प्रदूषण की समस्या पर निबंध | Pardushan ki Samasya par Nibandh for 10th & 12th

संतुलित पर्यावरण में ही जीवन का विकास संभव है। प्रकृति द्वारा जिस पर्यावरण का निर्माण किया गया है वह सभी जीवधारियों के अनुकूल है। जनसंख्या की असाधारण वृद्धि और औद्योगिकीकरण की प्रगति ने प्रदूषण की समस्या को जन्म दिया है। इस समस्या ने आज ऐसा विकराल रूप धारण कर लिया है जिससे पूरी मानवता पर संकट आ गया है।

प्रदूषण वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है। जो आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत समाज में तेजी से फ़ैल रहा है। प्रदूषण के कारण मनुष्य जिस वातावरण या पर्यावरण में रह रहा है वह दिन-प्रतिदिन खराब होता जा रहा रहा है। जैसे कि आप सभी जानते ही है भारत एक अधिक जनसंख्या वाला देश है। हालाँकि भारत की जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

प्रदूषण विश्व की एक सबसे बड़ी समस्या है, जो कम होने की बजाय प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। प्रदूषण की वजह से पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जन्तुओ की विभिन्न प्रकार की घातक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। प्राकृतिक संतुलन में भी प्रदूषण के कारण दोष पैदा हुआ है। यहाँ हम आपको प्रदूषण की समस्या पर निबंध कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र कैसे लिखें ? प्रदूषण की समस्या पर निबंध | लिखने के लिए नीचे दी गई जानकारी को पढ़ें –

Pardushan ki samasya par nibandh for 10th & 12th प्रदूषण की समस्या पर निबंध
Pardushan ki samasya par nibandh for 10th & 12th

प्रदूषण क्या है ?

प्रदूषण की समस्या पर निबंध

संतुलित पर्यावरण में ही जीवन का विकास संभव है। प्रकृति द्वारा जिस पर्यावरण का निर्माण किया गया है वह सभी जीवधारियों के अनुकूल है। जनसंख्या की असाधारण वृद्धि और औद्योगिकीकरण की प्रगति ने प्रदूषण की समस्या को जन्म दिया है। इस समस्या ने आज ऐसा विकराल रूप धारण कर लिया है जिससे पूरी मानवता पर संकट आ गया है। वायु, जल या भूमि के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में होने वाले ऐसे अनचाहे परिवर्तन जो जीव समुदाय के लिए किसी न किसी रूप में हानिकारक सिद्ध होता है, उसे ही प्रदूषण कहा जाता है।

प्रदूषण की समस्या पर निबंध

प्रदूषण की समस्या विश्व के से सबसे बड़े दुख का कारण बन चुका है। वायु, जल, भोजन तथा ध्वनि का प्रदूषण नगरों और कस्बो में अपनी विकराल शक्तियों एवं सीमाओं का प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि संसार के समस्त जीव-जंतु, छोटे-छोटे प्राणी और नागरिक प्रदूषण की समस्या के शिकार बनते जा रहे है। वायु प्रदूषण की समस्या कारखानों, वाहनों और चूल्हे से होने वाले धुएं से फैलता है। वायु प्रदूषण मानव जीवन के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है।

इसके कारण नगरों में रहने वाले लोग कैंसर, आँखों के रोग, फेफड़ो के रोग आदि से ग्रस्त हो रहे है। सम्पूर्ण भारत में नदियां व नालो का प्रयोग कारखाने और मानव गंदेनाले के तौर पर किया जाता है। यहाँ तक कि सबसे पवित्र नदी माने जाने वाली गंगा नदी भी आज के समय में दूषित हो चुकी है। इसके अलावा अन्य प्रमुख नदियों का भी यही हाल है। इसी दूषित जल का प्रयोग नहाने और पीने में करने से मानवो को गंभीर रोग जैसे – हैजा,वाइरल बुखार आदि जकड़ लेते है।

