Debit Card Insurance: अपने डेबिट कार्ड में छिपे इंश्योरेंस कवर को करें अनलॉक, जानिए आसान तरीका

Debit Card Insurance: बहुत से बैंक डेबिट कार्ड के साथ एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर भी प्रदान करते हैं। अगर आप इससे जुड़ी सभी शर्तों को जानते हैं तो दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में नॉमिनी को आसानी से अदालती मुद्दों का सामना करने में मदद मिलती है। देश के कई बैंक डेबिट कार्ड पर भी इंश्योरेंस उपलब्ध है।

Debit Card Insurance: अपने डेबिट कार्ड में छिपे इंश्योरेंस कवर को करें अनलॉक, जानिए आसान तरीका
Debit Card Insurance: अपने डेबिट कार्ड में छिपे इंश्योरेंस कवर को करें अनलॉक, जानिए आसान तरीका

हालांकि, अक्सर लोग इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें इसके बारे में कम जानकारी होती है। यदि आप थोड़ी सी जानकारी और कागजात तैयार रखें, तो आप डेबिट कार्ड के साथ उपहार के रूप में प्राप्त होने वाले इस बीमा का लाभ आसानी से उठा सकते हैं। इसलिए चलिए समझते हैं कि कैसे डेबिट कार्ड के साथ आने वाले इस बीमा का लाभ लिया जा सकता है।

सभी प्रमुख बैंक देते हैं यह सुविधा 

कोटक महिंद्रा, HDFC, SBI, ICICI और DBS बैंक: डेबिट कार्ड के साथ जीवन बीमा कई प्रमुख बैंक अपने डेबिट कार्ड धारकों को निःशुल्क जीवन बीमा कवरेज प्रदान करते हैं। इनमें कोटक महिंद्रा, HDFC, SBI, ICICI और DBS बैंक शामिल हैं। बीमा लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होता है। इनमें न्यूनतम लेनदेन और KYC शामिल हैं। दुर्भाग्यपूर्ण घटना (जैसे दुर्घटना से मृत्यु) में, परिवार को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है। यह सुविधा डेबिट कार्ड धारकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

ट्रांजेक्शन से जुड़े नियम जानना बेहद जरूरी 

इन नियमों में से एक नियम है कि निर्धारित समय के भीतर कार्ड के माध्यम से लेन-देन करना। आपको अपने बैंक से यह जान लेना चाहिए कि आपको लाइफ इंश्योरेंस का लाभ कितने पैसों के लेन-देन के बाद मिलेगा। एक और सवाल है कि कार्डधारक की मौत के बाद नॉमिनी कैसे दावा करेगा। बैंक आपको यह इंश्योरेंस कवर ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत प्रदान करता है। इसमें आपको एक्सीडेंट कवर, पर्चेज प्रोटेक्शन, एयर एक्सीडेंट, कार्ड फ्रॉड आदि से सुरक्षा प्राप्त होती है। इनमें आपको अलग-अलग पॉलिसी नंबर नहीं मिलता है। क्योंकि आपके पास पॉलिसी नंबर नहीं होता, इसलिए इसका दावा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। कई बैंक इसके तहत एक करोड़ रुपये तक का बीमा कवर प्रदान करते हैं।

इन शर्तों को पूरा करने के बाद मिलेगा क्लेम 

बैंकों की तरफ से पहली शर्त होती है कि न्यूनतम ट्रांजेक्शन की शर्त रखी जाती है। कोटक महिंद्रा बैंक ने पिछले 60 दिनों के भीतर कम से कम 500 रुपये के 6 ट्रांजेक्शन की शर्त रखी है। डीबीएस बैंक की मांग है कि 90 दिन में कम से कम एक ट्रांजेक्शन किया जाए। एचडीएफसी बैंक ने 30 दिनों में कम से कम एक ट्रांजेक्शन की शर्त रखी है। इसलिए आपको अपने बैंक से इसकी शर्तों को जान लेना चाहिए।

कैसे करना होगा क्लेम 

एक्सीडेंट की स्थिति में मृत्यु होने पर, नॉमिनी को निश्चित समय के भीतर बैंक से संपर्क करना होगा। क्लेम 60 दिनों के भीतर होना चाहिए। प्रत्येक बैंक के इस संबंध में अलग-अलग नियम होते हैं। नॉमिनी को क्लेम फॉर्म के साथ मृत्यु प्रमाणपत्र और केवायसी से संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे। ये दस्तावेज बैंक ब्रांच में जमा किए जा सकते हैं या फिर कस्टमर केयर को कॉल करके ईमेल के माध्यम से भेजे जा सकते हैं।

किन डाक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत 

  • नॉमिनी का पता और कॉन्टेक्ट डिटेल्स 
  • इंश्योरेंस क्लेम फॉर्म 
  • ओरिजिनल डेथ सर्टिफिकेट 
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट 
  • एफआईआर या पंचनामा (एक्सीडेंट की स्थिति में)
  • स्पॉट पंचनामा, एक्सीडेंट स्पॉट और गाड़ी की फोटो 
  • अखबारों की कटिंग 
  • इलाज के दौरान मौत होने पर अस्पताल से मिले पेपर  
  • सैलरी स्लिप या बिजनेस का प्रकार 
  • ड्राइविंग लाइसेंस 
  • नॉमिनी न होने पर उत्तराधिकारी सर्टिफिकेट

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