बिना ड्राइवर के चलने वाली कारें भारत में जल्द! ड्राइवरलेस कारों की टेस्टिंग शुरू

Driverless Cars in India: भारतीय ऑटो सेक्टर तेजी से बदल रहा है। पेट्रोल और डीजल से आगे बढ़ते हुए यह अब CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहा है। अब ड्राइवरलेस कारें भी इस क्षेत्र में प्रवेश करने की तैयारी में हैं। ड्राइवरलेस कारें भविष्य की परिवहन व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने की क्षमता रखती हैं।

Driverless Cars in India

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सोशल मीडिया पर टोयोटा की तस्वीरें

ऑटोमोबाइल वेबसाइट रशलेन ने अपने सोशल मीडिया पेज पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जो Toyota RAV4 SUV की हैं। यह SUV अभी भारत में लॉन्च नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि इस कार के टेस्टिंग मॉडल को पुणे के सड़कों पर स्पॉट किया गया है।

इस SUV पर कुछ ऐसे डिवाइसेज लगे हुए देखे गए हैं जिनसे अंदाजा लगाया जा रहा है कि संभवत: ये सेल्फ-ड्राइविंग कार की टेस्टिंग हो रही है। ये सेंसर कार के आसपास की 3D इमेज बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। कैमरे सड़क पर मौजूद ट्रैफिक, लेन मार्किंग और अन्य वस्तुओं को देखने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। रडार सेंसर कार के आसपास की वस्तुओं की दूरी और गति को मापने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

ARAI क्या है?

ARAI एक सार्वजनिक नागरिक अनुसंधान संस्था है जो भारतीय ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करती है। इसका मुख्य उद्देश्य ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में रिसर्च और डेवलपमेंट, प्रोडक्ट डिजाइन और डेवलपमेंट, ऑटोमोटिव डिवाइसेज का मूल्यांकन, मानकीकरण, तकनीकी सूचना सेवाएं, आधुनिक टेक्नोलॉजी के एक्जक्यूशन और उनके प्रयोग सहित विशेष टेस्ट करना है।

ARAI उद्योग मंत्रालय और भारत सरकार के साथ ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की एक सहकारी औद्योगिक अनुसंधान संघ है। इसका उद्देश्य उद्योग में नवाचार, गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

LiDAR: सेल्फ-ड्राइविंग कारों की अहम तकनीक

LiDAR, यानी “लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग”, एक प्रौद्योगिकी है जो सेल्फ-ड्राइविंग कारों के टेस्टिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। LiDAR एक रेंजिंग डिवाइस होता है जो लेजर पल्स का उपयोग करके किसी लक्ष्य की दूरी को मापता है। यह लेजर पल्स भेजकर और उसके प्रति बाहर जाने वाली लाइट पल्स और उनके रिफ्लेक्टेड (पीछे बिखरी हुई) लाइट पल्स के बीच के समय अंतराल को रिकॉर्ड करके दूरी को मापता है।

LiDAR के काम करने का तरीका

LiDAR एक रेंजिंग डिवाइस होता है जो लेजर पल्स का उपयोग करके किसी लक्ष्य की दूरी को मापता है। यह लेजर पल्स भेजकर और उसके प्रति बाहर जाने वाली लाइट पल्स और उनके रिफ्लेक्टेड (पीछे बिखरी हुई) लाइट पल्स के बीच के समय अंतराल को रिकॉर्ड करके दूरी को मापता है।

ड्राइवरलेस कारों पर सरकार का रुख

स्वतंत्रता और अनुशासन के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में ड्राइवरलेस कारों के लॉन्च के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना विरोध जताया है। इन कारों के आगमन से आर्थिक संदेहों के साथ-साथ, ज़्यादातर ड्राइवरों के रोजगार को भी खतरा महसूस हो रहा है।

हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने ड्राइवरलेस कारों के भारत में लॉन्च करने की अनुमति देने का खिलाफत किया। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हो गया तो लाखों लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा जो संभावना नहीं है कि वह स्वीकार करेंगे।

भारत में ड्राइवरलेस कारों की चुनौतियां

  • भारत में सड़कों की स्थिति ड्राइवरलेस कारों के लिए अनुकूल नहीं है।
  • भारत में ड्राइवरलेस कारों के लिए अभी कोई नियम और कानून नहीं हैं।
  • लोगों में ड्राइवरलेस कारों के बारे में जागरूकता की कमी है।

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