Hindi Patra Lekhan Format: हिंदी पत्र लेखन, प्रकार, उदाहरण

आज के इस लेख में हम बात करेंगे Hindi Patra Lekhan (हिंदी पत्र लेखन) के विषय में। हम अपने मित्रों, सम्बन्धियों या दूर रहने वाले लोगों तक सूचना भाव पत्र या चिट्ठी के माध्यम से भेजते है। हालांकि पत्र में स्वाभाविकता होनी चाहिए। वैसे तो छोटी-मोटी बाते तो टेलीफोन या मोबाइल फोन पर भी की जा सकती है। इसीलिए कहा जा सकता है आज के समय में भी पत्र का अत्यधिक महत्व है। इस लेख में हम आपको बताएंगे हिंदी पत्र लेखन कितने प्रकार के होते है ?

Hindi Patra Lekhan Format: हिंदी पत्र लेखन, प्रकार, उदाहरण
Hindi Patra Lekhan Format: हिंदी पत्र लेखन, प्रकार, उदाहरण

पत्र लेखन फॉर्मट कैसे होता है ? हम आपको हिंदी पत्र लेखन उदाहरण सहित समझाएंगे। इन सभी के विषय में हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। Patra Lekhan Format से जुडी अधिक जानकारी के लिए इस लेख में दी गई समस्त जानकारियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें –

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Hindi Patra Lekhan Format

पत्र लेखन का वास्तविक अर्थ है कागज़ के माध्यम से अपने विचारो का आदान-प्रदान करना। प्राचीन काल में Patra Lekhan को कला माना जाता था। औपचारिक और अनौपचारिक दोनों प्रकार के पत्र आज भी लिखे जाते है। बहुत से लोग ऐसे है जो आज भी पत्र के माध्यम से ही अपने रिश्तेदारों व मित्रों की जानकारी लेते है और अपनी जानकारी देते है। इसी प्रकार सरकारी कार्यों, व्यावसायिक कार्यों और स्कूल संबंधी कार्यों के लिए भी कागज के पत्रों के माध्यम से आचार-विचार किया जाता है।

सामान्यतः पत्र दो प्रकार के होते है – औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र। औपचारिक पत्र की भाषा सरल होती है और अनौपचारिक पत्र की भाषा में भावात्मक होती है। दोनों प्रकार के पत्रों के अपने-अपने महत्व है। औपचारिक पत्र निर्धारित प्रारूप में लिखे जाते है।

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हिंदी पत्र लेखन के लिए आवश्यक जानकारी

यहाँ हम आपको हिंदी पत्र लेखन (Patra Lekhan Format) से सम्बंधित कुछ विशेष जानकारी देने जा रहें है। हिंदी में पत्र लिखने के लिए आपको सबसे पहले क्या लिखना होगा इसके विषय में आप नीचे दी गई सारणी के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते है। इस सारणी में औपचारिक था अनौपचारिक दोनों प्रकार के Hindi Patra Lekhan से जुडी जानकारी दी गई है। ये सारणी निम्न प्रकार है –

क्रम संख्या पत्र के भाग औपचारिक पत्र अनौपचारिक पत्र
1प्रेषक (भेजने वाले का पता)बाई तरफ सबसे ऊपरदाई तरफ सबसे ऊपर
2तिथिप्रेषक के पते के नीचेप्रेषक के पते के नीचे
3जिसे पत्र भेजा जा रहा हाँ, उसका नाम/पता या पद, विभाग एवं पतालिफाफे के ऊपर नाम व पतातिथि के नीचे सेवा में, पद, विभाग एवं पता
4विषय कम शब्दों मेंनहीं लिखा जातापाने वाले के पते के बाद
5सम्बोधनआदरणीय, प्रिय आदिमहोदय, माननीय आदि
6अभिवादनप्रमाण, स्नेह, नमस्ते, आदिनहीं लिखा जाता
7पत्र का मुख्य भागदो, तीन या चार कितने भी अनुच्छेद हो सकते हैदो अनुच्छेदों में लिखें
8मुख्य भाग की समाप्तिशेष, कुशल, उत्तर की प्रतीक्षा में, आदिधन्यवाद, सधन्यवाद, धन्यवाद सहित
9हस्ताक्षर से पहले की शब्दावलीआपका, तुम्हारा स्नेह-अभिलाषी, आदिभवदी, प्रार्थी, विनीत
10हस्ताक्षर तथा दूरभाषहस्ताक्षर नहीं करने हैंहस्ताक्षर करें

