भारतीय संविधान के सभी 12 अनुसूचियां | Schedules of Indian Constitution | Sabhi Anusuchiya

भारतीय संविधान के निर्माण के समय देश की लोकतान्त्रिक राज व्यवस्था को चलाने के लिए इसमें कुछ अनुसूचियों को जोड़ा गया जिससे लोकतान्त्रिक व्यवस्था आसानी से चल सके। संविधान के निर्माण के समय इसमें केवल 8 अनुसूचियाँ थी लेकिन वर्तमान में संविधान में 12 अनुसूचियाँ हैं।

भारतीय संविधान ने देश की जनता को बहुत से अधिकार प्रदान किये हैं, जिनका विवरण हमे संविधान के अनेक अनुच्छेदों में देखने के लिए मिलता है। संविधान के निर्माताओं ने देश लोकतान्त्रिक राज व्यवस्था को चलाने के लिए संविधान में अनुसूचियाँ को परिशिष्ट की तरह जोड़ा गया। संविधान बनने के समय पर अनुसूचियों की संख्या 8 हुआ करती थी लेकिन वर्तमान में कई संशोधन करने के पश्चात संविधान में अनुसूचियों की संख्या 12 है। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को मान्य होकर लागु हो गया था, भारतीय संविधान को बहुत से देशों के संविधान से मिलाकर बनाया गया है।

अगर आप भी भारतीय संविधान के सभी 12 अनुसूचियों (Schedules of Indian Constitution) के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा। आज हम आपको अपने आर्टिकल की मदद से आपको बताएंगे की भारतीय संविधान में कितने भाग है तथा कितने अनुच्छेद (Article) हैं, और साथ में संविधान की सभी अनुसूचियों के बारे में आज हम विस्तृत तरीके से बात करेंगे इसलिए हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

भारतीय संविधान के सभी 12 अनुसूचियां | Schedules of Indian Constitution | Sabhi Anusuchiya
भारतीय संविधान के सभी 12 अनुसूचियां | Schedules of Indian Constitution | Sabhi Anusuchiya
Contents hide

भारतीय संविधान की अनुसूचियां (schedules of indian constitution)

भारत का संविधान एक सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश का संविधान है, ये देश के संघीय संरचना का आधार है। कभी कभी संघीय राष्ट्र में ताकत एवं काम के क्षेत्र में प्रदेश सरकार एवं संघ की सरकार के बीच विवाद की संभावनाएं बनी रहती हैं, इस सभी मामलों से बचाव के लिए संविधान निर्मताओं ने संघ एवं प्रदेश की सरकारों के कार्य के क्षेत्रों और उनके अधिकारों को लेकर सूचि बनाई गयी है, इन सूचियों को भारतीय संविधान में “अनुसूची” कहते हैं। वर्तमान में भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियाँ हैं।

इसे भी देखें :- भारत के 28 राज्य और उनकी राजधानी

भारतीय संविधान के भाग एवं अनुच्छेद (Article)

भारतीय संविधान को 22 भागों में विभजित किया गया है तथा इसमे 395 अनुच्छेद हैं और 12 अनुसूचियाँ हैं।