दूषित जल का प्रयोग भोजन बनाने के लिए भी किया जाता है जिसके फलस्वरूप भोजन की दूषित हो जाता है। इसके अतिरिक्त भोजन हवा, खादों और रासायनिक पदार्थो के कारण भी दूषित हो रहा है। वायु और जल प्रदूषण के साथ साथ संसार में ध्वनि प्रदूषण की समस्या भी बहुत अधिक है। ध्वनि प्रदूषण का सबसे अधिक प्रकोप शहरो और राजमार्गो पर नजर आता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण अब तक बहुत से लोग अपनी सुनने की शक्ति खो बैठे है या फिर उन्हें कम सुनने लगा है। उच्च शोर के स्तर से दिमागी बीमारियां और उच्च रक्त चाप यानी ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसमें व्यक्ति अपना संतुलन भी खो बैठता है।

हालांकि प्रदूषण को रोकने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के उपाय भी किये गए है। दिल्ली में जब प्रदूषण विरोधी अभियान जैसे -सीएनजी बसों के चलने, प्रदूषणकारी फैक्टरियों से बाहर ले जाने तथा मेट्रो रेल सेवा शुरू होने के बाद से प्रदूषण नियंत्रित कर्ण में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। 8 वर्षो से पुराने व्यापारिक वाहनों को चलाने पर रोक लगा दी गई है।

प्रदूषण कितने प्रकार के होते है ?

आज के पर्यावरण में प्रदूषण को निम्न रूपो में देखा जा सकता है। मुख्य रूप से प्रदूषण चार प्रकार के होते है। जिनके बारे में हम आपको नीचे दी गई जानकारी में विस्तारपूर्वक बतायेंगे। जानिए प्रदूषण के प्रकार के बारे में –

  • वायु प्रदूषण
  • जल प्रदूषण
  • ध्वनि प्रदूषण
  • मृदा प्रदूषण

वायु प्रदूषण (प्रदूषण की समस्या पर निबंध )

मानव जीवन के लिए वायु का होना बहुत आवश्यक है। जानकारी के लिए बता दें सबसे अधिक वायु प्रदूषण कारो,रेलगाड़ियों, आदि ने निकलने वाले धुएं से होता है। स्वच्छ वायु में रासायनिक सूक्ष्म पदार्थ, धूल, जहरीली गैसे, जैविक पदार्थ कार्बोनडाईऑक्साइड आदि के कारण वायु प्रदूषण होता है। वायु प्रदूषण की समस्या के कारण लोगो को सांस लेने में परेशानी तथा बहुत सी बीमारियां हो जाती है। वायु प्रदूषण की समस्या को रोकने के लिए सबसे अच्छा उपाय है की पर्यावरण में शुद्ध वायु को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाए जाने चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना बहुत आवश्यक है। वायुमंडल पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव

  • वायु प्रदूषण के कारण अशुद्ध हवा हमारे शरीर में पहुंचने से विभिन्न प्रकार की बिमारियां होने का खतरा होता है।
  • इसके अलावा वायु प्रदूषण के कारण अन्य जीव जन्तुओ को भी सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।
  • वायु प्रदूषण के कारण विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होने से जीव जन्तुओ और मानव की जान भी जा सकती है।

जल प्रदूषण (प्रदूषण की समस्या पर निबंध)

स्वच्छ जल है जीवन धारा,
जल प्रदूषण रोके यही उद्देश्य है हमारा।

जल पर्यावरण का एक अभिन्न अंग है। जल के बिना हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है। इसलिए कहा जाता है जल ही जीवन है। परन्तु आज औद्योगिकीकरण के युग में धरती पर जल प्रदूषण एक लगातार बढ़ती समस्या बनता जा रहा है। जो मानवो के साथ-साथ जीव-जन्तुओ को भी प्रभावित कर रहा है। मानव गतिविधियों के द्वारा उत्पन्न जहरीले पदार्थ प्रदूषको से पीने का पानी का गंदा होना ही जल प्रदूषण है।

दूसरे शब्दों में, जल के भौतिक व रासायनिक स्वरूप में परिवर्तन करना ही जल प्रदूषण कहलाता है। नदी, झीलों, तलाबो और समुद्र के पानी में ऐसे पदार्थ मिल जाते है। जिससे पानी प्राणियों और जीव-जंतुओं के प्रयोग करने हेतु योग्य नहीं रहता है। इसी वजह से हर एक जीव जो जल पर आधारित होता है वह जल प्रदूषण से अत्यधिक प्रभावित होता है।

