New Education Policy PDF (NEP) नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 – नई शिक्षा नीति | National education policy

New Education Policy 2020- किसी भी देश के विकास के लिए उस देश के नागरिकों को शिक्षित होना आवश्यक है। मानव जाति के सम्पूर्ण विकास में शिक्षा का अपना महत्त्व होता है और अपने यह तो सुना ही होगा “पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया। एक शिक्षित समाज देश के विकास के लिए बहुत जरुरी होता है। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो आपके समाज को ही नहीं आपके देश को विकसित करने में अहम किरदार अदा करता है।

अब तक सरकार द्वारा कई बार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किये जा चुके हैं जो की जरुरी भी है। वर्तमान समय में शिक्षा के लिए बनायीं गयी रणनीतियां पुराने रणनीति से भिन्न है। साल 1968 के बाद राजीव गाँधी के समय 1986 में शिक्षा नीति में बदलाव किये गए थे जिसके बाद 34 साल बाद वर्ष 2020 में इस नई शिक्षा नीति (NEP) को लाया गया है।

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नयी शिक्षा नीति - New Education Policy PDF
New Education Policy PDF (NEP) नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 – नई शिक्षा नीति National education policy

New Education Policy 2020 (नई शिक्षा नीति) के माध्यम से एजुकेशन सिस्टम में बदलाव किया गया है। National education policy 2020 को केंद्रीय मंजूरी मिलने के बाद स्कूली शिक्षा ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षा की नीतियों में भी बदलाव किये जायेंगे। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सकेगी। इस पोस्ट में आपको नई शिक्षा नीति (National education policy) क्या है ? नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में क्या क्या बदलाव किये गए हैं?,NEP के उद्देश्य ,विशेषताएं, महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में सभी जानकारी दी जाएगी।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020

भारत में पहली बार शिक्षा नीति में बदलाव को वर्ष 1968 में किया गया था। इसके बाद साल 1986 में इस शिक्षा नीति में दूसरी बार बदलाव किये गए किन्तु साल 1986 में लायी गयी शिक्षा नीति में ज्यादा बदलाव नहीं किये गए थे 1986 की शिक्षा नीति में सन्न 1992 में थोड़ा बहुत अपडेट किया गया था। नयी शिक्षा नीति 2020 चर्चा का विषय है क्यूंकि यह शिक्षा नीति शिक्षा में गुणात्मक सुधार को लाये जाने के लिए तत्पर है।

इस नीति (New Education Policy) के अनुसार ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry Of Human Resource Development) का नाम शिक्षा मंत्रालय (Ministry Of Education) रखा गया। इस नीति के माध्यम से स्ट्रीम को समाप्त किया गया। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 में 10+2 प्रोग्राम को बदलकर 5+3+3+4 कर दिया गया है। साथ ही उच्च शिक्षा जैसे ग्रैजुएशन ,पोस्टग्रैजुएशन ,पीएचडी तक में क्या बदलाव इसके अंतर्गत किये गए यह सब इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे।

इस नई नीति(New Education Policy) से देश के तमाम छात्रों उनके अभिभावकों,शिक्षकों के जीवन में क्या क्या बदलाव आएंगे इसके लिए आपको इस नीति के बारे में विस्तार से जानना जरुरी हो जाता है। साथ ही साथ यदि आप किसी सरकारी जॉब की तैयारी कर रहे हैं तो इस शिक्षा नीति के बारे में आपको जानना और भी जरुरी हो जाता है क्यूंकि इससे सम्बंधित सवाल कई पर प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।

Education Policy 2020 Key Points

आर्टिकलविवरण
आर्टिकल का नामNew Education Policy (NEP)
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020
पालिसी का लाभसभी भारतीय छात्रों को
नयी शिक्षा नीति2020
NEP का उद्देश्यशिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाना और स्कूली शिक्षा ,तकनिकी तथा उच्च शिक्षा को छात्रों के लिए आसान बनाना
सम्बंधित विभागशिक्षा मंत्रालय ,भारत सरकार
मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब जाना जाता हैशिक्षा मंत्रालय के नाम से
देश में अब तक कितनी शिक्षा नीतिया लायी गयीतीन (1968 ,1986 और 2020 )
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ऐसे किया गया था ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ का मसौदा तैयार

