भारत देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यह देश सभ्यता एवं संस्कृति से परिपूर्ण देश है। इस देश में कई पौराणिक सभ्यताए एवं चमत्कारी मंदिर है। भारत देश में रह रहे अधिकांशतः लोग सनातन धर्म के लोग है। जो भगवान में अपनी आस्था एवं विश्वास रखते है।
भारत में अनगिनत प्राचीन देवी देवताओं के पवित्र मंदिर स्थित है। जिनमे से भगवान शिव के मंदिरों की महिमा अपार है। प्रतिदिन देश विदेशों से श्रद्धालु इन मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करने आते है।
इन ही प्रसिद्ध मंदिरों में से महादेव के शिवलिंग स्वरूप के 12 ज्योतिर्लिंग भी शामिल है। मान्यता है की भगवान शिव इन विशेष जगाहों पर स्वयं प्रकट हुए थे। इसलिए दूर-दूर से दर्शनार्थी भगवान के दर्शन करने यहाँ आते है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव की ज्योति के रूप में सदियों से इन स्थानों पर विराजमान है।
यह 12 ज्योतिर्लिंग भारत के अलग-अलग स्थानों पर स्थित है। प्रत्येक ज्योतिर्लिंग की मान्यता अलग अलग है। इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

Jyotirling Names & Places in India
प्रत्येक ज्योतिर्लिंग के नाम एवं उनका स्थापना राज्य मीचे निम्नलिखित है :-
अनुक्रमांक | ज्योतिर्लिंग का नाम | स्थित स्थान |
1. | सोमनाथ | गुजरात |
2. | ओम्कारेश्वर | मध्यप्रदेश |
3. | महाकालेश्वर | मध्यप्रदेश |
4. | मल्लिकार्जुन | आंध्र प्रदेश |
5. | भीमाशंकर | महाराष्ट्र |
6. | केदारनाथ | उत्तराखंड |
7. | कशी विश्वनाथ | उत्तरप्रदेश |
8. | त्र्यम्बकेश्वर | महाराष्ट्र |
9. | वैधनाथ | झारखण्ड |
10. | नागेश्वर | गुजरात |
11. | रामेश्वरम | तमिलनाडु |
12. | घृष्णेश्वर | महाराष्ट्र |
12 ज्योतिर्लिंग के नाम
सम्पूर्ण भारतवर्ष में अलग अलग स्थानों पर प्रकट 12 ज्योतिर्लिंगों की जानकारी देखें
1. सोमनाथ (ज्योतिर्लिंग)

सोमनाथ मंदिर जिसे पहला ज्योतिर्लिंग कहाँ जाता है। यह गुजरात के गठियावार क्षेत्र में समुद्र किनारे स्थित है। मान्यता है की चंद्र देव ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आराधना की थी। जिससे प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें इसी स्थान पर दर्शन दिए थे। सोमनाथ मंदिर का नाम चंद्र देव के दूसरे नाम सोम पर रखा गया है।
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग इसे दूसरे स्थान का ज्योतिर्लिंग कहाँ जाता है। यह मंदिर आंध्रप्रदेश के कुर्नुर जिले क कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। मान्यता है की यहाँ भगवान शिव अपने पुत्र कार्तिकय से मिलने आये थे। जो पृथ्वी पर आये हुए थे।
यह ज्योतिर्लिंग दर्शनार्थियों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करके उन्हें समस्याओं से दूर करती है।
3. महाकालेश्वर ज्योतर्लिंग

ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले की छिप्रा नदी के तट पर स्थति है। यह स्थान देशभर में महाकाल के नाम से स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग के नाम से भी विख्यात है।
महाकलेश्वर मंदिर की मान्यता है की यह पृथ्वी का एकमात्र मान्य शिवलिंग है। यह जो भी महादेव के महाकाल के स्वरूप के दर्शन करने आते है उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
4. ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग

ओम्कारेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी के किनारे मान्धाता पर्वत पर स्थित है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के राज्य झारखण्ड जिले में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथे स्थान पर आता है।
पुराण में ओम्कारेश्वर मंदिर की व्याख्या के रूप में लिखित है की यह महादेव के परम भक्त कुबेर ने भगवान्क शिव को प्रश्न करने के लिए कड़ी तपस्या की थी।
जिस शिवलिंग की स्थापना करके उसने यह तपस्या की थी उसे ही ओम्कारेश्वर के नाम से जाना जाता है। उसकी भक्ति से प्रशन्न होकर उनके स्नान के लिए भगवन शिव ने अपने जटा से कावेरी नदी की उत्त्पति की थी। यह पर ॐ के आकर की शिवलिंग स्थापित है।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मन्दाकिनी नदी के पास स्थित है। केदरनाथ धाम भद्रिनाथ धाम के रास्ते में ही स्थित है। यह मंदिर समुद्र तट से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
केदारनाथ धाम भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पांचवे स्थान पर आता है। केदारनट के कपाट प्रत्येक वर्ष के 6 माह तक ही खुले होते है। यह मंदिर प्रत्येक वर्ष के जून माह में खोला जाता है एवं नवम्बर माह में बंद कर दिया जाता है।
मान्यता है की बाकी के 6 माह तक वह देवी देवता एवं दानव भगवान् शिव की पूजा करते है। केदारनाथ धाम की यात्रा करने वालों को बद्रीनाथ की भी यात्रा करनी चाहिए अन्यथा उनकी मनोकामनाएं पूरी नहीं होती है।