पत्र लिखने में प्रशस्ति, अभिवादन तथा समाप्ति पत्र के प्रकार

यहाँ हम आपको Hindi Patra Lekhan लिखने के लिए संबंधों के लिए उपयोग किये जाने वाले सम्बोधन, अभिवादन और समाप्ति के विषय में बताने जा रहें है। नीचे दी गयी सारणी के माध्यम से आप समझ सकते है किस संबंध के व्यक्ति के लिए कौन से सम्बोधन और अभिवादन का उपयोग किया जाना चाहिए। जानिये नीचे दी गई सारणी के माध्यम से –

पत्रों के प्रकार संबंधसम्बोधनअभिवादन/समाप्ति
निजी पत्रबड़े पुरुषों कोपूज्य पिताजी/फूफाजी/ताऊजी/मौसाजी ताजी/चाचाजी/मामाजीसादर प्रणाम/ आपका/आपकी आज्ञाकारी
छोटों कोप्रिय भाई/प्रिय राजेश, प्रिय बहिन या प्रिय रोशनीप्रसन्न रहो/ शुभचिंतक
बड़ी स्त्रियों कोपूज्य माताजी// फूफीजी/ताईजी/चाचीजी/ मामीजी/मौसीजीसादर प्रणाम/ आपका/आपकी आज्ञाकारी
बराबर वाली स्त्रियोंप्रिय सखी/प्रिय बहिननमस्ते/ नमस्कार/ आपकी सखी/ आपकी बहिन
बराबर वाले पुरुषोंप्रिय मित्र/प्रिय भाईनमस्ते/ नमस्कार/ आपका मित्र/ आपका भाई
प्रार्थना पत्रमुख्याध्यापक को मुख्याध्यापिका कोसेवा में /श्रीमान मुख्याध्यापक जी सेवा में/श्रीमति मुख्याध्यापिका जीनमस्ते/ नमस्कार/ आपका/आपकी आज्ञाकारी
व्यावसायिक पत्रपुस्तक-विक्रेता कोसेवा में व्यवस्थापक महोदय, महोदय/प्रिय महोदयनमस्कार/ भवदीय
निमंत्रण-पत्रमित्रो, रिश्तेदारों कोश्रीमान् ……. जी, श्रीमति ……. जीभवदीय आपका/आपकी

पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बाते

यदि आप भी Hindi Patra Lekhan लिखने वाले है तो सबसे पहले इन विशेष बातों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और पत्र लिखते समय इन सभी बातों को पालन करें। जानिये आपको पत्र लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना है –

  • पत्र में पत्र लिखने वाले का पूरा पत्र और दिनांक को निर्धारित स्थान पर लिखा जाना चाहिए।
  • पत्र की भाषा सरल होनी चाहिए और वाक्य छोटे होने चाहिए ताकि किसी भी व्यक्ति को पत्र पढ़ने में कोई कठिनाई न हो।
  • पत्र लिखते समय ध्यान रखें कि अपनी बात संक्षेप में समाप्त कर दें।
  • जिस व्यक्ति के लिए पत्र लिखा जा रहा है, उस व्यक्ति के लिए उचित सम्बोधन का उपयोग किया जाना चाहिए जैसे – पूज्य, आदरणीय, माननीय, महोदय आदि।
  • पत्र के अंत में लिखने वाले के अनुसार शब्दावली का उपयोग किया जाना चाहिए।
  • लिफ़ाफ़े या पोस्टकार्ड पर पत्र लिखने वाले का पूरा नाम और पता सही से लिखा जाना चाहिए।