देश में समय के साथ कई बदलाव हो रहे हैं उस आधार पर शिक्षा नीति में 34 साल बाद बदलाव लाये गए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए मसौदा तैयार करने के लिए 2015 में पहली 5 सदस्य कमेटी का गठन टी. एस। आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में किया गया था किन्तु यह मसौदा पूरी तरह से सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। इसके बादका नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने हेतु वर्ष 2016 में एक अन्य कमेटी का गठन के.कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता में किया गया।

वर्ष 2017 में गठित डॉक्टर के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इस शिक्षा नीति पर अपनी रिपोर्ट को 2019 में पेश किया था। इसी रिपोर्ट के आधार पर नई एजुकेशन पॉलिसी 2020 को तैयार किया गया था।

New Education Policy PDF (NEP) का मुख्य उद्देश्य

किसी भी देश का विकास इस पर निर्भर करता है की उस देश में रह रही जनता कितनी शिक्षित है। सिर्फ शिक्षा ही नहीं छात्रों का कौशल और मानसिक विकास का भी अपना महत्त्व है। शिक्षा को बोझ नहीं बल्कि शिक्षा को मानव विकास के लिए बुनियादी ढांचा के रूप में तैयार करना आवश्यक है। छात्रों को नयी तकनिकी के क्षेत्र में उनके योगदान और विभिन्न तरह के उनके पसंदीदा विषय में रूचि को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति(New Education Policy) लायी गयी है। साल 1986 राजीव गाँधी जी के कार्यकाल के समय शिक्षा नीति में थोड़े बहुत बदलाव किये गए थे।

अब वर्ष 2020 में 34 साल बाद नई शिक्षा नीति को लाया गया है जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को आसान बनाना है। समय के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में कई प्रयोग किये गए हैं। स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा, तकनिकी शिक्षा में छात्रों का विकास करने और उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए तैयार करना इस नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है। दीक्षा पोर्टल को भी इस नई शिक्षा नीति के तहत लाया गया है जिससे स्कूल या कॉलेज के टीचर्स ट्रेन हो सकेंगे।

New Education Policy

NEP 2020 चर्चा में क्यों ?

  • 2020 से पहले 1968 तथा वर्ष 1986 में शिक्षा नीति में बदलाव किये गए हैं।
  • 1986 के बाद 34 वर्ष बाद 2020 में स्कूली शिक्षा के साथ साथ उच्च शिक्षा की नीति में बदलाव किये गए हैं।
  • अब तक भारत की स्कूली शिक्षा 10+2 के फॉर्मेट के हिसाब से चलती थी।
  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत अब इस 10+2 के फॉर्मेट को बदला जा चुका है।
  • National education policy 2020 अब तक भारत की तीसरी शिक्षा नीति है जिसका मसौदा साल 2019 में तैयार किया गया।
  • साल 2017 में गठित की गयी समिति जिसकी अध्यक्षता इसरो प्रमुख रह चुके डॉक्टर के. कस्तूरीरंगन द्वारा की गयी थी इसी समिति ने नई शिक्षा नीति 2020 का मसौदा तैयार किया था।
  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केबिनेट कमेटी द्वारा इस मसौदे को मंजूरी दी गयी थी जिससे स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में परिवर्तन किया गया ।
  • साथ ही साथ ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ का नाम बदलकर ‘शिक्षा मंत्रालय‘ करने को मजूरी दी गयी है। जिसका मकसद शिक्षा में गुणवत्ता और सिखने की और पुनः ध्यान आकर्षित करना है।
  • इस शिक्षा नीति पर देश के अलग अलग कोनों से अभिभावकों, शिक्षकों, विषेशज्ञों, राजनीतिज्ञों,जन प्रतिनिधियों से और लगभग 1 लाख 25 हजार ग्राम समितियों से विचार विमर्श किया गया।