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6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर महाराष्ट्र जिले के पुणे से 110 किलों मीटर दूर सहाद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को 12 ज्योतिर्लिंगों में से छठा स्थान दिया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर भगवान् शिव ने रावण के भाई कुंभकर्ण के पुत्र भीमेश्वर का वध किया था इसलिए इसे भीमेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है।
इस धाम के दर्शन करने से श्रधालुंओं के सभी दुखों का अंता हो जाता है। इसके निकटम भीमा नदी भी स्थित है।
7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरप्रदेश के राज्य वाराणसी जिले में स्थित है। इस मंदिर को विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है की यहाँ भगवान शिव का शहर है जहाँ वह स्वयं निवास करते थे। वाराणसी गंगा नदी के तट पर स्थित है साथ ही इसे दुनिया का सबसे पुराना नगर भी कहा जाता है।
इस मंदिर की स्थापना शंकराचार्य, संत एकनाथ, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद जैसे महापुरुषों द्वारा किया गया है।
8. त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग यह शिवलिंग महाराष्ट्र के त्र्यंबकगांव में नाशिक शहर से 28 किलोमीटर पर स्थित है। यहाँ भविय एवं चमत्कारी मंदिर पूर्णतः भगवान् शिव को समर्पित है।
इस मधिर के निकटतम गोदावरी नदी भी बहती है यह मंदिर तीन विशाल पर्वतों के मध्य स्थित है। जिनका नाम ब्रह्मगिरी, निलागिरि और कालगिरी पर्वत है।
9. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात राज्य के द्वारका में स्थित है। इस मंदिर में सावन मास में पूजा अर्चना करने का विशेष महत्त्व दिया जाता है।
सावन के महीने में इस जहाँ पर श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने एवं भगवान् शिव को प्रशन्न करने आता है। मंदिर की स्थापना की गाथा सुनने से ही दर्शन करने आये श्रद्धालुओं से सभी पाप नष्ट हो जाते है।
10. वैधनाथ ज्योतिर्लिंग

वैधनाथ मंदिर झारखण्ड राज्य के देवघर में स्थित है। मान्यता है की यह स्थित कामना शिवलिंग रावण की महादेव की भक्ति का प्रतिक है।
इस तीर्थ स्थल को वैधनाथ के साथ- साथ बाबा वैजनाथ के नाम से भी जाना जाता है। यह पर दर्शन करने आये सभी श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित है। मान्यता है की उत्तरप्रदेश के काशी विश्वनाथ की ही तरह दक्षिण में स्थित रामनाथपुरम समान उपाधि दी जाती है।
इस डैम की विधि पूर्वक आराधना करने से मनुष्य बड़े से बड़े पाप जैसे ब्रह्महत्या से भी मुक्ति पा सकते है। इस मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान राम द्वारा की गई है। कहा जाता है यहाँ गंगा जल चढ़ाने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्त हो जाती है।
12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के औरंगाबाद से 29 किलोमीटर की दुरी पर वेरुल गांव में स्थित है। यहाँ स्थित ज्योतिर्लिंग महादेव का 12 एवं अंतिम ज्योतिर्लिंग है।
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार लोगो की मान्यताये है की यह दर्शन करने से मनुष्य जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का अंत हो जाता है। एवं सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस मंदिर का निर्माण अहिल्याबाई होल्कर द्वारा हुआ था।
यहाँ भी देखिये :-भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिर – 10 Famous Temples of India in Hindi
12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां है से संबंधित प्रश्न-उत्तर
भारत में कुल कितने ज्योतिर्लिंग है ?
भारत में कुल 12 ज्योतिर्लिंग स्थित है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर कहा स्थित है ?
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर उत्तराखंड में स्थित है।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के मंदिर का निर्माण किसके द्वारा किया गया है ?
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के मंदिर का निर्माण अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किया गया है।
शिवलिंग किस भगवान का स्वरूप है ?
शिवलिंग भगवान शिव का शिला स्वरूप है।
इस लेख में हमने आपके साथ ज्योतिर्लिंग कहां कहां है, इससे संबंधित जानकारी साझा की है। अगर आपको लिखित जानकारी के अलावा कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में मेसेज हमें सूचित कर सकते है हमारी टीम द्वारा आपके प्रश्नो के उत्तर अवश्य दिए जायेंगे। आशा करते है की आपको हमारे लेख के माध्यम से सहायता प्राप्त हुई होगी।