भागविषयअनुच्छेद
भाग 1संघ और उसके क्षेत्रअनुच्छेद 1-4
भाग 2नागरिकताअनुच्छेद 5-11
भाग 3मूलभूत अधिकारअनुच्छेद 12 – 35
भाग 4राज्य के नीति निदेशक तत्त्वअनुच्छेद 36 – 51
भाग 4Aमूल कर्तव्यअनुच्छेद 51A
भाग 5संघअनुच्छेद 52-151
भाग 6राज्यअनुच्छेद 152 -237
भाग 7संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसितअनु़चछेद 238
भाग 8संघ राज्य क्षेत्रअनुच्छेद 239-242
भाग 9पंचायतअनुच्छेद 243- 243O
भाग 9Aनगरपालिकाएँअनुच्छेद 243P – 243ZG
भाग 10अनुसूचित और जनजाति क्षेत्रअनुच्छेद 244 – 244A
भाग 11संघ और राज्यों के बीच सम्बन्धअनुच्छेद 245 – 263
भाग 12वित्त, सम्पत्ति, संविदाएँ और वादअनुच्छेद 264 -300A
भाग 13भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागमअनुच्छेद 301 – 307
भाग 14संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँअनुच्छेद 308 -323
भाग 14Aअधिकरणअनुच्छेद 323A – 323B
भाग 15निर्वाचनअनुच्छेद 324 -329A
भाग 16कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबन्ध सम्बन्धअनुच्छेद 330- 342
भाग 17राजभाषाअनुच्छेद 343- 351
भाग 18आपात उपबन्धअनुच्छेद 352 – 360
भाग 19प्रकीर्णअनुच्छेद 361 -367
भाग 20संविधान के संशोधनअनुच्छेद 368
भाग 21अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्धअनुच्छेद 369 – 392
भाग 22संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसनअनुच्छेद 393 – 395
Parts and Articles of the Indian Constitution

भारतीय संविधान की अनुसूचियों का संक्षिप्त विवरण

अनुसूचियाँअनुसूचियों से संबंधित विवरण अनुच्छेद
पहली अनुसूचीसंघ तथा राज्य के क्षेत्रों का वर्णनअनुच्छेद -1
अनुच्छेद -4
दूसरी अनुसूचीमुख्य अधिकारियों के भत्ते तथा वेतन
भाग (क) – राज्यपाल तथा राष्ट्रपति के वेतन भत्ते
भाग (ख) – लोकसभा तथा विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन भत्ते
राज्यसभा तथा विधान परिषद् के सभापति और उपसभापति के वेतन भत्ते
भाग (ग) – उच्चतम न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन भत्ते
भाग (घ) – भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक के वेतन भत्ते
अनुच्छेद -59(3)
अनुच्छेद -65(3)
अनुच्छेद -75(6)
अनुच्छेद -97
अनुच्छेद -125
अनुच्छेद -148(3)
अनुच्छेद -158(3)
अनुच्छेद -164(5)
अनुच्छेद -186
अनुच्छेद -221
तीसरी अनुसूचीभारतीय संविधान की तीसरी अनुसूची में महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर कार्यभार एवं शपथ के
बारे में बताया गया है।
जैसे की:- राष्ट्रपति,
उपराष्ट्रपति,
न्यायाधीशों,
विधायिका के सदस्य,
केंद्रीय मंत्री
अनुच्छेद -75(4)
अनुच्छेद -99
अनुच्छेद -124(6)
अनुच्छेद -148(2)
अनुच्छेद -164(3)
अनुच्छेद -188
अनुच्छेद -219
चौथी अनुसूचीराज्यों तथा संघो क्षेत्रों से राज्यसभा में स्थानों का आवंटनअनुच्छेद -4(1)
अनुच्छेद -80(2)
पांचवी अनुसूचीअनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के प्रशाशन और नियंत्रण से
संबंधित प्रावधान
अनुच्छेद -244(1)
छठवीं अनुसूचीमेघालय, त्रिपुरा, असम और मिजोरम जैसे राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशाशन के
विषय में प्रावधान
अनुच्छेद -244(2)
अनुच्छेद -275(1)
सातवीं अनुसूचीसंघ और राज्यों के बीच शक्ति वितरण से संबंधित सूची-1 संघ सूची,
सूची-2 राज्य सूची,
सूची-3 समवर्ती सूची।
अनुच्छेद -246
आठवीं अनुसूची22 भाषाओँ का उल्लेख अनुच्छेद -344(1)
अनुच्छेद -351
नवीं अनुसूचीकुछ भूमि सुधार संबंधी अधिनियमों का विधिमान्यकरणअनुच्छेद -31 ख
दसवीं अनुसूचीदल परिवर्तन संबंधी उपबंधअनुच्छेद -102(2)
अनुच्छेद -191(2)
ग्यारहवीं अनुसूचीपंचायती राज तथा जिला पंचायत से सम्बन्धित मामले अनुच्छेद 243 G
बारहवीं अनुसूचीइस अनुसूची में नगरपालिका का वर्णन किया गया है आर्टिकल 243-W
Brief Description of the Schedules of the Indian Constitution