नई शिक्षा नीतिके अंतर्गत स्कूली शिक्षा में किये गए बदलाव

National education policy (नई शिक्षा नीति )में कई बदलाव किये गए हैं –

  • अब तक भारत में स्कूली व्यवस्था को 10+2 के फॉर्मेट से चलाया जा रहा था जिसे अब इसे 5+3+3+4 के फॉर्मेट में बदला गया है।
  • 5+3+3+4 के फॉर्मेट के तहत स्कूल के पहले 5 वर्षों की पढाई को Foundation Stage मानी जाएगी। इस स्टेज में छात्रों के लिए मजबूत नींव को तैयार क्या जायेगा।
  • 5+3+3+4 फॉर्मेट के पहले 5 वर्षों यानी Foundation Stage में प्री प्राइमरी के 3 साल और कक्षा पहली (class 1st) और दूसरी कक्षा (class 2nd) के 2 साल को शामिल किया गया है।
  • Foundation Stage के बच्चों के लिए खेलकूद और अन्य गतिविधियों की पढाई कराई जाएगी उन्हें अब ज्यादा किताबों का बूझ नहीं दिया जायेगा।
  • Foundation Stage के पूरा होने के बाद यानी 5 साल के बाद (प्री प्राइमरी के 3 साल +कक्षा पहली (class 1st) दूसरी कक्षा में पास होने के बाद ) अगले 3 साल को प्रिप्रेटरी स्टेज (Preparatory-stage) में रखा गया है।
  • कक्षा 3 से 5 वीं कक्षा को प्रिप्रेटरी स्टेज (Preparatory-stage) में रखा गया है जिसमे छात्रों को विज्ञान ,गणित ,कला ,सामाजिक विज्ञान जैसे विषय पढ़ाये जायेंगे साथ ही साथ उनकी उनकी भाषा से सम्बन्धित विकास पर भी जोर दिया जायेगा।
  • प्रिप्रेटरी स्टेज (Preparatory-stage) को पूरा करने के बाद अगले 3 साल को मिडिल स्टेज (Middle-stage) में रखा गया है जिसमे कक्षा 6 से 8 वीं तक के छात्रों को रखा गया है इसमें छात्रों को इन 3 वर्षों में तय पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा दी जाएगी।
  • मिडिल स्टेज (Middle-stage) यानि की कक्षा 6 से 8 वीं की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद अगले 4 साल (कक्षा 9 से 12 ) को सेकेंडरी स्टेज (Secondary-stage) में रखा गया है। इसे लास्ट स्टेज भी कहा जाता है। जिसमे छात्रों की विश्लेषण क्षमता को बढ़ाया जायेगा। साथ ही इस स्टेज में आने वाले सभी छात्रों को अपनी सुविधा अनुसार स्ट्रीम को चुनने का मौका दिया जायेगा। छात्र अब नयी शिक्षा नीति के अनुसार अपनी पसंद की स्ट्रीम जैसे साइंस ,आर्ट्स ,कॉमर्स को चुन सकते हैं। जिसमे वह विज्ञान के साथ कला या वाणिज्य विज्ञान का चयन कर सकेंगे। अब आर्ट का छात्र विज्ञान की पढ़ाई ,या विज्ञान का छात्र आर्ट्स की भी कर सकेगा।

क्या है 5+3+3+4 पैटर्न (New Education Policy)

स्कूली शिक्षा के लिए नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत 10+2 सिस्टम को बदलकर 5+3+3+4 पैटर्न को लागू किया गया है यानि कुल 15 सालों को इस प्रकार से बांटा गया है –

क्रम संख्याकुल स्टेजशिक्षा /क्लास का 5+3+3+4 पैटर्न
1फाउंडेशन स्टेज (Foundational stage)
(इसमें 3 से 8 वर्ष के बच्चे शामिल )
कुल 5 साल की शिक्षा (3 साल प्री प्राइमरी स्कूल +2 साल कक्षा 1 और 2 को जोड़कर )
2प्रिप्रेटरी स्टेज (Preparatory-stage)
(इसमें 8 से 11 वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया है )
कुल 3 साल की शिक्षा (कक्षा 3 से 5 )
3मिडिल स्टेज (Middle-stage) (माध्यमिक शिक्षा)कुल 3 साल की शिक्षा (कक्षा 6 से 8 )
4सेकेंडरी स्टेज (Secondary-stage)कुल 4 साल (कक्षा 9 से 12 )
कुल स्टेज = 4 कुल स्कूली शिक्षा का साल =15
New Education Policy

एनईपी (नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति)से कॉलेज एड्मिशन होगा आसान

NEP (New Education Policy) में उच्च शिक्षा यानि की कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए शिक्षा नीति में कई बदलाव किये गया है।

