OTS kya hota hai? | वन टाइम सेटलमेंट क्या होता है?

दोस्तों, अगर आपने भी कोई लोन लिया है और आप उसका भुगतान करने में विफल रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए ही है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको OTS के बारे में बताने जा रहें है। अब आप सोच रहे होंगे आखिर ये OTS है क्या ? आपकी जानकारी के लिए बता दें OTS की फुल फॉर्म One Time Settlement होती है। जिसे हिंदी में एकमुश्त भुगतान कहा जाता है।

यहाँ हम आपको बतायेंगे OTS kya hota hai? वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) फंडिंग के लिए पेशेवरों को नियुक्त करने के क्या लाभ है ? डिस्ट्रेस्ड एसेट फंडिंग क्या है ? इन सभी के विषय में हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। वन टाइम सेटलमेंट क्या होता है? से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़िए –

OTS kya hota hai?
वन टाइम सेटलमेंट क्या होता है ?

OTS kya hota hai ?

जानकारी के लिए बता दें जब कोई व्यक्ति लोन लेता है लेकिन लोन की किश्तों का भुगतान समय से नहीं कर पाता है और भविष्य में लोन भुगतान करने के कोई आसार नहीं होते है तो ऐसी स्थिति में बकाया भुगतान करने के लिए OTS यानी एकमुश्त भुगतान का सहारा लिया जाता है। हालांकि ओने टाइम सेटलमेंट करने की योजना सभी बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है लेकिन सभी कर्जदार इस योजना के पात्र नहीं होते है। ऐसे कर्जदार जो किश्तों का भुगतान समय से नहीं करते है ऐसे कर्जदारों को बैंक जानबूझकर वन टाइम सेटलमेंट का लाभ लेने से रोकते हुए खातों का निपटान करने में विवेक का प्रयोग करते है।

ऋण देने वाली संस्थाएं कर्जदार के वन टाइम सेटलमेंट के अनुरोध को अस्वीकार भी करती है क्योंकि जब उन्हें ऐसा लगता है कि कर्जदार मूल राशि और ब्याज की राशि को जमा नहीं कर पाएंगे तो वे उनके अनुरोध को अस्वीकार कर देते है। ओटीएस (एकमुश्त निपटान) अवांछनीय लागतों, मुकदमो और अन्य प्रकार की सम्बंधित चिंताओं को दूर करने में सहायता प्रदान करती है।

बैंक किन परिस्थितियों में वन टाइम सेटेलमेंट करता है ?

जैसा कि आप सभी जानते होंगे आज के समय में हर किसी को अपने किसी न किसी कार्य के लिए ऋण की आवश्यकता पड़ती है। मार्केट में ऐसी बहुत सी वित्तीय संस्थाएं मौजूद है जो ऋण उपलब्ध करवाती है। लेकिन कुछ ऋणधारक ऐसे होते हो कुछ कारण से ऋण की किश्तों का भुगतान नहीं कर पाते है। ऐसी परिस्थितियों में बैंकों को ऋणधारक से वन टाइम सेटलमेंट करने की आवश्यकता पड़ती है। यहाँ हम आपको कुछ परिस्थितियों के बारे में बताने जा रहें हैं जब वन टाइम सेटलमेंट करके ऋणधारक की मूल राशि और ब्याज का निपटान किया जाता है। ये कुछ परिस्थितियां निम्न प्रकार हैं –

  • आय का साधन न रहना
  • बिजनेस एकदम बंद पड़ जाना
  • नौकरी छूट जाना

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वन टाइम सेटलमेंट करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

उम्मीदवार ध्यान दें ऐसे नागरिक जो बैंक से अपने लोन के लिए वन टाइम सेटलमेंट करने के लिए अनुरोध करने जा रहें हैं या वन टाइम सेटलमेंट करने जा रहें हैं तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। वन टाइम सेटलमेंट करते समय ध्यान रखने योग्य बातें निम्न प्रकार हैं –