पत्र लेखन के प्रकार (Patra Kitne Prakar ke Hote Hain)

हिंदी पत्र लेखन (Hindi Patra Lekhan) दो प्रकार के होते है। जिनके बारे में हम आपको नीचे दी गई जानकारी के माध्यम से बताने जा रहें है। पत्र लेखन निम्न प्रकार के होते है –

औपचारिक पत्र (Formal Letter)

सरकारी, अर्द्ध सरकारी अधिकारियों, कार्यालयों, संस्थानों और दुकानदारों आदि को लिखे जाने वाले पत्र औपचारिक पत्र कहलाते है। इन पत्रों को पेशेवर भाषा में लिखा जाता है। जानकारी के लिए बता दें औपचारिक पत्र भी तीन प्रकार के होते है। जैसे की निम्न जानकारी में बताया गया है –

  1. प्रार्थना पत्र
  2. कार्यालयी पत्र
  3. व्यावसायिक पत्र

अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

मित्रों, परिवार के सदस्यों और किसी परिचित व्यक्ति को लिखे जाने वाले पत्र अनौपचारिक पत्र कहलाते है। अनौपचारिक शब्द से आशय है – किसी प्रकार की औपचारिकता न हो अर्थात कुछ भी कहने के लिए हमें पत्र लिखने के लिए किसी प्रकार की अनुमति न लेनी पड़े या किसी प्रकार के आभार व्यक्त सम्बंधित शब्दों का प्रयोग न करना पड़ें।

इस प्रकार के पत्र लिखने वाले और पत्र प्राप्त करने वाले व्यक्ति के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध होते है इसके किसी प्रकार की औपचारिकता की आवश्यकता नहीं होती है। नीचे दिए गए चित्र के माध्यम से हम आपको पत्रों के प्रकार के विषय में समझाने जा रहें है। जानने के लिए दिया गया चित्र देखें –

Hindi Patr Lekhan Ke Prkaar

औपचारिक पत्र का प्रारूप (Formal letter writing format)

यदि आप सरकारी, व्यावसायिक, कार्यालयी या प्रार्थना पत्र लिखना चाहते है लेकिन आपको ऐसे पत्र लिखने का सही तरीका मालूम नहीं है तो यहाँ हम आपको ऐसे पत्र लिखने का सही प्रारूप बताने जा रहें है। ऐसे पत्रों को औपचारिक पत्र के नाम से जाना जाता है। हमारे द्वारा दिए गए प्रारूप के अनुसार आप पत्र लिख सकते है। ये प्रारूप निम्न प्रकार है –

इसे भी देखें >>>> फीचर लेखन किसे कहते हैं

औपचारिक पत्र का प्रारूप

1. प्रेषक का पता: पत्र लिखने वाले का पूरा पता, जिसमें पिन कोड भी शामिल हो।

2. तारीख: पत्र लिखने की तारीख।

3. प्राप्तकर्ता का पता: जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है, उसका पूरा पता, जिसमें पिन कोड भी शामिल हो।

4. अभिवादन: प्राप्तकर्ता को संबोधित करने का औपचारिक तरीका, जैसे “माननीय महोदय/महोदया” या “प्रिय श्री/श्रीमती/कुमारी”।

5. विषय: पत्र लिखने का मुख्य उद्देश्य।

6. पत्र का मुख्य भाग: यह पत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें आपको अपनी बात स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से लिखनी चाहिए।

7. समापन: पत्र को समाप्त करने का औपचारिक तरीका, जैसे “भवदीय” या “आपका विश्वासपात्र”।

