सरोगेसी क्या है और सरोगेट मदर कौन होती है?

दोस्तों, Surrogacy शब्द तो आपने सुना ही होगा। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपसे Surrogacy के बारे में कुछ जानकारी शेयर करने जा रहें हैं। जानकारी के लिए बता दें रोगेसी के माध्यम से आजकल बिना शादी के माँ या बाप बनना काफी आसान हो गया है। अधिकांश लोग इस हाई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बिना शादी किये ही अपने खानदान को आगे बढ़ा रहें हैं।

हालांकि बहुत से ऐसे लोग भी है जिनको अभी तक Surrogacy के बारे में कुछ जानकारी नहीं है। यहाँ हम आपको बतायेंगे सरोगेसी क्या है? सरोगेट मदर कौन होती है ? इन सभी के विषय में हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। Surrogacy से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़िए –

सरोगेसी क्या है
सरोगेसी क्या है

Surrogacy: सरोगेसी क्या है?

जानकारी के लिए बता दें सरोगेसी का मतलब होता है किसी दूसरी महिला की कोख में बच्चा पालना। जैसा कि आप सभी जानते ही होने देश में ऐसी बहुत सारी महिलाएं हैं किसी विकार के कारण माँ नहीं बन सकती या पति-पत्नी दोनों में से किसी एक में इन्फर्टिलिटी की दिक्कत होने के कारण वे माँ-बाप नहीं बन सकते हैं या इसके अलावा ऐसी महिलाएं जिनका कई बार गर्भपात हो चुका है तो ऐसी स्थिति में दम्पति किसी अन्य महिला की कोख में अपना बच्चा पालने के लिए सरोगेसी की मदद लेते है। जानकारी के लिए बता दें देश में लगभग 7000-8000 क्लिनिक (अधिकांश अवैध) है। हालांकि हर साल सरोगेसी से 2000 से अधिक बच्चे पैदा होते हैं।

सरोगेट मदर कौन होती है ?

ऐसी महिला जो किसी दूसरी महिला के बच्चे को अपनी कोख में पालती है, उस महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है। हालांकि कोई भी महिला केवल एक ही बार सरोगेट मदर बन सकती है। सरोगेट मदर बनने वाली महिलाओं की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए। सरोगेट मदर बनने वाली महिला शादीशुदा होनी चाहिए और उनका एक बच्चा भी होना चाहिए। सरोगेट मदर को 1 से 4 लाख रूपये मिलते हैं।

सरोगेसी के जरिये बच्चा पाने के लिए पात्रता

संतान प्राप्त करने वाले ऐसे इच्छुक दम्पति जो सरोगेसी के माध्यम से संतान प्राप्त करना चाहते है यहाँ हम ऐसे दम्पतियों के लिए सरोगेसी के जरिये बच्चा पाने के लिए पात्रता के विषय में जानकारी देने जा रहें हैं। सरोगेसी के जरिये बच्चा पाने के लिए पात्रता को पूरा करने वाले दम्पति ही सरोगेसी के पात्र होंगे। जानिए क्या है पात्रता –

  1. दम्पति भारतीय नागरिक होने चाहिए।
  2. दम्पति की शादी हुए 5 साल पुरे हो गए हो।
  3. दम्पति को सरोगेट मदर का करीबी रिश्तेदार होना चाहिए। करीबी रिश्तेदार की परिभाषा नहीं है।
  4. फीमेल पार्टनर की उम्र 23 साल-50 साल और मेल पार्टनर की उम्र 26 साल से 55 साल होनी आवश्यक है।
  5. दम्पति के पास अपना कोई बच्चा नहीं होना चाहिए।
  6. अगर बच्चा शारीरिक या मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो कानून से छूट मिलेगी।
  7. सरोगेट मदर के लिए इंश्योरेंस कवरेज

सरोगेट मदर बनने के लिए पात्रता

वे इच्छुक उम्मीदवार महिलाएं जो सरोगेट मदर बनना चाहती हैं उन महिलाओं को सरोगेट मदर बनने के लिए कुछ आवश्यक पात्रता पूरी करनी होगी। इन पात्रता को पूरा करने वाली महिलाएं ही सरोगेट मदर बन सकती है। जानिए क्या है पात्रता –

  • महिला शादीशुदा होनी चाहिए।
  • महिला का अपना बच्चा भी होना चाहिए।
  • सरोगेट मदर की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए।
  • महिला पहले कभी सरोगेट मदर न बनी हो।
  • महिला के पास सरोगेसी के लिए चिकित्सीय रूप से सक्षम होने का सर्टिफिकेट होना चाहिए।

कब होती है सरोगसी?

