क्या आप जानते हो आधी रात में ही क्यों होता है किन्नरों का अंतिम संस्कार, क्यों उन्हें देखने से मना किया जाता है

क्या आपने कभी सोचा है कि जीवन के हर रंग में शामिल होने वाले किन्नर समुदाय की अंतिम यात्रा इतनी गोपनीय क्यों होती है? जहाँ एक ओर वे शादियों और जन्मोत्सवों पर आशीर्वाद देते नजर आते हैं, वहीं उनके अंतिम संस्कार की रस्में गहन रहस्य और गोपनीयता में डूबी होती हैं। आइए इस लेख के माध्यम से हम इस अनूठी परंपरा की गहराइयों में उतरें और जानें कि आखिर क्यों इनका अंतिम संस्कार इतना विशिष्ट होता है।

क्या आप जानते हो आधी रात में ही क्यों होता है किन्नरों का अंतिम संस्कार, क्यों उन्हें देखने से मना किया जाता है
क्या आप जानते हो आधी रात में ही क्यों होता है किन्नरों का अंतिम संस्कार, क्यों उन्हें देखने से मना किया जाता है

किन्नर समुदाय का जीवन और समाज

किन्नर समुदाय, जो अपने आपको न तो पूरी तरह पुरुष मानते हैं और न ही महिला, समाज में एक विशेष स्थान रखते हैं। उनकी उपस्थिति खुशियों के मौके पर शुभ मानी जाती है। लेकिन उनकी मौत पर जो गोपनीयता बरती जाती है, वह कई सवाल खड़े करती है।

अंतिम संस्कार की गोपनीयता

यह प्रथा कि किन्नरों का अंतिम संस्कार रात के अंधेरे में और चुपचाप संपन्न होता है, समुदाय की गहरी आध्यात्मिक विश्वासों और परंपराओं में निहित है। इस गोपनीयता का मुख्य कारण है यह विश्वास कि अगर कोई बाहरी व्यक्ति अंतिम संस्कार को देख ले, तो इससे मृतक को अगले जन्म में भी किन्नर के रूप में ही जन्म लेना पड़ सकता है इसके अलावा इसके पीछे कई कारण भी हैं जैसे –

  • गुप्तता: किन्नर अपने जीवन और मृत्यु को गुप्त रखना पसंद करते हैं। वे नहीं चाहते कि बाहरी लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हों।
  • अंधविश्वास: कुछ लोगों का मानना ​​है कि किन्नरों में बुरी आत्माएं होती हैं। इसलिए, वे किन्नरों के अंतिम संस्कार में शामिल होने से डरते हैं।
  • सामाजिक बहिष्कार: किन्नरों को अक्सर समाज से बहिष्कृत किया जाता है। इसलिए, उन्हें अपनी मृत्यु के बाद भी सम्मान नहीं मिलता है।

अंतिम संस्कार की अनूठी रस्में

किन्नर समुदाय में मृतक को जूते-चप्पलों से पीटा जाना और गालियां दी जानी, उनके जीवन के प्रति अभिशाप की भावना को दर्शाती है। यह एक प्रकार का प्रायश्चित है, जिससे उम्मीद की जाती है कि मृतक का अगला जन्म आम इंसान के रूप में हो।

आध्यात्मिक शक्तियां और मौत का आभास

किन्नरों में यह मान्यता है कि उनमें से कई को मौत का पूर्वाभास हो जाता है, जिसके बाद वे अपने जीवन के अंतिम दिनों में केवल पानी पीते हैं और दुआएं करते हैं। इस दौरान, समुदाय के अन्य सदस्य उनके पास आते हैं और उनकी दुआएं लेते हैं, जिसे बहुत असरदार माना जाता है।

जीवनकाल और वैज्ञानिक शोध

विभिन्न शोधों से यह पता चलता है कि किन्नर आम लोगों की तुलना में लंबा जीवन जीते हैं। यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि हार्मोनल बदलाव उनकी उम्र को प्रभावित कर सकते हैं, और कुछ मामलों में, यह उनके जीवनकाल को बढ़ा सकता है।

इस लेख के माध्यम से, हमने किन्नर समुदाय की अंतिम संस्कार परंपराओं में निहित गहराई और जटिलताओं को समझने का प्रयास किया है। यह एक ऐसा विषय है जो हमें समुदाय के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता बरतने की याद दिलाता है, जिनके जीवन और मृत्यु दोनों ही हमारे समाज के बुनियादी ताने-बाने से गहराई से जुड़े हुए हैं।

किन्नरों का अंतिम संस्कार एक अनोखी परंपरा है जो उनके जीवन और मृत्यु के बारे में कई रहस्यों को उजागर करती है। यह परंपरा किन्नरों के जीवन और समाज में उनके स्थान के बारे में कई महत्वपूर्ण सवाल उठाती है।

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