मुंबई: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा के बाद, राजनीतिक गलियारों में व्यापक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इसी संदर्भ में, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
दिग्विजय सिंह की मांग: डॉ. मुरली मनोहर जोशी को भी सम्मानित करें
दिग्विजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि आडवाणी को भारत रत्न देने का निर्णय सराहनीय है, लेकिन साथ ही उन्होंने एक और नेता, डॉ. मुरली मनोहर जोशी के नाम का सुझाव दिया जिन्होंने भी देश और पार्टी के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। सिंह की इस मांग ने एक नई बहस की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री मोदी का एलान और आडवाणी का योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की थी। उन्होंने आडवाणी के योगदान को याद करते हुए उन्हें भारतीय राजनीति का एक स्तंभ बताया। मोदी ने कहा कि आडवाणी का जीवन और उनका राजनीतिक करियर अनुकरणीय है, जिसमें उन्होंने देश के लिए अनेक महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और बहस
आडवाणी को भारत रत्न प्रदान किए जाने की घोषणा ने न केवल उनके योगदान को सामने लाया है बल्कि इसने राजनीतिक दलों के बीच एक नई बहस को भी जन्म दिया है। दिग्विजय सिंह की मांग ने इस बहस को और अधिक तीव्र कर दिया है, जहां एक ओर उन्होंने आडवाणी के सम्मान का समर्थन किया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने डॉ. मुरली मनोहर जोशी के योगदान को भी सामने लाने की मांग की।
भाजपा ने दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं।
इस प्रकार, भारत रत्न के निर्णय ने न केवल सम्मान के प्रतीक के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है बल्कि यह राजनीतिक विचार-विमर्श और बहस का एक नया केंद्र भी बन गया है।
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