AAP दफ्तर विवाद: क्या होगा इसका असर दिल्ली की राजनीति पर?

AAP ने कहा कि उन्हें यह ज़मीन 2015 में मिली थी, लेकिन 2023 में लैंड एंड डेवलपमेंट का ऑफिस कह रहा है कि इसे राउज एवेन्यू कोर्ट के विस्तार के लिए निर्धारित किया गया है। AAP का कहना है कि वे परिसर को खाली करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अदालत से उसे एक वैकल्पिक स्थान दिया जाने का अनुरोध किया गया है।

AAP दफ्तर विवाद: क्या होगा इसका असर दिल्ली की राजनीति पर?
AAP दफ्तर विवाद: क्या होगा इसका असर दिल्ली की राजनीति पर?

AAP ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उनका कार्यालय वहाँ की ज़मीन पर कब्ज़ा नहीं किया है, जो कोर्ट के लिए आवंटित थी। यह सुनवाई के बाद की गई थी, जिसमें कोर्ट ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।

AAP ने जवाबी हलफनामे में कहा है कि उन्हें यह ज़मीन 2015 में मिली थी। लेकिन 2023 में लैंड एंड डेवलपमेंट का ऑफिस इसे राउज एवेन्यू कोर्ट के विस्तार के लिए निर्धारित कर रहा है। AAP के अनुसार, वे परिसर खाली करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अदालत से उन्हें एक वैकल्पिक स्थान आवंटित करने का अनुरोध किया गया है।

लोकसभा चुनावों का दिया हवाला

AAP ने आगामी लोकसभा चुनाव के संदर्भ में बताया कि उनके पार्टी को अभी कोई अलग जगह उपलब्ध नहीं है, और अगर उन्हें जगह खाली करना पड़ता है तो उन्हें अपने कार्यालय के लिए जमीन नहीं मिलेगी। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार, राष्ट्रीय पार्टियों को दिल्ली में कार्यालय के लिए ज़मीन उपलब्ध कराई जाती है। पिछले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने AAP के दफ्तर को राउज एवेन्यू में जगह देने पर कड़ी आलोचना की थी।

मुख्य न्यायाधीश ने हैरानी जताई

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान चौंकाने वाले तरीके से कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट की ज़मीन पर एक राजनीतिक दल का कार्यालय स्थापित है। उन्होंने कहा कि इसे हाईकोर्ट को वापस किया जाना चाहिए, क्योंकि यह हाईकोर्ट के पूल के निकट है। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, पीडब्ल्यूडी सचिव और वित्त सचिव अगली तारीख से पहले हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के साथ एक बैठक कर इस मामले का समाधान निकालेंगे।

कोर्ट ने घोषित किया: अतिक्रमण हटाया जाएगा

सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता, और फिर भी एक राजनीतिक दल कैसे उस पर अधिकार का दावा कर सकता है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को इस जमीन और बंगले पर कब्जा लेना चाहिए। हाईकोर्ट को इस ज़मीन और बंगले का उपयोग कैसे करना है, यह निर्णय हाईकोर्ट प्रशासन के हाथ में होना चाहिए। जनता और नागरिकों के लिए संदेश है कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, पीडब्ल्यूडी सचिव और वित्त सचिव को अगली तारीख से पहले हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के साथ एक बैठक बुलाया जाए। ताकि सभी विवादित और लंबित मुद्दों का समाधान सुनिश्चित हो सके। कोर्ट ने उजागर किया कि सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे। मामले को आगे के निर्देशों के लिए सोमवार को सुनवाई होगी।

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