दुनिया में न जाने ऐसे कितने लोग है तो उत्पीड़न का शिकार हो जाते है। बहुत से बच्चे ऐसे होते है जो अनाथ है यानि जिनके माता-पिता या अन्य कोई भी अभिभावक या रिश्तेदार नहीं है और बहुत से ऐसे बेसहारा लोग है जिनके बच्चे उन्हें घर से बाहर निकाल देते है। कुछ महिलाएं जिनका तलाक हो जाता है या जिनके पति की मृत्यु हो जाती है ऐसी विधवा महिलाएं आदि को जब कोई नहीं अपनाता है तो इनके पास केवल एक ही विकल्प बचता है वो है NGO की मदद लेना। यहाँ हम आपको बतायेंगे NGO क्या है ? एनजीओ कैसे कार्य करता है ? अपना एनजीओ कैसे बनाएं ? इन सभी के विषय में पूरी जानकारी हिंदी में हम आपको देंगे।
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NGO से जुडी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़िए –
NGO क्या है ?
जानकारी के लिए बता दें जैसे कि पूरी दुनिया में ऐसे बहुत से लोग होते है जिनके पास न तो रहने के लिए घर होता है और न ही उनका कोई सहारा होता है। कई महिलाएं विधवा होती है तो कई महिलाएं तलाकशुदा होती है। कुछ बच्चों के माता-पिता या अन्य कोई सहारा नहीं होता है तो कुछ बूढ़े माँ-बाप को बच्चे घर से बहार निकाल देते है। ऐसे लोगो को जब कोई सहारा नहीं देता है तो एनजीओ ऐसे लोगो को सहारा देता है और उनकी मदद करता है।
NGO एक संस्था है। NGO की फुल फॉर्म Non Governmental Organization है। हिंदी में इसे गैर सरकारी संगठन कहा जाता है। जैसे कि आप इसके नाम से ही जान गए होंगे कि यह एक प्राइवेट संस्था है जो कि जन कल्याण के लिए कार्य करती है। एनजीओ के माध्यम से समाज की सेवा की जाती है।
एनजीओ के कार्य
जैसे कि हमने आपको बताया है कि एनजीओ एक गैर सरकार संस्था है और यह समाज के लिए कार्य करती है। एनजीओ के कार्यों में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। यहाँ हम आपको एनजीओ के द्वारा समाज कल्याण हेतु किये जाने वाले कार्यो के विषय में बताने जा रहें है। NGO के कार्य निम्न प्रकार है –
- निवास की सुविधा उपलब्ध कराना
- खान-पान की व्यवस्था करना
- शिक्षा हेतु सुविधा प्रदान करना
- स्वास्थय सम्बन्धी सुविधा प्रदान करना
- पर्यावरण के लिए कई पहल करना
- महिलाओं की सुरक्षा करना
- जल संरक्षण के लिए कार्य करना
NGO कैसे कार्य करता है ?
जानकारी के लिए बता दें यह संभव नहीं है कि केवल एक व्यक्ति एनजीओ को चला सके। बल्कि एनजीओ को चलाने के लिए न्यूनतम 7 और इससे अधिक व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। यह अपने लाभ के लिए कार्य नहीं करते बल्कि समाज सुधार के लिए कार्य करते है। ऐसे समूह जो एनजीओ चलाते है वे किसी भी तरह से समाज सेवा कर सकते है। बहुत से ऐसे एनजीओ है जो एसिड सर्वाइवर को अपने एनजीओ में रखते है ओर उन्हें रोजगार भी दिलाते है। कुछ एनजीओ जगह जगह जाकर समाज सेवा करते है। कुछ NGO बुजुर्गो को सहारा देते है।
जानकारी के लिए बता दें कुछ एनजीओ रजिस्टर्ड करके समाज सेवा का कार्य करते है लेकिन कुछ एनजीओ ऐसे भी है जो बिना रजिस्टर्ड किये हुए भी समाज सेवा का कार्य कर रहें है। जो एनजीओं रजिस्टर्ड होते है उन्हें सरकार से कुछ सहायता मिल जाती है। जानकारी के लिए बता दें भारत में लगभग 3.2 मिलियन NGO है। भारत के सभी एनजीओ सेंट्रल सोसाइटी एक्ट के अंतर्गत काम करते है।
एनजीओ रजिस्टर कराने हेतु आवश्यक दस्तावेज
जानकारी के लिए बता दें अगर आप अपना एनजीओं खोलना चाहते है तो आपको NGO रजिस्टर कराने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इन दस्तावेजों के आधार पर ही आप NGO रजिस्टर करवा सकते है। ये जरूरी दस्तावेज निम्न प्रकार है –
- नियम और विनियम / ज्ञापन
- आईडी प्रूफ (वोटर आईडी / आधार कार्ड)
- राष्ट्रपति से शपथ पत्र
- ट्रस्ट डीड/मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन
- नियम और विनियम / ज्ञापन
- एसोसिएशन विनियमन के लेख
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट (अनिवार्य)
इन दस्तावेजों के अतिरिक्त आपके पास एनजीओं के लिए एक सेपरेट बैंक अकाउंट होना चाहिए। ताकि अगर आपको कोई डोनेशन मिलता है तो आपके उसी खाते में जमा हो।
अपना एनजीओ कैसे बनाएं ?