  1. उच्च शिक्षा हेतु दे सकेंगे CAT-अब देश के छात्र किसी भी कॉलेज में अपने एडमिशन के लिए CAT (Common Aptitude Test) दे पाएंगे। ऐसे छात्र जिनके 12 वीं कक्षा में अच्छे नंबर नही आये और उन्हें किसी कॉलेज में कटऑफ पर्सेंटेज के आधार पर किसी एडमिशन नहीं मिल पा रहा है तो ऐसे छात्र इस नयी शिक्षा के अंतर्गत अब अपनी उच्च शिक्षा के लिए Common Aptitude Test दे सकेंगे। इसमें आपके बोर्ड परीक्षाओं के नंबर और आपके Common Aptitude Test को एक साथ जोड़ दिया जायेगा और इस आधार पर आप अपने मनपसंद कॉलेज में अपना एड्मिशन करा सकेंगे।
  2. उच्च शिक्षा को 3 और 4 वर्षों में बांटा जायेगा -पहले अगर आप कॉलेज की पढ़ाई को बीच में छोड़ देते थे तो आपको इसके लिए कोई डिग्री नहीं दी जाती थी। लेकिन नयी शिक्षा नीति में आपको पहले, दूसरे या तीसरे वर्ष कॉलेज से ड्रॉपआउट करने पर सर्टिफिकेट,डिप्लोमा ,डिग्री मिलेगा –
    1. यदि आप अपनी Graduation की पढ़ाई को 1 साल पूरा करने के बाद छोड़ देते हैं तो आपको इसके लिए सर्टिफिकेट दिया जायेगा
    2. वही अगर आप अपनी Graduation की पढ़ाई को 2 साल पूरा करने के बाद छोड़ देते हैं तो आपको इसके लिए डिप्लोमा दिया जायेगा।
    3. Graduation की पढ़ाई को 3 साल पूरा करने के बाद छोड़ देते हैं तो आपको इसके लिए डिग्री दी जाएगी।
    4. यदि आप 4 साल का कोर्स करके डिग्री लेना चाहते हैं तो आपको इसके लिए रिसर्च के सर्टिफिकेट के साथ बैचलर डिग्री मिलेगी। जिसके बाद छात्र पीएचडी में एड्मिशन ले सकेंगे।
  3. मल्टी एंट्री मल्टी एग्जिट व्यवस्था -से कॉलेज के छात्र 4 वर्ष के इस कोर्स में अलग अलग विषय की पढाई एक साथ कर सकेंगे। छात्र जिस अपनी पढाई को कभी भी कर सकते हैं और इस पढ़ाई को जब चाहें छोड़ सकते हैं।
  4. एकेडमिक क्रेडिट ऑफ़ बैंक बनाया जायेगा -यदि आप एक से ज़्यादज्यादा कोर्स एक साथ कर सकेंगे। और जिस कोर्स को आप जहाँ तक पूरा करेंगे उसके अंक इस क्रेडिट बैंक में जमा हो जायेंगे और इसके बाद जब आप फाइनल डिग्री के लिए कोई कोर्स करते हैं तो इस क्रेडिट को इसके साथ में जोड़ दिया जायेगा। यह पूरी व्यवस्था डिजिटल होगी।
New Education Policy PDF (NEP) नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020
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New Education Policy 2020 Target

  • फाउंडेशन स्टेज यानि प्राइमरी स्कूल के स्तर पर वर्ष 2025 तक 100 प्रतिशत साक्षरता लाना है।
  • हर स्कूल में PTR (Pupil teacher ratio) स्टूडेंट टीचर रेश्यो को 30 :1 करने का टारगेट
  • दीक्षा पोर्टल जो कि शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए लांच किया गया उसमे हाई क्वालिटी रेसोर्र्स को जोड़ना है।