भारतीय संविधान के सभी 12 अनुसूचियाँ

वर्तमान में भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियाँ हैं जिनमे राष्ट्र से संबंधित सभी जानकारी हैं। आप संविधान की सम्पूर्ण जानकारी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (यहाँ क्लिक करें) पर जाकर भी प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय संविधान में नवी अनुसूची को वर्ष 1951, दसवीं अनुसूची को 1985 को, ग्यारहवीं अनुसूची को 73 वे संविधान संशोधन 1992 में और बारहवीं अनुसूची को 74 वे संविधान संशोधन 1992 में सम्मलित किया गया था। सभी 12 अनुसूचियों का विस्तृत वर्णन नीचे दिया गया है।

पहली अनुसूची

संविधान में पहली अनुसूची के तहत हमारे देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का उल्लेख किया गया है। भारतीय संविधान के मूल स्वरूप की पहली अनुसूची में देश के 28 राज्यों एवं 8 केंद्र शासित प्रदेशो का उल्लेख मिलता है ततपश्चात संविधान में 69 वां संशोधन कर दिल्ली को राष्ट्रिय राजधानी क्षेत्र का दर्जा मिला।

दूसरी अनुसूची

संविधान की दूसरी अनुसूची में देश के संवैधानिक पदाधिकारियों जैसे :-राज्यपाल, राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति एवं उपसभापति, विधानसभा अध्यक्ष, उच्च न्यायालय एवं सर्वोच न्यायालय के न्यायाधीश, CAG आदि के कर्तव्य, वेतन, भत्ते, अधिकार, आदि के बारे में जानकारीयों का विवरण दिया गया है।

तीसरी अनुसूची

संविधान की तीसरी अनुसूची में सभी संवैधानिक पदाधिकारियों, केंद्रीय मंत्रियों, राष्ट्रपति, इत्यादि पदों को ग्रहण करने वाली शपथ का वर्णन करती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं की भारतीय संविधान की तीसरी अनुसूची पदाधिकारियों की शपथ से जुडी हुई है। भारतीय संविधान में तीसरी अनुसूची से जुड़े हुए अनुच्छेद -75(4), 99, 124(6), 148(2), 164(3), 188, 219 हैं।

चौथी अनुसूची

संविधान की चौथी अनुसूची राज्यसभा की अलग-अलग प्रदेशों की सीटों को निर्धारित करती है। चुनाव के बाद सीटें किस प्रकार से निर्धारित होंगी यह सब संविधान की चौथी अनुसूची के अंतर्गत बताया गया है। संविधान में चौथी अनुसूची से संबंधित अनुच्छेद -4(1)
और अनुच्छेद -80(2) हैं।

पांचवी अनुसूची

संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत देश के अलग अलग क्षेत्रों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति में प्रशाशन तथा नियंत्रण के विषय में वर्णन मिलता है। संविधान में पांचवी अनुसूची से संबंधित अनुच्छेद -244(1) है।

भारतीय संविधान की पांचवी अनुसूची
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति

छठवीं अनुसूची

भारतीय संविधान की इस अनुसूची में असम, मेघालय, मिजोरम तथा त्रिपुरा में स्तिथ जनजातियों के प्रशासन के प्रावधान का वर्णन देती हैं। इस अनुसूची में उत्तर पूर्वी राज्यों के प्रशासनिक अधिकारों के बारे में भी बताया गया है। भारतीय संविधान में छठी अनुसूची से संबंधित अनुच्छेद -244(2) और अनुच्छेद -275(1) है।