  • हमेशा ऋण देने वाली संस्थाएं ऋणधारकों से सेटलमेंट के दौरान अधिक से अधिक राशि प्राप्त करने के चक्कर में रहती है। लेकिन यहाँ आपको सोच समझकर सेटलमेंट के लिए बैंक को कम से कम राशि की बात करनी होगी। ऐसा करने से हो सकता है बैंक या ऋण देने वाली संस्थाएं आपका सेटलमेंट में कम से कम राशि लेकर करेगी।
  • हालांकि बैंक आपके द्वारा बताई गई राशि में सेटलमेंट करने से इंकार भी कर सकता है और आपको लोन की राशि का कम से कम 80 % हिस्से का भुगतान करने को कह सकता है।
  • लेकिन आपको तुरंत ही हाँ नहीं करना है आपको बैंक से लोन की 65 % या 70 % राशि का भुगतान का अनुरोध करना होगा। हालांकि आपको पहले 50 % राशि का भुगतान करने सेटलमेंट करने की बात करनी चाहिए। अगर बैंक इसके लिए राजी होता है तो आप 50 % राशि भुगतान को फाइनल करें। इससे आपको काफी हद तक राहत मिलेगी।
  • सेटलमेंट के दौरान आपको लिखित में समझौता करना चाहिए ताकि आपके पास इसका प्रूफ हो कि आपके लोन का सेटलमेंट हो चुका है और भविष्य में आपको किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

वन टाइम सेटलमेंट के नुकसान

क्या आप जानते हैं OTS (One Time Settlement) के क्या नुकसान है ? यहाँ हम आपको वन टाइम सेटलमेंट के नुकसान के विषय में जानकारी देने जा रहें हैं। वन टाइम सेटलमेंट से होने वाले नुकसान के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गए पॉइंट्स पढ़ें –

  • ऋणधारक का क्रेडिट कार्ड स्कोर डाउन हो जाता है। जिससे उन्हें भविष्य में लोन लेने में कठिनाई हो सकती है।
  • बैंक द्वारा आपको ब्लैकलिस्टिड भी किया जा सकता है यानी आपको भविष्य में कभी लोन नहीं मिल सकेगा।
  • आपका क्रेडिट कार्ड स्कोर 7 सालों तक ऐसा ही रह सकता है।

वन टाइम सेटलमेंट 2023 सम्बंधित कुछ प्रश्न और उत्तर

OTS की फुल फॉर्म क्या है ?

OTS की फुल फॉर्म One Time Settlement होती है। जिसे हिंदी में एकमुश्त भुगतान कहा जाता है।

क्या ऋण देने वाली संस्थाएं ओटीएस के अनुरोध को अस्वीकार कर सकती है ?

जी हाँ, यदि उन्हें लगता है कि वे ऋण के मूलधन और ब्याज घटकों को पूरी तरह से वसूल करने में सक्षम होंगे, तो ऋण देने वाली संस्थाएँ ओटीएस के लिए एक उधारकर्ता के अनुरोध को अस्वीकार कर सकती हैं।

क्या सभी बैंक वन टाइम सेटलमेंट की सुविधा देते है ?

जी हाँ, सभी बैंक वन टाइम सेटलमेंट की सुविधा देते हैं। लेकिन सभी कर्जधारक इस सुविधा का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं होते है।

बैंक किन परिस्थितियों में वन टाइम सेटेलमेंट करता है ?

जब ऋणधारक का बिजनेस पूरी तरह से ठप पड़ जाता है या आय का कोई साधन नहीं बचता है या फिर जो व्यक्ति नौकरी करते है और उनकी नौकर छूट जाती है तो ऐसी परिस्थितयों में बैंक वन टाइम सेटलमेंट करता है।

जैसे कि इस लेख में हमने आपसे OTS kya hota hai? 2023 और इससे जुडी समस्त जानकारी साझा की है। अगर आपको इन जानकारियों के अलावा योजना से जुडी कोई भी जानकारी चाहिए तो आप ने दिए गए कमेंट सेक्शन में मैसेज करके पूछ सकते है। हमारी टीम द्वारा आपके सभी प्रश्नों के उत्तर अवश्य दिए जायेंगे। आशा करते है आपको हमारी दी गई जानकारी से सहायता मिली होगी।

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