आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको नमामि गंगे योजना क्या है? इसके बारे में बताने जा रहें हैं। जानकारी के लिए बता दें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गंगा की साफ़-सफाई और गंगा तट पर बसे गाँवों के विकास के लिए नमामि गंगा योजना की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत साफ़-सफाई पर ध्यान दिया जाएगा।
यहाँ हम आपको बताएंगे नमामि गंगे योजना क्या है? नमामि गंगे योजना का उद्देश्य क्या है ? नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत प्रमुख उपलब्धियां कौन कौन सी है ? नमामि गंगे योजना के तहत किये जाने वाले कार्य कौन से हैं ? इन सभी के विषय में हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी देने जा रहें हैं। Namami Gange Yojana 2023 सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़िए –

नमामि गंगे योजना क्या है?
उत्तर प्रदेश में गंगा के तट पर स्थित वाराणसी से संसद के लिए मई 2014 में निर्वाचित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ‘मां गंगा की सेवा करना मेरे भाग्य में है।’ गंगा नदी का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर है। 2014 में न्यूयॉर्क में मैडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, “अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी। अतः गंगा की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है”।
इस सोच को कार्यान्वित करने के लिए सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ नामक एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नदी की सफाई के लिए बजट को चार गुना करते हुए पर 2019-2020 तक नदी की सफाई पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने की केंद्र की प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी दे दी और इसे 100% केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एक केंद्रीय योजना का रूप दिया।
यह समझते हुए कि गंगा संरक्षण की चुनौती बहु-क्षेत्रीय और बहु-आयामी है और इसमंं कई हितधारकों की भी भूमिका है, विभिन्न मंत्रालयों के बीच एवं केंद्र-राज्य के बीच समन्वय को बेहतर करने एवं कार्य योजना की तैयारी में सभी की भागीदारी बढ़ाने के साथ केंद्र एवं राज्य स्तर पर निगरानी तंत्र को बेहतर करने के प्रयास किये गए हैं।
Namami Gange Yojana 2023 Highlights
उम्मीदवार ध्यान दें यहाँ पर हम आपको नमामि गंगे योजना क्या है? 2023 से सम्बंधित कुछ सामान्य जानकारी देने जा रहें हैं। इन जानकारियों को आप नीचे दी गई सारणी के माध्यम से समझ सकते हैं। ये सारणी निम्न प्रकार हैं –
आर्टिकल का नाम | नमामि गंगे योजना क्या है? |
साल | 2023 |
योजना का नाम | नमामि गंगे योजना |
किसने शुरू की | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने |
कब शुरू की गई | वर्ष 2014 में |
आधिकारिक वेबसाइट | nmcg.nic.in |
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नमामि गंगे योजना का उद्देश्य
नमामि गंगे योजना का लक्ष्य ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से गंगा तट पर बेस गाँवों के सम्पूर्ण विकास के लिए एकीकृत दृष्टिकोण है। नमामि गंगे योजना के अंतर्गत ठोस और द्रव कचरा प्रबंधन तालाबों और अन्य जलाशयों के पुनःउद्धार, जल संरक्षण परियोजनाओं, जैविक खेती बागवानी तथा औषधीय पौधों को प्रोत्साहन देने जैसे घटकों को शामिल किया जाएगा। गंगा नदी के प्रदूषण निवारण और नदी को पुनर्जीवित करने का उद्देश्य इसके सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए इसका दीहसन करने के कारण अत्यंत जटिल कार्य होगा। इस तरह के जटिल कार्यक्रम को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए समुदाय की भागीदारी आवश्यक होगी।
जानकारी के लिए बता दें गंगा के पुनर्जीवन के लिए भारी मात्रा में निवेश की आवश्यकता होगी। सरकार द्वारा पहले ही बजट को चार गुना करने के बाद भी आवश्यकताओं के हिसाब से यह पर्याप्त नहीं है। सरकार द्वारा नालियों से सम्बंधित आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा लेकिन नागरिक कचरी और पानी के उपयोग को कम कर सकते हैं। उपयोग किये गए पानी जैविक कचरे एवं प्लास्टिक के पुनर्चक्रण और इसके पुनः उपयोग से इस कार्यक्रम का बहुत फ़ायदा हो सकता है।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत प्रमुख उपलब्धियां
यहाँ हम आपको नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत प्राप्त किये जाने वाली उपलब्धियों के विषय में बताने जा रहें हैं। अगर आप भी इन उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं हैं तो आप नीचे दी गई सारणी को देख सकते हैं। ये सारणी निम्न प्रकार हैं –
क्रम संख्या | उपलब्धियां | विवरण |
1. | सीवरेज उपचार क्षमता का निर्माण | उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान राज्यों में 48 सीवेज प्रबंधन परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं और 99 सीवेज परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। इन राज्यों में 27 सीवेज परियोजनाएं निविदा के अधीन हैं और 8 नई सीवेज परियोजनाएं शुरू की गई हैं। 5658.37 (एमएलडी) की सीवरेज क्षमता सृजित करने का कार्य निर्माणाधीन है। |