8. हस्ताक्षर:पत्र लिखने वाले का नाम और हस्ताक्षर।

9. उपाधि:

पत्र लिखने वाले का पद या योग्यता, जैसे “डॉक्टर” या “प्रोफेसर”।

10. संलग्नक: यदि पत्र के साथ कोई दस्तावेज या अन्य सामग्री भेजी जा रही है, तो उसकी सूची।

उदाहरण:

प्रेषक का पता:

123, मेन रोड,
नई दिल्ली - 110001

तारीख:

2024-01-16

प्राप्तकर्ता का पता

456, एबीसी रोड,
मुंबई - 400001

माननीय महोदय/महोदया,

विषय: नौकरी के लिए आवेदन

मैं आपके विज्ञापन में प्रकाशित नौकरी के लिए आवेदन करना चाहता हूं।

मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। मुझे प्रोग्रामिंग और वेब डेवलपमेंट में 2 साल का अनुभव है।

मैं एक मेहनती और समर्पित व्यक्ति हूं। मैं नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक हूं।

मेरा बायोडाटा और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज इस पत्र के साथ संलग्न हैं।

आपके समय और विचार के लिए धन्यवाद।

भवदीय,

[नाम]

मोहन 

संलग्नक:

* बायोडाटा
* शैक्षिक प्रमाण पत्र
* अनुभव प्रमाण पत्र

औपचारिक पत्र का उदाहरण (Formal Letter Example)

उम्मीदवार ध्यान दें अगर आप औपचारिक पत्र का उदाहरण (Formal Letter Example) देखना चाहते है तो यहाँ हम आपको उदाहरण द्वारा समझाने जा रहें है की औपचारिक पत्र किस प्रकार के होते है। देखिये उदाहरण निम्न प्रकार है –

प्रार्थना पत्र – स्कूल में एडमिशन लेने के लिए प्रधानाचार्य जी को प्रार्थना पत्र

परीक्षा भवन,
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
एस.डी पब्लिक स्कूल
मुंबई- 400201
दिनांक- 23-07-2022

विषय – विद्यालय में प्रवेश लेने के लिए प्रार्थना पत्र

आदरणीय महोदय,
सादर विनम्र,

आपसे सविनय निवेदन है कि मेरे पिता जी जोकि जबलपुर भारतीय रेलवे में इंजीनियर के पद पर कार्य कर रहें है, उनका स्थानांतरण मुंबई में हो गया है। अब मैं और मेरा पूरा परिवार मुंबई में रह रहा है। इसी लिए मैं आपके विद्यालय एस.डी पब्लिक स्कूल में कक्षा 11 में प्रवेश लेना चाहती हूँ/चाहता हूँ।

महोदय, आपसे अनुरोध है मुझे अपने विद्यालय में प्रवेश लेने के लिए अनुमति प्रदान करें।

ध्यानवाद,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
नाम-सोनू कुमार

व्यावसायिक पत्र – कपड़ा व्यापारी को माल की पूछताछ के सम्बन्ध में पत्र

टेलीफोन : 748745 सदर बाजार
तार : व्यापारी रोहतक।
सन्दर्भ संख्या : 4567/14 दिनांक – 22-07-2022


सर्वश्री हरेश्चंद्र रामचंद्र,
कपड़े के आढ़तिया,
निकट बस अड्डा,
शिमला।

विषय – माल के सम्बन्ध में पूछताछ

प्रिय महोदय,
आपको यह जानका प्रसन्नता होगी कि हम रोहतक के मुख्य बाजार में कपड़े का फुटकर व्यापार पिछले 20 वर्षों से करते आ रहें है। अब हम इस व्यापार का और अधिक विस्तार करना चाहते है जिसमे हम आपके सहयोग की अपेक्षा करते है।

कृपया निम्न वस्तुओं की उपलब्धता, उनके न्यूनतम मूल्य, व्यापारिक शर्तें, डिलीवरी के समय व भुगतान पद्धति आदि के सम्बन्ध में लिखने का कष्ट करें।