जल प्रदूषण के कारण

  • औद्योगिकीकरण के परिणामस्वरुप आज कारखानों की संख्या में वृद्धि हुई है लेकिन इन कारखानों को लगाने से पूर्व इनके अवशिष्ट पदार्थो को नदियों, नहरों, तलाबो, आदि अन्य स्रोतों में बहा दिया जाता है। जिससे जल में रहने वाले जीव-जन्तुओ और पेड़-पौधों पर तो बुरा प्रभाव पड़ता ही है साथ ही जल भी पीने योग्य नहीं रहता दूषित हो जाता है।
  • जनसंख्या वृद्धि से मलमूत्र हटाने की एक गंभीर समस्या का समाधान नासमझी में यह किया गया है कि मलमूत्र को आज नदियों व नहरों में बहा दिया जाता है। जिसके कारण जल दूषित होता है।

ध्वनि प्रदूषण (प्रदूषण की समस्या पर निबंध)

ध्वनि प्रदूषण की समय हमारे देश में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। ध्वनि प्रदूषण केवल मानव जाति के लिए ही घातक नहीं है यह अन्य जीव जन्तुओ के लिए भी हानिकारक है। ध्वनि प्रदूषण उद्योगों में लगी बड़ी मशीनों, हॉर्न, शादी व पार्टियों में लाऊड स्पीकर बजाना, बड़े वाहनों जैसे – बीएस, ट्रैक्टर, बुलडोजर, आदि के कारण भी ध्वनि प्रदूषण होता है। 40 डेसीबल के ऊपर की तेज आवाज और असहनीय आवाज को ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में रखा जाता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण मनुष्य को मानसिक विकार के साथ-साथ कान की इन्द्रियों पर पूर्ण नियंत्रण नहीं रहता है।

ध्वनि प्रदूषण के कारण मनुष्य का स्वभाव काफी चिड़चिड़ा हो जाता है जिससे उसके सिर में दर्द रहता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण शहरी क्षेत्रों के मनुष्यो को बहुत सी समस्याओ का समाना करना पड़ता है। जिसमे सिर दर्द और बहरेपन की शिकायत सबसे अधिक है। यदि कोई व्यक्ति अपने रोजमर्रा के जीवन में हमेशा तेज आवाज के सम्पर्क में रहता है तो उस व्यक्ति के सुनने की शक्ति समाप्त हो जाती है।

मृदा प्रदूषण (प्रदूषण की समस्या पर निबंध)

मृदा को प्रदूषित होने से बचाये,
मातृ भूमि को उपजाऊ बनाये।

औद्योगिकीकरण एवं अधिक उर्वरको के प्रयोग से उपजाऊ एवं गुणवत्तापूर्ण मिटटी के प्रदूषित हो जाने को ही मृदा प्रदूषण कहते है। मृदा पृथ्वी का एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। जो प्रत्यक्ष रूप से वनस्पति और धरती पर मानव जाति तथा पशुओ को अप्रत्यक्ष रूप से सहायता प्रदान करती है। भूमि प्रदूषण सम्पूर्ण प्राणी जगत के विकास में बाधा पहुंचाता है। क्योंकि भूमि ही प्राणी जगत के जीवन यापन के लिए भोजन व अन्य आवश्यक वस्तुओ को उत्त्पन्न करने में सक्षम है। परन्तु मानव अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए अपनी भविष्य से भी खिलवाड़ करता हुआ भूमि को प्रदूषित करता जा रहा है।

समय का सदुपयोग पर निबंध

मृदा प्रदूषण के कारण

मृदा प्रदूषण विभिन्न कारणों से होता है। आप नीचे दिए गए पॉइंट्स के माध्यम से मृदा प्रदूषण के कारणों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। ये पॉइंट्स निम्न प्रकार है –