2. | रिवर-फ्रंट विकास का निर्माण | 270 घाटों/श्मशान घाटों और कुंडों/तालाबों के निर्माण, आधुनिकीकरण और नवीनीकरण के लिए 71 घाट/श्मशान परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। |
3. | नदी की सतह की सफाई | घाटों और नदी की सतह से तैरने वाले ठोस कचरे के संग्रह के लिए नदी की सतह की सफाई और उसके निपटान को 11 स्थानों पर सेवा में धकेल दिया गया है। |
4. | जैव-विविधता संरक्षण | गंगा कायाकल्प के लिए एनएमसीजी के दीर्घकालिक दृष्टिकोणों में से एक नदी की सभी स्थानिक और लुप्तप्राय जैव विविधता की व्यवहार्य आबादी को बहाल करना है, ताकि वे अपनी पूरी ऐतिहासिक सीमा पर कब्जा कर सकें और गंगा की अखंडता को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभा सकें। गंगा नदी पारिस्थितिक तंत्र इसे संबोधित करने के लिए, भारतीय वन्यजीव संस्थान ( डब्ल्यूआईआई ), देहरादून, केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान ( सीआईएफआरआई ), कोलकाता और उत्तर प्रदेश राज्य वन विभाग को कई हितधारकों को शामिल करके गंगा नदी के लिए विज्ञान आधारित जलीय प्रजातियों की बहाली योजना विकसित करने के लिए परियोजनाओं से सम्मानित किया गया है। जलीय जैव विविधता के संरक्षण और बहाली के साथ। |
5. | जन जागरूकता | कार्यक्रम में सार्वजनिक आउटरीच और सामुदायिक भागीदारी के लिए एक मजबूत पिच बनाने के लिए कार्यक्रमों, कार्यशालाओं, सेमिनारों और सम्मेलनों और कई आईईसी गतिविधियों जैसी गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की गई। रैलियों, अभियानों, प्रदर्शनियों, श्रम दान, स्वच्छता अभियान, प्रतियोगिताओं, वृक्षारोपण अभियान और संसाधन सामग्री के विकास और वितरण के माध्यम से विभिन्न जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया और व्यापक प्रचार के लिए टीवी/रेडियो, प्रिंट मीडिया विज्ञापन, एडवर्टोरियल, विशेष रुप से प्रदर्शित लेख जैसे बड़े पैमाने पर प्रचार किया गया। और विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे। गंगे थीम गीत व्यापक रूप से जारी किया गया और कार्यक्रम की दृश्यता बढ़ाने के लिए डिजिटल मीडिया पर चलाया गया। एनएमसीजी ने फेसबुक , सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपस्थिति सुनिश्चित की ट्विटर , यू ट्यूब आदि। |
6. | वनीकरण | गंगा के कायाकल्प के प्रमुख घटकों में से एक ‘वानिकी हस्तक्षेप’ है , जो नदी और उसकी सहायक नदियों के साथ-साथ प्रमुख जल क्षेत्रों में वनों की उत्पादकता और विविधता को बढ़ाता है। तदनुसार, वन अनुसंधान संस्थान (FRI ), देहरादून ने अनुमानित लागत पर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा नदी तट राज्यों में 1,34,106 हेक्टेयर क्षेत्र में वनीकरण के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की।रुपये का2 293.73 करोड़। एफआरआई डीपीआर में चार प्रमुख शीर्षों के तहत काम करने का प्रावधान है। प्राकृतिक परिदृश्य, कृषि परिदृश्य, शहरी परिदृश्य और संरक्षण हस्तक्षेप। |
नमामि गंगे योजना के तहत किये जाने वाले कार्य
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत जैव विविधता संरक्षण, वनीकरण (वन लगाना), और पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। महत्वपूर्ण प्रतिष्ठित प्रजातियों, जैसे – गोल्डन महासीर, डॉल्फिन, घड़ियाल, कछुए, ऊदबिलाव आदि के संरक्षण के लिए कार्यक्रम पहले से ही शुरू किये जा चुके हैं। इसी तरह ‘नमामि गंगे’ के तहत जलवाही स्तर की वृद्धि, कटाव कम करने और नदी के पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिति में सुधार करने के लिए 30,000 हेक्टेयर भूमि पर वन लगाये जाएंगे। व्यापक स्तर पर पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए 113 रियल टाइम जल गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
प्रदूषण को कम करना (निर्मल गंगा)
प्रदूषण को कम करने से जुड़े उपायों में प्रदूषण के सभी स्रोतों से निपटना शामिल है। इसके तहत शहरों का कचरा , औद्योगिक कचरा, शहरों का ठोस कचरा, गाँवों की सफाई, खुले में शौच, खेती से जुड़े अपशिष्ट, लाशों को जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण आदि से निपटने की बात है।
नमामि गंगे योजना 2023 सम्बंधित कुछ प्रश्न और उत्तर
नमामि गंगे योजना क्या है ?
नमामि गंगे कार्यक्रम’ , एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा ‘फ्लैगशिप प्रोग्राम’ के रूप में अनुमोदित किया गया था, जिसमें प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन, राष्ट्रीय संरक्षण और कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय था।
नमामि गंगे परियोजना की अवधि कितनी है ?
नमामि गंगे परियोजना की अवधि 18 वर्ष निर्धारित की गई है।
नमामि गंगे योजना सम्बंधित आधिकारिक वेबसाइट क्या है ?
नमामि गंगे योजना सम्बंधित आधिकारिक वेबसाइट nmcg.nic.in है। इस वेबसाइट का लिंक हमने आपको अपने इस लेख में उपलब्ध करवा दिया है। इस लिंक के माध्यम से आप आधिकारिक वेबसाइट पर पहुँच सकते हैं।
जैसे कि इस लेख में हमने आपसे नमामि गंगे योजना क्या है? से जुडी समस्त जानकारी साझा की है। अगर आपको इन जानकारियों के अलावा योजना से जुडी कोई भी जानकारी चाहिए तो आप ने दिए गए कमेंट सेक्शन में मैसेज करके पूछ सकते है। आपके सभी प्रश्नो के उत्तर अवश्य दिये जाएंगे। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सहायता मिलेगी।