यहाँ हम आपको बताएंगे कि दम्पति को किस परिस्थिति में सरोगेसी की आवश्यकता होती है। किन परिस्थितियों में दम्पति सरोगेसी का सहारा लेते हैं। इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए पॉइंट्स को ध्यानपूर्वक पढ़ें –

  • जब तमाम प्रयासों और इलाज के बावजूद महिला गर्भधारण नहीं कर पा रही हों,तो सरोगसी एक अच्छा विकल्प साबित होता है।
  • जब तमाम तरह के इलाज के बावजूद भी महिला गर्भपात हो रहा हो तक सरोगसी की मदद की जा सकती है।
  • गर्भाशय या श्रोणि विकार होने पर सरोगेसी को ऑपरेशन के तौर पर देखा जा सकता है।
  • जब महिला का युट्रस जन्म से बना ही न हों।
  • अगर IVF ट्रीटमेंट तीन बार से अधिक फेल हो गया हो, तब सरोगेसी की मदद ली जाती है।
  • यदि माँ-बाप दोनों में से कोई भी एक इनफर्टाइल हो।

देश में सरोगेसी को लेकर क्या कानून है ?

उम्मीदवार ध्यान दें यहाँ हम आपको सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2020 के अनुसार देश में सरोगेसी को लेकर क्या कानून है इसके बारे में बताने जा रहें हैं। अगर आप भी इस कानून के नियमो के बारे में जानना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए पॉइंट्स को पढ़ सकते हैं। ये पॉइंट्स निम्न प्रकार हैं –

  • देश में कमर्शियल सरोगेसी को बैन किया गया है।
  • केवल इन्फर्टाइल और भारतीय कपल ही सरोगेसी से बच्चे पैदा कर सकते हैं।
  • सरोगेसी करवाने वाले पति की उम्र 26 साल से 55 साल और पत्नी की उम्र 25 साल से 50 साल तक होनी चाहिए।
  • कपल के पास मेडकल सर्टिफिकेट होना चाहिए जिससे पता लगे कि कोई एक या दोनों बच्चे को जन्म देने में असमर्थ है।
  • सेरोगेसी के लिए अप्लाई करने वाले कपल का सरोगेट मदर का करीबी रिश्तेदार होना जरूरी है।
  • सेरोगेट माँ के हेल्थ और डिलीवरी का पूरा खर्चा बच्चे के माँ-बाप देंगे।
  • इसके अलावा सरोगेट मदर को कोई आर्थिक मदद नहीं मिलेगी।
  • सरोगेट मदर बनने वाली महिला शादीशुदा होनी चाहिए।
  • सरोगेट मदर का एक बच्चा भी होना चाहिए।
  • कोई भी महिला अपने जीवन में केवल एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है।
  • कोई भी क्लीनिक सरोगेसी को लेकर अखबार या टीवी में विज्ञापन नहीं दे सकता है।
  • सरोगेसी प्रोसेस के दौरान किसी भी वक्त बच्चे की जेंडर चुनने की भी सख्त पाबंदी है।

Surrogacy सम्बंधित कुछ प्रश्न और उत्तर

Surrogacy क्या है ?

Surrogacy का मतलब है किसी दूसरी महिला की कोख में बच्चा पालना।

क्या सरोगेट मदर बनने के लिए महिला शादीशुदा होनी चाहिए?

जी हाँ, सरोगेट मदर बनने के लिए महिला शादीशुदा होने के साथ-साथ उसका एक बच्चा भी होना चाहिए।

सरोगेसी के जरिये बच्चा कौन पा सकते है?

ऐसे भारतीय दम्पति जिनकी शादी को 5 साल से अधिक हो गए है लेकिन वे बच्चा पैदा करने में असमर्थ है या ऐसे दम्पति जिनकी पहली संतान विकलांग या मानसिक रूप से ग्रस्त है, केवल ऐसे दम्पति ही सरोगेसी के जरिये बच्चा प्राप्त कर सकते हैं।

एक महिला कितनी बार सरोगेट मदर बन सकती है ?

एक महिला केवल एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है।

इस लेख में हमने आपसे Surrogacy क्या है और सेरोगेट मदर कौन होती है और इससे सम्बंधित अनेक जानकारी साझा की है। अगर आपको इन जानकारियों के अलावा कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जाकर मैसेज करके पूछ सकते हैं। हमारी टीम द्वारा आपके सभी प्रश्नों के उत्तर अवश्य दिए जाएंगे। आशा करते हैं आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सहायता मिलेगी।

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