  • रसायनो के माध्यम से मिटटी में अवांछनीय भारी तत्वों की भारी मात्रा में उपलब्ध्ता के कारण मृदा प्रदूषण मिटटी के पौषक तत्वों को कमजोर कर रहा है। दूषित भूमि फसलों और जीवो को दोनों पर नाकारात्मक प्रभाव डालती है।
  • घर, अस्पताल, स्कूल और बाजार में उपयोग की जाने वाली सामग्री में प्लास्टिक कंटेनर डिब्बे, इलेक्ट्रॉनिक समान आदि ठोस अपशिष्ट की श्रेणी में आते है। इनमे से कुछ बायोडिग्रेडेबल है और निपटान के लिए कठिन है और बड़े भूमि प्रदूषण का कारण बनता है।

प्रदूषण की समस्या तथा इससे होने वाली हानियां

बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकीकरण ने विश्व के सम्मुख प्रदूषण की समस्या पैदा कर दी है। कारखानों के धुएं से विषैले कचरे के रिसाव से तथा जहरीली गैसो के रिसाव से आज मानव जीवन समस्या ग्रस्त हो गया है। इस प्रदूषण की समस्या से मनुष्य जानलेवा बीमारियों का शिकार हो रहा है। कोई अपंग हो रहा है तो कोई बहरा हो रहा है, किसी की दृष्टि पर असर हो रहा है तो किसी का जीवन नष्ट हो रहा है। विविध प्रकार की शारीरिक विकृतियां, मानसिक कमजोरी, असधाय कैंसर व ज्वर इन सभी का मूल कारण है।

समस्या और समाधान

यहाँ हम आपको प्रदूषण की समस्या और समाधान के बारे में जानकारी देने जा रहें है। पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय हम आपको नीचे दिए गए पॉइंट्स के माध्यम से उपलब्ध करा रहे है। ये पॉइंट्स निम्न प्रकार है –

  • प्रदूषण को रोकने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में वृक्षारोपण किया जाना चाहिए।
  • इसके अलावा पेड़ो की कटाई पर रोक लगाई जानी चाहिए।
  • कारखानों को लगाने की अनुमति उन्हीं को दी जानी चाहिए जो धुएं और कचरे को निकालने की उचित व्यवस्था कर सकें।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ परमाणु परीक्षणों को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए।
  • तेज ध्वनि वाले वाहनों पर साइलेंसर आवश्यक रूप से लगाए जाने चाहिए।
  • सार्वजनिक लाउड स्पीकर के उपयोग पर नियंत्रण लगाया जाना चाहिए।
  • जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए औद्योगिक संस्थानों में उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

उपसंहार

अगर हर देशों की सरकारों के साथ-साथ देश की जनता भी पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए जागरूक हो जाये तो निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियां प्रदूषण की समस्या को सुलझा सकती है और इससे बचा जा सकता है। प्रदूषण की समस्या से बचने के लिए सभी लोगो को मिलकर निरंतर प्रयास करना होगा तभी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

Pardushan ki samasya par nibandh for 10th & 12th सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्या करना चाहिए ?

वायु प्रदूषण को रोकने से लिए अधिक से अधिक संख्या में पेड़ व पौधे लगाए जाने चाहिए।

जल प्रदूषण का कारण क्या है ?

जल प्रदूषण का मुख्य कारण कारखानों और चूल्हे से निकलने वाले धुआँ जल प्रदूषण का मुख्य कारण है।

ध्वनि प्रदूषण से कौन-कौन से रोग होते है ?

ध्वनि प्रदूषण से मानवो को बहरापन और ह्रदय रोग जैसी समस्या होती है।

जैसे कि इस लेख में हमने आपको प्रदूषण की समस्या पर निबंध कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए कैसे लिखे इससे सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराई है। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी के अलावा कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जाकर मैसेज करके पूछ सकते है। हमारी टीम द्वारा आपके सभी प्रश्नो के उत्तर अवश्य दिए जाएंगे। आशा करते है आपको हमारे द्वारा लिखा गया प्रदूषण की समस्या पर निबंध अच्छा लगा होगा।

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