सातवीं अनुसूची

संविधान में यह अनुसूची अलग अलग राज्यों तथा केंद्र के बीच में शक्तियों के विभाजन का वर्णन देती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस अनुसूची में तीन सूचीयों को स्थान मिला है। 1:- संघ सूची, 2:- राज्य सूची, 3:- समवर्ती सूची।

1 संघ सूची

संघ सूची में केंद्र सरकार को कानून बनाने का अधिकार के बारे में बताया गया है। इस सूची के अनुसार किसी भी कानून को पारित अथवा लागू करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास होगा। सबसे पहले संविधान में 97 विषय रखे गए थे लेकिन बाद में संविधान में संशोधन कर 100 विषयों को जोड़ा गया।

2 राज्य सूची

राज्य सूची के तहत राज्य को कानून बनाने का अधिकार तथा विधानमंडल के गठन के विषय में बताया गया है। देश में आपातकाल के समय में राज्य की विधानसभा को भंग करके 6 महीने का आपातकाल लगाया जा सकता है। संविधान के लागु होने के समय इसमें 66 विषय शामिल थे लेकिन वर्तमान में 61 विषय ही शामिल हैं।

3 समवर्ती सूची

इस सूची के तहत देश में राज्य तथा संघ दोनों के पास यह अधिकार है की वह सूची के तहत उल्लेखित विषयों पर कानून बना सकती हैं। संविधान के बनने के समय समवर्ती सूची में केवल 47 विषयों को रखा गया था लेकिन वर्तमान में संशोधन कर 52 विषय हैं।

आठवीं अनुसूची

संविधान में आठवीं अनुसूची में भारत की मान्यता प्राप्त भाषाओं का वर्णन मिलता है। वर्तमान में आठवीं अनुसूची के तहत 22 भाषाएं हैं। आपको बता दें की संविधान के लागू होते समय इस अनुसूची में केवल 14 भाषाओं को जोड़ा गया था लेकिन बाद में इसमें 8 और भाषाओं को जोड़ा गया।

नवीं अनुसूची

संविधान की नवीं सूची में संपत्ति के उत्तराधिकारी, सम्पति के अधिग्रहण इत्यादि के बारे में बताया गया है। नौवीं अनुसूची में शामिल विषयों को किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है।

दसवीं अनुसूची

संविधान की दसवीं अनुसूची में राजनितिक दलों के बारे में बताया गया है, इस अनुसूची के तहत नेताओं के द्वारा राजनितिक दलों को बदले जाने से रोकने के लिए कानून बनाये गए हैं।

ग्यारहवीं अनुसूची

भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में 73 वें संविधान संशोधन के तहत पंचायती राज का उल्लेख मिलता है। 11 वीं अनुसूची में पंचायती व्यवस्था के 29 विषयों को शामिल किया गया है।

बारहवीं अनुसूची

भारतीय संविधान की बारहवीं अनुसूची में 74 वें संशोधन करने के बाद शहरी क्षेत्र और स्थानीय नगर पालिकाओं के संबंध में बताया गया है।

भारतीय संविधान के सभी अनुसूचियों के अंतर्गत कुछ प्रश्न एवं उत्तर

संविधान में सर्वप्रथम कितनी अनुसूचियाँ थी ?

मूल स्वरूप संविधान में 8 अनुसूचियाँ थी।

भारतीय संविधान में कितने भाग एवं अनुच्छेद हैं ?

भारतीय संविधान को 22 भागों में विभजित किया गया है तथा इसमे 395 अनुच्छेद हैं।

भारतीय संविधान कब लागू हुआ ?

भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।

भारतीय संविधान में नवीं अनुसूची का अर्थ क्या है ?

संविधान की नवीं सूची में संपत्ति के उत्तराधिकारी, सम्पति के अधिग्रहण इत्यादि के बारे में बताया गया है। नौवीं अनुसूची में शामिल विषयों को किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join Telegram