Monkeypox: दुनियाभर में काफी समय से कोरोना वायरस जैसी भयानक बिमारी के संक्रमण के बीच यूरोप के कई देशों में एक अन्य बीमारी जिसे मंकीपॉक्स वायरस के नाम से जाना जा रहा है, इसके मामलों के सामने आने की पुष्टि की जा रही है। यूरोप में मंकी पॉक्स के 7 मामलों के बाद अब अमेरिका के मैसाचुसेट्स डिपार्टमेंट ऑफ़ पब्लिक हेल्थ ने इस वायरस के एक नए मामले के मिलने की जानकारी दी है। Monkeypox से संक्रमित इस व्यक्ति को लेकर रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने बताया की हाल ही इस व्यक्ति ने कनाडा की यात्रा की थी, जिसके बाद अब इसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस वायरस को लकेर यूरोप व उत्तरी अमेरिका की एजेंसियों द्वारा इस साल मई के शुरआत में दर्जनों मामले और 8 कन्फर्म मामलों की पुष्टि की गई है।
क्या है मंकीपॉक्स (Monkeypox) वायरस ?
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वाइरल संक्रमण है, जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैलता है, इस वायरस की खोज पहली बार साल 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदर में की गई थी। मंकीपॉक्स वायरस का किसी इंसान पर पहला मामला साल 1970 में अफ्रीका के कांगो रिपब्लिक में पाया गया था। जिसका संक्रमण किसी भी संक्रमित जानवर जैसे गिलहरी, चूहा, खरगोश, बंदर के संपर्क में आने, या उसके काटने से इंसान में फैल सकता है, यह वायरस छुआछूत की तरह की एक व्यक्ति से दूसरे में छींकने, खांसने, संक्रमित व्यक्ति के कपडे या बिस्तर या कोई भी अन्य चीजों का उपयोग करने पर तेजी से फैलता है। मंकीपॉक्स दिखने में चेचक बिमारी का ही बड़ा रूप है, जिसके लक्षण भी चेचक जैसे ही दिखाई देते हैं। यदि किसी व्यक्ति पर संक्रमण अधिक हो जाए तो उसमें निमोनिया के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
जानिए मंकीपॉक्स संक्रमण के लक्षण
Monkeypox से संक्रमित व्यक्ति में आमतौर पर पहले लक्षणों के दिखने में 5 से 21 दिन के बीच का समय लगता है। इस बीच व्यक्ति के शरीर में लक्ष्यों के दिखने के दौरान बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, अत्यधिक थकान, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में सूजन, पीठ दर्द आदि शामिल है, इन लक्षणों के 4 से 5 दिन बाद चेहरे व शरीर के अन्य हिस्सों में भी चेचक की तरह ही दाने दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। जिसे ठीक होने में दो से चार हफ्तों का समय लग जाता है, इसी बीच घाव सख्त होने लगते हैं, शरीर में फैले दाने धीरे-धीरे सूखने लगते हैं और पपड़ी के रूप में बदलकर गिर जाते हैं। संक्रमण अधिक न होने पर बीमारी अपने आप समय लेकर ठीक हो जाती है, लेकिन तबियत अधिक खराब होने पर इम्युनिटी कमजोर पड़ने लगती है जिसमे निमोनिया होना से व्यक्ति की स्थिति गंभीर भी हो सकती है।
क्या है मंकीपॉक्स का इलाज
आमतौर पर Monkeypox बीमारी से संक्रमित व्यक्ति कुछ ही हफ़्तों में स्वस्थ देखभाल से ठीक हो सकता है, मगर इस बिमारी को लेकर डब्लूएचओ के मुताबिक़ मध्य अफ्रीका में ऐसे मामले देखें गए हैं, जहाँ बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध न होने के चलते 10 संक्रमित लोगों में से एक के लिए यह रोग जानलेवा हो सकता है। इस बिमारी के संक्रमण को रोकने के लिए अभी तक कोई विशेष इलाज नहीं है, इस पर संक्रमित व्यक्ति को स्मालपॉक्स का टीका लगाया जा सकता है और संक्रमण अधिक ना होने पर व्यक्ति को कुछ हफ़्तों तक आइसोलेशन में रखकर साफ़ सफाई का ध्यान रखते हुए दूसरों में संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है।
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