबरे है कि वे मक्का मदीना भी जा चुके हैं। प्रत्येक वर्ष रमजान माह में वे अपने घर पर इफ्तारी भी देते हैं।

धर्मनिरपेक्षता के बावजूद हिजाब पर निर्देश

कजाखस्तान में मुसलमान बहुमत में है फिर भी ये देश संवैधानिक रूप से एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। वर्ष 2016 में शिक्षा मंत्रालय की तरफ से हिजाब पर एक गाइडलाइन भी आया था। इसके मुताबिक़, स्कूलों में हिजाब पहनकर आने की आजादी को समाप्त कर दिया गया था।

यह निर्देश एक बार फिर समाज में विवाद पैदा करने का कारण बना है। कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के रूप में देख रहे हैं जबकि कुछ इसे महिलाओं के स्वतंत्रता और आत्म-निर्धारण का प्रश्न समझ रहे हैं।

हिजाब पर जुर्माने का प्रावधान

कजाखस्तान में हिजाब पहनने के मामले में आदेश का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी लगता है। यदि कोई छात्रा विद्यालय में हिजाब पहने है तो उसके माता-पिता से जुर्माने की राशि ली जायेगी।

इस नियम का उल्लंघन करने पर दण्ड लगाने का मकसद लोगों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है ताकि स्कूलों में विविधता और एकता का माहौल बना रहे। यह नियम छात्राओं के साथ उनकी सुरक्षा और संचार की बढ़ती हुई जिम्मेदारी को भी बढ़ावा देता है।

जुर्माने की राशि

  • जुर्माने की राशि 5,000 से 10,000 कजाखस्तानी टेन्गे (लगभग 1000 से 2000 रुपये) तक हो सकती है।
  • बार-बार उल्लंघन करने पर अधिक जुर्माना या अन्य दंड हो सकते हैं।

कजाकिस्तान सरकार का तर्क

कजाकिस्तान सरकार अपने इस फैसले पर तर्क देकर साफ़ करती है कि स्कूल एक शैक्षणिक संस्थान है जिसमे पढ़ाई अहम होती है यधपि कोई धार्मिक प्रतीक चिन्ह। सरकार के मुताबिक़ यह प्रतिबंध धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। सरकार यह भी कहती है कि यह प्रतिबंध छात्राओं को कट्टरपंथ से बचाने में मदद करेगा। हालांकि कुछ मुस्लिम समुदायों का कहना है कि यह प्रतिबंध उनके धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जाने

  • कजाकिस्तान में हिजाब बैन केवल स्कूली छात्राओं पर लागू होता है।
  • वयस्क महिलाएं हिजाब पहनने के लिए स्वतंत्र हैं।
  • कजाकिस्तान में अन्य मुस्लिम देशों की तुलना में धार्मिक स्वतंत्रता का स्तर अधिक है।

टॉपिक: Countary Ban Hijab for Students, हिजाब पर बैन

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