  • फगवाड़ा पॉपलीन 10 थान
  • मारकीन कुतिया छाप 100 थान
  • नरकटिया धोती जोड़े 200 जोड़े
  • पॉपलीन डी.सी.एम 200 थान

पत्रोत्तर की परीक्षा में,

भवदीय
वास्ते ओमप्रकाश, प्रेमप्रकाश
ओमप्रकाश
साझेदार

कार्यालयी पत्र – कन्या की भ्रूण हत्या की समस्या के सम्बन्ध में पत्र

सेवा में,
सम्पादक जी,
हिन्दुस्तान टाइम्स
सेनापति

विषय-कन्या भ्रूण हत्या की समस्या

मान्यवर महोदय,

निवेदन यह है कि मैं अटेरना गांव का निवासी हूँ। मैं आपके सम्पादन या अखबार के माध्यम से आपके साथ-साथ जनता का ध्यान भ्रूण हत्या की और ले जाना चाहता हूँ। यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। आज के समय में हिन्दुस्तान का लिंग अनुपात बढ़ता ही जा रहा है। देखा जाए तो सबसे अधिक लिंग अनुपात सोनीपत जिले का है। मेडिकल के क्षेत्र में नई तकनीक आ जाने से लोग पहले से अजन्मे शिशु का लिंग गर्भ में ही जान लेते है। यदि महिला के गर्भ में कन्या होती है तो उसकी भूर्ण हत्या कर दी जाती है।

अतः आपसे नम्र निवेदन है कि आप इस समस्या की ओर ध्यान दें और जल्दी ही भ्रूण हत्या करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठायें। ताकि लिंग अनुपात कम हो सकें और लड़की की भ्रूण हत्या न की जाए।

सधन्यवाद,
भवदीय
रामकुमार
अटेरना

अनौपचारिक पत्र का प्रारूप (Informal Letter Format)

अगर आपको अपने किसी भी मित्र, सगे-सम्बन्धी या किसी घनिष्ठ करीबी व्यक्ति को किसी सम्बन्ध में पत्र लिखना और आपको पत्र लिखने का तरीका नहीं पता है तो यहाँ हम आपको ऐसे पत्र लिखने के लिए प्रारूप उपलब्ध करा रहें है। इस प्रकार से आप पत्र लिख सकते है। ऐसे पत्रों को अनौपचारिक पत्रों के नाम से जाना जाता है। देखिये अनौपचारिक पत्र (Informal Letter Format) का प्रारूप –

प्रेषक का पता
……………………….
……………………….
……………………….
दिनांक-……………………….
सम्बोधन ……………………….

अभिवादन ……………………….

पहला अनुच्छेद ………………………..

दूसरा अनुच्छेद ……………………… (विषय-वस्तु- जिस सम्बन्ध में पत्र लिखा जा रहा है)

तीसरा अनुच्छेद……………………….. समाप्ति………………………..

प्रापक के साथ प्रेषक का सम्बन्ध
प्रेषक का नाम

इसे भी देखें >>>> Slogan Writing (Nara lekhan) in Hindi Format

अनौपचारिक पत्र का उदाहरण (Informal Letter Examples)

उम्मीदवार ध्यान दें यहाँ हम आपको अपनी पढ़ाई के सम्बन्ध में अपने पिता जी को पढ़ाई की जानकारी देने हेतु पत्र कैसे लिखे यह एक उदाहरण के माध्यम से बताने जा रहें है। ऐसे पत्र अनौपचारिक पत्रों के अंतरत आते है और अनौपचारिक हिंदी पत्र लेखन उदाहरण (Informal Letter Examples) आप नीचे दिए गए गए पत्र को पढ़कर जान सकते है कि औपचारिक पत्र कैसे लिखा जा सकता है। अनौपचारिक पत्र का उदाहरण निम्न प्रकार है –

