आप भी खाते हैं ‘बुढ़िया के बाल’ तो हो जाएं सावधान, हो सकता है कैंसर

जब हम छोटे थे, हमें मेले जाने का बहुत शौक था। वहाँ पर बुढ़िया के बाल मिलते थे, जिन्हें हम कॉटन कैंडी के नाम से जानते थे। उनके रंग खूबसूरत और स्वाद मीठा होता था, इसलिए हम उन्हें खाने के लिए जिद करते थे। आज भी, बच्चे और बड़े इसे पसंद करते हैं।

लेकिन क्या आपको पता है कि बुढ़िया के बाल में एक खतरनाक केमिकल होता है, जिसका सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है? हां, यह सच है। इस केमिकल का प्रभाव इतना खतरनाक है कि कुछ राज्यों ने इसके पूरी तरह से इस्तेमाल पर प्रतिबंध (Ban on cotton candy) लगा दिया है।

आप भी खाते हैं 'बुढ़िया के बाल' तो हो जाएं सावधान, हो सकता है कैंसर
आप भी खाते हैं ‘बुढ़िया के बाल’ तो हो जाएं सावधान, हो सकता है कैंसर

बुढ़िया के बाल में छिपा यह खतरनाक केमिकल”

जैसा कि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट से पता चला है, बुढ़िया के बाल जिसे कॉटन कैंडी के नाम से भी जाना जाता है, में जब जांच की गई तो उसमें रोडामाइन-बी नाम का एक केमिकल पाया गया। यह केमिकल आमतौर पर टेक्सटाइल उद्योग में प्रयोग किया जाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह केमिकल हमारे शरीर में प्रवेश करता है, तो यह हमें काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसके लंबे समय तक cotton candy सेवन से कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

किन राज्यों ने किया बैन

2024 की शुरुआत में ही तमिलनाडु सरकार ने इसके निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। कारण था खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा की गई जांच, जिसमें कुछ नमूनों में Rhodamine-B नामक एक कैंसरकारी रसायन पाया गया। इस खबर ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया।

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने मीडिया को बताया कि कॉटन कैंडी में जांच के दौरान हानिकारक पदार्थ पाया गया है। उन्होंने इसे तत्काल प्रभाव से बैन करने का फैसला किया। चेन्नई के खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पिछले दिनों मरीना बीच और अन्य क्षेत्रों में बिकने वाले कॉटन कैंडी के सैंपल लिए थे।

इन सैंपल्स की जांच में पता चला कि इसमें कुछ ऐसे खतरनाक केमिकल हैं जो आपको कैंसर का शिकार बना सकते हैं।

पुदुचेरी ने भी कॉटन कैंडी पर लगाया बैन

तमिलनाडु के बाद पड़ोसी राज्य पुडुचेरी ने भी “बुढ़िया के बाल” पर प्रतिबंध लगा दिया। इसका मुख्य कारण है कि इसमें रंग देने के लिए सस्ते और हानिकारक रंगों का इस्तेमाल। इसके अलावा, ये मिठाई अक्सर खुले में तैयार की जाती है, जिससे धूल और गंदगी का खतरा रहता है।

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