- सबसे पहले आपको उस क्षेत्र का चयन करना होगा जिसके लिए आप काम करना चाहते है। इस प्रकार आपको सबसे पहले अपने एनजीओ का मिशन, विजन और ऑब्जेक्टिव तय करना होगा।
- उसके बाद आपको ऐसे व्यक्तियों का समूह बनाना होगा जो समाज में परिवर्तन लाना चाहते हो।
- उसके बाद आपको अपना एनजीओ रजिस्टर कराना होगा।
- एनजीओं बनाते समय आप अपने समूह के सदस्यों को पद जैसे अध्यक्ष, सचिव, सलाहकार, सदस्य आदि बनाएं।
एनजीओं कैसे रजिस्टर करें ?
उम्मीदवार ध्यान दें भारत में एनजीओ शुरू करने के लिए तीन एक्ट बनाये गए है। आप इन तीनों में से किसी भी एक्ट के अंतर्गत अपना एनजीओ शुरू कर सकते है –
- ट्रस्ट एक्ट
- हर राज्य में अपने अलग-अलग नियम हो सकते है लेकिन ट्रस्ट एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर कराने के लिए आपके पास दो ट्रस्टी होने चाहिए। इसके बाद आपको चैरिटी कमिश्नर या रजिस्टरार के ऑफिस में एनजीओ के लिए अप्लाई करना होगा। इस एक्ट के अंतर्गत एनजीओ को रजिस्टर कराने के लिए डीड डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है।
- सोसाइटी एक्ट
- जानकारी के लिए बता दें सोसाइटी एक्ट ज्यादातर महाराष्ट्र राज्य में इस्तेमाल किया जाता है। इस एक्ट के अंतर्गत एनजीओ ट्रस्टी के तौर पर रजिस्टर किया जाता है। इसके लिए मेमोरेंडम ऑफ़ एसोसिएशन रूल्स एंड रेगुलेशन डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। साथ ही एनजीओ के लिए साथ सदस्य भी होने चाहिए।
- कंपनी एक्ट
- इसके लिए मेमोरेंडम एंड आर्टिकल्स ऑफ़ एसोसिएशन एन्ड रेगुलेशन डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता पड़ती है। इस डॉक्यूमेंट को बनाने के लिए किसी भी स्टाम्प की आवश्यकता नहीं होती है और डाक्यूमेंट्स के लिए तीन सदस्यों का होना अनिवार्य है।
ध्यान देने योग्य बाते – भारत के ऐसे कई सारे एनजीओ है जिनको आप अपना रोल मोडल बनाकर आगे बढ़ सकते है और अपना एनजीओ खोल सकते है।
NGO पूरी जानकारी हिंदी में 2022 से सम्बंधित कुछ प्रश्न और उत्तर
NGO की फुल फॉर्म Non Governmental Organization है।
एनजीओ की शुरुआत अमेरिका से की गई थी।
एनजीओ रजिस्टर कराने हेतु आवश्यक दस्तावेज निम्न प्रकार है -नियम और विनियम / ज्ञापन
आईडी प्रूफ (वोटर आईडी / आधार कार्ड)
राष्ट्रपति से शपथ पत्र
ट्रस्ट डीड/मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन
नियम और विनियम / ज्ञापन
एसोसिएशन विनियमन के लेख
निवास प्रमाण पत्र
पासपोर्ट (अनिवार्य)
एनजीओ के द्वारा किये जाने वाले कार्य निम्न प्रकार है -निवास की सुविधा उपलब्ध कराना
खान-पान की व्यवस्था करना
शिक्षा हेतु सुविधा प्रदान करना
स्वास्थय सम्बन्धी सुविधा प्रदान करना
पर्यावरण के लिए कई पहल करना
महिलाओं की सुरक्षा करना
जल संरक्षण के लिए कार्य करना
जैसे कि इस लेख में हमने आपसे NGO क्या है कैसे कार्य करता है और अपना एनजीओ कैसे बनाएं ? पूरी जानकारी हिंदी में से जुडी समस्त जानकारी साझा की है। अगर आपको इन जानकारियों के अलावा योजना से जुडी कोई भी जानकारी चाहिए तो आप ने दिए गए कमेंट सेक्शन में मैसेज करके पूछ सकते है। आपके सभी प्रश्नो के उत्तर अवश्य दिये जाएंगे। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सहायता मिलेगी।