अपनी पढ़ाई के सम्बन्ध में पिता को जानकारी देने हेतु पिता को पत्र

खेड़ी करमू ,
दिल्ली रोड, शामली
शामली, 247776
दिनांक-24-07-2022

पूज्य पिताजी,
सादर चरणस्पर्श। मुझे आपका स्नेहपूर्ण पत्र प्राप्त हुआ। आपका पत्र पढ़कर मन खुश हो गया। माता जी के बेहतर स्वास्थ्य के बारे में जानकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। 30 जुलाई से 11 अगस्त तक कॉलेज में अवकाश रहने वाला है। काफी समय के बाद हम सभी फिर से एक साथ होंगे। इस बात को सोचकर ही मैं बहुत खुश हो जाती हूँ/जाता हूँ।

मेरी विश्वविद्यालय की परीक्षा की तैयारी भी अच्छी चल रही है। मैंने अपने सभी पेपर अच्छे से तैयार कर लिए है। पिछली टर्मिनल परीक्षा में दो अंक कम आने के कारण मैं कॉलिज टॉप करने से रह गई थी। परन्तु इस बार मैंने अपनी तैयारी बहुत ही ध्यान से और अच्छे से की है। एक और बात आपको बताना चाहूंगा/चाहूँगी पिताजी, इस पर मासिक परीक्षा में हमारे प्रिंसिपल ने मुझे डबल स्टार भी दिए थे और मेरी उत्तर-पुस्तिका में कहीं पर भी लाल निशान नहीं है। अतः आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। इस बार आपका बेटा/आपकी बेटी आप लोगो का और विश्वविद्यालय का नाम अवश्य रोशन करेगा/करेगी।

बाकी सब तो पहले के जैसा ही है हालांकि मेरी सहेली रानी/मेरे दोस्त राज की माता जी का स्वास्थ्य बिगड़ा हुआ है। वह तो अपनी माता जी के स्वास्थ्य को लेकर अब बहुत उदास रहने लगा है /लगी है। वैसे मैं उसे समझाने के साथ-साथ उसका ध्यान बहुत अच्छे से रख रही हूँ/रहा हूँ।

आपके और माता जी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए मैं इस पत्र की समाप्ति करता हूँ। प्रणाम !

आपका लाडला बेटा/आपकी लाड़ली बेटी
नाम – सोनू/सोनी

मित्र को ग्रीष्मकाल साथ बिताने के सम्बन्ध में पत्र

कमला नगर,
नई दिल्ली,
20 मई 2022,
सोनू,
प्रिय मित्र,

आज तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। यह जानकर प्रसन्नता हुई इस गर्मी तुम कहीं भ्रमण करने का कार्यक्रम बना रहें हो। मेरी यह हार्दिक इच्छा है कि यह गर्मियों की छुट्टियां तुम मेरे साथ बिताओ। मैंने ग्रीष्मकाल में अपने गांव जाने का कार्यक्रम बनाया है। गर्मी में वहीं सारी दोपहरी आम के बगीचों में आम तोड़ते हुए बिताना तथा शाम को लहलहाते खेतों में घूमना मन को बहुत शांति देता है। अगर तुम साथ रहोगे तो आनंद और भी दोगुना हो जाएगा। मेरी इस योजना पर विचार करना तथा अपना उत्तर मुझे जल्द ही देना।

माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना और छोटू को प्यार देना। पत्रोत्तर की परीक्षा में

तुम्हारा मित्र अभिन्न मित्र,
राम

औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र में अन्तर

क्या आप जानते है औपचारिक पत्र (Formal Letter) और अनौपचारिक पत्र (Informal Letter) में क्या अन्तर है। यहाँ हम आपको इन दोनों प्रकार के पत्र लेखन से सम्बंधित अन्तर के विषय में जानकारी देने जा रहें है। इन जानकारियों को आप नीचे दी गई सारणी के माध्यम से जान सकते है। ये सारणी निम्न प्रकार है –