यह होगा ‘नई शिक्षा नीति’ का फायदा

  • National education policy के तहत शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा।
  • अब छात्रों को शिक्षा के प्रति रूचि होगी। क्यूंकि अब 10+2 के फॉर्मेट को खत्म कर दिया गया है।
  • अब छात्रों को 5+3+3+4 फॉर्मेट के माध्यम से स्कूली सीखा दी जाएगी।
  • छोटे बच्चों के लिए स्कूल में फाउंडेशन स्टेज में पहले 3 साल बच्चों को खेल-कूद की गतिविधियां कराई जाएँगी।
  • Foundation Stage और प्रिप्रेटरी स्टेज (Preparatory-stage) यानि कि छात्रों को कक्षा पांचवी तक की पढ़ाई मातृभाषा में कराई जाएगी।
  • अंग्रेजी में पढ़ाई की अन्वार्यता नहीं रहेगी। बच्चे अपनी राष्ट्रभाषा या लोकल भाषा में पढ़ाई कर सकेंगे। अंग्रेजी अब एक विषय के तौर पर बच्चों को पढ़ाई जाएगी ।
  • छठी कक्षा में पहुंचने के बाद छात्रों को Computer Coding सिखने का मौका दिया जायेगा। साथ ही छात्रों को कक्षा 6 से इंटर्नशिप के लिए भी मौका दिया जायेगा।
  • छात्रों को किसी खास विषय में रूचि होने पर उस विषय की प्रेक्टिकल ट्रेंनिग दी जाएगी।
  • कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाओं की परीक्षाएं सेमेस्टर सिस्टम पर आधारित होंगी। एक साल में 2 सेमेस्टर होंगे और हर छः महीने में एक परीक्षा होगी और 2 सेमेस्टर के अंकों को जुड़कर फाइनल मार्कशीट तैयार की जाएगी।
  • जहाँ पहले 10 वीं मियाउ आप अपने सब्जेक्ट चुनते थे अब आप 9 वीं कक्षा से ही अपने रूचि अनुसार विषय चुन सकेंगे।
  • बोर्ड की परीक्षाओं को आसान बनाया जायेगा जिसमे छात्रों की क्षमता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।
  • बोर्ड परीक्षा के छात्रों को उनकी पसंद की भाषा में परीक्षा लिखने की छूट दी जाएगी।
  • इन नई शिक्षा नीति में छात्रों के रिपोर्ट कार्ड को 360 डिग्री assessment के आधार पर तैयार किया जायेगा।
  • कॉलेज एडमिशन आसान होगा छात्रों को किसी कॉलेज में एडमिशन के लिए Common Aptitude Test को दे सकेंगे।
  • ग्रैजुएशन की डिग्री के लिए अब आपको परेशान होनी की जरुरत नहीं होगी National education policy 2020 के तहत यदि आप अपनी स्नातक की पढ़ाई को एक साल के बाद छोड़ देते हैं तो आपको Certificate मिलेगा यह आपका Certificate course माना जायेगा।
  • यदि आप Graduation की पढ़ाई को 2nd ईयर पास करने के बाद छोड़ते हैं तो आपको इसके लिए डिप्लॉमा दिया जायेगा। इसी तरह 3 साल की पढ़ाई करने पर bachelor degree मिलेगी।
  • Multi Entry और Multi Exit वाली व्यवस्था का फायदा छात्रों को मिलेगा।
  • एक से ज्यादा कोर्स को एक साथ कर सकेंगे।

Important Links Of National education policy PDF

Education Policy PDF (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968)पीडीएफ फाइल
Education Policy PDF (राष्ट्रीय शिक्षा नीति-1986)पीडीएफ फाइल
New Education Policy PDF (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020)पीडीएफ फाइल
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति से सम्बन्धित प्रश्नोतर /FAQs

राष्ट्रीय शि(New Education Policy) का शुभारम्भ कब किया गया ?

New Education Policy का शुभारम्भ 29 जुलाई 2022 को किया गया।

National education policy क्या है ?

New Education Policy शिक्षा के लिए सरकार द्वारा अब तक 3 पालिसी त्यार की गयी हैं। शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन और शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए लागु की जाती है।

2020 की शिक्षा नीति देश की कौनसी शिक्षा नीति है ?

यह देश की तीसरी शिक्षा नीति है?

नयी शिक्षा नीति(New Education Policy) क्या है ?

New Education Policy मोदी जी द्वारा नयी शिक्षा नीति 2020 का शुभारम्भ किया था। यह नीति देश में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में बदलाव के लिए लायी गयी है।

दूसरी एजुकेशन पॉलिसी को किस वर्ष लाया गया था ?

1986 में दूसरी शिक्षा नीति को लाया गया।

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