क्रम संख्या औपचारिक पत्र (Formal Letter)अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
1.औपचारिक पत्र के अंतर्गत प्रार्थना पत्र, सरकारी पत्र, गैर सरकारी पत्र, व्यावसायिक पत्र आदि आते है।अनौपचारिक पत्र के अंतर्गत माता-पिता, पापा, भाई, बहन आदि को लिखे जाने वाले पत्र आते है।
2.औपचारिक पत्रों को सरकारी सूचनाओं तथा संदेशों का विश्लेषण होता है।अनौपचारिक पत्र पर्सनल बातो पर लिखा जाता है जिसमे पारिवारिक लोग, दोस्त, रिश्तेदार आदि आते है।
3.अनौपचारिक पत्रों में शिष्ट भाषा का प्रयोग किया जाता है।इन पत्रों का उपयोग सामान्य या भावात्मक, स्नेह, दया, सहानुभूति आदि भावनाओं से परिपूर्ण भाषा प्रयोग किया जाता है।
4.इन पत्रों महत्व विशेष कार्यो के लिए होता है।अनौपचारिक पत्रों को लिखने का कोई मुख्य उद्देश्य नहीं होता है। इनका उपयोग सामान्य बातचीत के लिए भी किया जाता है।
5.औपचारिक पत्रों को लिखने का एक औपचारिक उद्देश्य होना आवश्यक होता है।किसी निजी व्यक्ति को बधाई देने हेतु, शोक सूचना देने हेतु, विवाह, जन्मदिवस पर आमंत्रित करने हेतु, आदि के लिए अनौपचारिक पत्रों का प्रयोग किया जाता है।
6.औपचारिक पत्रों में विषय को मुख्यता तीन अनुच्छेदों में विभाजित किया जाता है।हर्ष, दुःख, उत्साह, सहानुभूति, क्रोध, नाराज़गी, सलाह, इत्यादि भावनाओं को अनौपचारिक पत्र के माध्यम से व्यक्त करना।
Hindi Patra Lekhan से जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर (FAQ)
Patra Kitne Prakar Ke Hote Hain?

हिंदी लेखन पत्र दो प्रकार के होते है जैसे – औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र।

औपचारिक पत्र कौन से होते है ?

औपचारिक पत्र वह पत्र होते है जिसके अंतर्गत कार्यालयी पत्र, सरकारी पत्र, व्यावसायिक पत्र और प्रार्थना पत्र आदि आते है। इस पत्रों को निधारिक प्रारूप में लिखा जाता है और इन पत्रों की भाषा औपचारिक या पेशेवर होती है।

अनौपचारिक पत्र कौन से होते है ?

अनौपचारिक पत्र वह पत्र होते है जो अपने रिश्तेदारों, मित्र या करीबी परिचित को लिखे जाते है। ऐसे पत्रों में कभी-कभी भावात्मकता भी छलकती है क्योंकि यह पत्र मित्रों और परिचितों को लिखे जाते है और ऐसे व्यक्तियों से हमारे भाव जुड़े होते है। इस पत्रों को अनौपचारिक भाषा में लिखा जाता है।

पत्र का क्या उपयोग है ?

पत्र का उपयोग करके कोई भी व्यक्ति अपनी बातों को एक कागज पर लिखकर दूसरे व्यक्ति तक सन्देश के रूप में भेज सकता है। पत्र को पढ़कर उस व्यक्ति को जानकारी प्राप्त होगी उसके बाद वह आपको आपके पत्र के उत्तर में वापस पत्र लिखकर भेजेगा।

पत्र लेखन किसे कहते हैं ?

पत्र लेखन कागज पर पेन के माध्यम से समाचारों एवं अपने विचारों को लिखकर अन्य व्यक्ति को प्रदान करना पात्र लेखन कहलाता है।

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